(Source: ECI / CVoter)
परिवार, इस्लाम और सऊदी छोड़ भागी रहाफ ने किया भविष्य की सबसे बड़ी योजना का एलान
दुनिया की नज़रों में रहाफ तब आईं जब वो बैंकॉक के अपने होटल से ट्वीट करके अपना हाल बयां कर रही थीं. वो अपने होटल के कमरे में फंस गई थीं क्योंकि थाईलैंड के अधिकारियों ने उनके ऑस्ट्रेलिया जाने पर रोक लगा दिया था.
टोरंटो: अंतरराष्ट्रीय सनसनी बनीं सऊदी अरब की रहाफ मोहम्मद अल कुनुन ने बड़ा एलान किया है. सऊदी अरब से भागकर पहले बैंकॉक और फिर कनाडा पहुंचने वाली रहाफ अब महिला अधिकारों की जंग लड़ेंगी. परिवार और इस्लाम त्यागकर सऊदी से भागी रहाफ को कनाडा ने अपना लिया है. कनाडा पहुंचने के बाद के पहले सार्वजनिक संबोधन में रहाफ ने महिला अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई का एलान किया.
दुनिया की नज़रों में रहाफ तब आईं जब वो बैंकॉक के अपने होटल से ट्वीट करके अपना हाल बयां कर रही थीं. वो अपने होटल के कमरे में फंस गई थीं क्योंकि थाईलैंड के अधिकारियों ने उनके ऑस्ट्रेलिया जाने पर रोक लगा दिया था. ट्वीट पर जब उन्होंने परिवार द्वारा दी गई यातनाओं की कहानी सुनाई तो उनके इस दर्द को ट्विटर यूज़र्स ने #SaveRahaf नाम की एक मुहिम का रूप दे दिया.
आपको बता दें कि शनिवार को जब रहाफ कनाडा पहुंचीं तो यहां की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने उन्हें रिफ्यूजी यानी शरणार्थी का दर्जा दे दिया. अरबी में तैयार किए गए एक प्रेस स्टेटमेंट को पढ़ते हुए रहाफ ने कहा, "आज से लेकर आने वाले समय तक मैं दुनिया भर की महिलाओं की आज़ादी के समर्थन में काम करूंगी." उन्होंने कहा कि ये वैसी ही आज़ादी होगी जैसी उन्होंने कनाडा में आने के बाद पहले दिन महसूस की.
उन्हें सऊदी अरब के पुरूष गार्जियन के तले रहने वाली महिलाओं की आज़ादी की बात करते हुए कहा कि वो चंद ख़ुशकिस्मत महिलाओं में से हैं. उन्होंने सऊदी द्वारा महिलाओं की आज़ादी के हनन की निंदा की. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें पता है कि ऐसी बदकिस्मत महिलाएं भी रही हैं जिनकी भागने की कोशिशें नाकाम रहीं और वो लापता हो गईं और वो अपनी किस्मत बदलने के लिए कुछ नहीं कर पाईं.
सामान्य जीवन जीना चाहती हैं रहाफ आपको बता दें कि इसके पहले रहाफ ने बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे उन्हें नई ज़िंदगी मिल गई. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उनका प्लान शिक्षा हासिल करके कनाडा में नौकरी करने और 'सामान्य जीवन बिताने' का है. वो ऐसा इसलिए कह रही हैं क्योंकि उन्होंने सऊदी से भागकर थाईलैंड पहुंचने के बाद अपने परिवार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे जिससे साफ था कि वहां उनकी ज़िंदगी सामान्य नहीं थी.
क्यों भागीं रहाफ और क्या है पूरा मामला रहाफ ने कहा कि वो सऊदी अरब के अपने घर में ये सब नहीं कर सकती थीं, जिसकी वजह से वो डरकर भाग गईं. रहाफ ने बैंकॉक से टोरंटो पहुंचने के दो दिन बाद कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन को बताया कि कनाडा आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा, "मैंने जो रिस्क लिया वो यहां आकर सफल हुआ." जबरन शादी से बचने के लिए परिवार से भागने और निर्वासन से बचने के लिए बैंकॉक हवाई अड्डे पर होटल के कमरे से निकलने से मना करने वाली रहाफ को संयुक्त राष्ट्र ने शरणार्थी का दर्जा दिया था.
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्रालय को संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी समिति यूएनएचसीआर ने शरणार्थी के तौर पर उनके पुनर्वास के लिए उनका मामला ट्रांसफर कर दिया था. रहाफ मोहम्मद अल-कुनून (18) ने कहा था कि उन्हें डर है कि अगर उन्हें वापस सऊदी जाने के लिए मजबूर किया गया तो उसके रिश्तेदार उन्हें मार डालेंगे क्योंकि उन्होंने इस्लाम त्याग दिया है.
वो शनिवार को कुवैत से उनसे बचकर बैंकॉक की उड़ान में बैठकर आ गई. उसका मकसद यहां से ऑस्ट्रेलिया जाकर शरणार्थी की याचिका डालने का था. लेकिन ऑस्ट्रेलिया से पहले कनाडा ने उन्हें शरणार्थी का दर्जा देकर अपना लिया. रहफ को बैंकॉक के एयरपोर्ट से एयरपोर्ट अधिकारियों ने डिपोर्ट करने की कोशिश की थी. लेकिन उन्होंने अपनी आपबीती को लाइव ट्वीट किया जिससे वो वापस सऊदी भेजे जाने से बच गईं.
यूएनएचसीआरसी का जोर इस बात पर रहा है कि शरण की मांग करने वाले किसी भी व्यक्ति को उस देश में वापस नहीं भेजा जाना चाहिए जहां से वो भागा है. बैंकॉक में अपने दूतावास के बाहर मीडिया को बांटी गई एक छोटी सी प्रेस विज्ञप्ति में सऊदी सरकार ने कहा था कि उन्होंने रहफ के निर्वासन की मांग नहीं की है, क्योंकि ये एक 'पारिवारिक मसला' है, लेकिन इसके ऊपर दूतावास की 'नज़र' बनी हुई है.
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