Taliban New Government: अफगानिस्तान में आखिरकार तालिबान की नई सरकार, एक क्लिक में जानें सब कुछ
Taliban New Government: अफगानिस्तान को पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने के बाद तालिबान ने आखिरकार अपनी सरकार का गठन कर लिया. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है.
Taliban New Government: तालिबान ने मंगलवार को अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. मंत्रिमंडल में अमेरिका नीत गठबंधन और तत्कालीन अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है. इसमें वैश्विक स्तर पर आतंकी नामित किए गए हक्कानी नेटवर्क के एक नेता को गृह मंत्री का प्रभार सौंपा गया है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने काबुल में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि 'नयी इस्लामिक सरकार' में संगठन की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद प्रधानमंत्री होंगे जबकि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे.
हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और सोवियत विरोधी क्षत्रप जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बनाया गया है और मंत्रिमडल में एक भी महिला सदस्य नहीं है. तालिबान ने समावेशी सरकार गठित करने का वादा किया था, लेकिन मंत्रिमंडल में हजारा समुदाय का एक भी सदस्य नहीं है.
उप सूचना मंत्री नियुक्त किए गए मुजाहिद ने कहा कि अंतरिम सरकार में मुल्ला अमीर खान मुत्तकी नए विदेश मंत्री होंगे जबकि शेर मोहम्मद अब्बास स्तनिकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया है. तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री होंगे. इसी तरह, मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी को वित्त मंत्री बनाया गया है और कारी फसिहुद्दीन बदख्शानी नए सेना प्रमुख होंगे.
मुजाहिद ने कहा, ' मंत्रिमंडल का गठन पूरा नहीं हुआ है और यह केवल कार्यवाहक मंत्रिमंडल है. हम देश के अन्य हिस्सों से भी लोगों को इसमें शामिल करने का प्रयास करेंगे.' ‘डॉन’ अखबार की खबर के मुतााबिक, कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन ने एक लिखित बयान में अफगानिस्तान की जनता को 'विदेशी फौजों की वापसी, कब्जे की समाप्ति और देश की पूर्ण स्वतंत्रता' की बधाई दी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के शीर्ष नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने खुद अफगानिस्तान के नए प्रमुख के रूप में मुल्ला हसन का नाम प्रस्तावित किया. तालिबान के पिछले शासन के अंतिम वर्षों में अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर काबुल में तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था.
मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं. उन्होंने ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था.
सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में है. अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की साजिश में भी वह कथित रूप से शामिल था.
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