Pakistan Crisis: 'अर्थव्यवस्था का पटरी पर लौटना मुश्किल, 87 फीसदी लोगों को नहीं मिल रहा ठीक से खाना', पूर्व मंत्री ने इमरान पर लगाए ये आरोप
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने कहा कि सरकार को अपने खर्चों को कम करना चाहिए. देश में कई चीजों को बदलना होगा.
Pakistan Former Minister On Economic Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक संकट अब धीरे-धीरे और गंभीर रूप लेता जा रहा है. देश में महंगाई चरम पर है. इस बीच पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) ने शनिवार (4 मार्च) को कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था का पटरी पर लौटना बहुत ही मुश्किल है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है.
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री (Pakistan Former Minister) मिफ्ताह इस्माइल ने ये भी दावा किया कि देश के 87 फीसदी लोगों को ठीक से खाना नहीं मिल रहा है.
'अर्थव्यवस्था की बहाली मुश्किल'
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने शनिवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की बहाली एक मुश्किल काम है और अल्लाह से देश पर दया करने की उम्मीद है. मिफ्ताह ने कराची में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक सुधार बहुत मुश्किल काम है और देश को चल रहे आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए बलिदान करना होगा.
पूर्व मंत्री ने सरकार को क्या दी सलाह?
मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि संघीय सरकार को अपने खर्चों को कम करना चाहिए. उनका कहना है कि पाकिस्तान को समृद्ध बनाने के लिए चीजों को बदलना होगा. पूर्व मंत्री ने इस बात पर भी खेद जताया कि प्रांतीय सरकार टैक्स संग्रह नहीं करती है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति एक वर्ष में की गई गलतियों के कारण नहीं है, बल्कि 75 वर्षों का सामूहिक परिणाम है.
पाकिस्तान में भुखमरी का संकट
अर्थव्यवस्था की बदहाली के बीच पाकिस्तान में भुखमरी की समस्या बढ़ गई है. पाकिस्तान के पूर्व मंत्री मिफ्ताह ने दावा किया कि 87 फीसदी पाकिस्तानियों को जितना खाना चाहिए, उतना नहीं मिलता है. जिन जिलों में पानी गंदा है, वहां बच्चे शारीरिक रूप से काफी कमजोर हैं. सिंध, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पंजाब के गांवों में रहने वाले बच्चे 70 साल से संकट में हैं.
भारत से विकास की तुलना
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने अपने देश की प्रगति की तुलना अपने पड़ोसी देशों से की. उन्होंने कहा, "भारत में इस साल आईटी सेक्टर में 150 बिलियन डॉलर का निर्यात होगा''. उन्होंने विस्तार से बताया कि आज भारत में 23 आईटी कैंपस हैं. पाकिस्तान को समृद्ध बनाने के लिए चीजों को बदलना होगा. कोविड-19 के बाद पाकिस्तान को बहुत सारी रियायतें मिलीं, लेकिन अपनी समस्याओं को हल करने के लिए पर्याप्त नहीं थीं. प्रांतों को पैसा देकर, सरकार पहले ही घाटे में है.
इमरान खान पर निशाना
मिफ्ताह इस्माइल ने पूर्व पीएम इमरान को भी निशाने पर लिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ किए गए समझौते के खिलाफ जाकर देश को संकट में डाल दिया. पेट्रोल और डीजल को सस्ती दरों पर बेचकर आईएमएफ समझौता तोड़ा गया. बाहरी कर्ज तो दूर पाकिस्तान अब स्थानीय कर्ज के चंगुल में भी फंस गया है.