Indonesia Earthquake: इंडोनेशिया में कांपी धरती, तटीय इलाके में आया 6.2 तीव्रता का भूकंप
Indonesia Earthquake Update: इंडोनेशिया के तट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 की मापी गई.
Indonesia Earthquake News: इंडोनेशियाई के सुमात्रा तट पर सोमवार (16 जनवरी) तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने जानकारी दी कि इंडोनेशिया के तट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मैग्निट्यूड की मापी गई. यूएसजीएस की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, भूकंप इंडोनेशिया के सिंगकिल शहर से 40 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व इलाके में आया.
भूकंप जनित नुकसान की फिलहाल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है. इंडोनेशिया भारतीय और प्रशांत महासागर के बीच दक्षिणपूर्व एशिया और ओशिनिया वाले क्षेत्र में आता है. इंडोनेशिया में 17,000 से ज्यादा टापू हैं. सिंगकिल इंडोनेशिया के आचे प्रांत का एक शहर है. यह आचे सिंगकिल रीजेंसी की राजधानी है. इस इलाके में की जलवायु ऐसी है कि यहां सालभर भारी से बहुत भारी बारिश होती है.
मेदान शहर में महसूस किए गए झटके
भूकंप की तीव्रता को लेकर अलग-अलग एजेंसियों ने अलग-अलग आंकड़े बताए हैं जोकि 6.0 की तीव्रता के आसपास के हैं. इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी (BMKG) ने भी कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई. यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप के केंद्र से करीब 120 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्वोत्तर में मेदान शहर में झटके महसूस किए गए.
इंडोनेशिया में इस वजह से आते हैं भूकंप
प्रशांत 'रिंग ऑफ फायर' पर अपनी स्थिति के कारण इंडोनेशिया अक्सर भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधि का अनुभव करता है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं. 21 नवंबर को मुख्य जावा द्वीप पर आबादी वाले पश्चिम जावा प्रांत में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी वजह से 602 लोग ने जानें गंवा दी थीं. ज्यादातर पीड़ितों की मौत इमारतों के गिरने या भूस्खलन की वजह से हुई थी.
ये विनाशकारी भूकंप लाया था सुनामी
सुमात्रा द्वीप पर सबसे घातक भूकंपों में से एक 26 दिसंबर, 2004 को आया था, जिसकी वजह से हिंद महासागर में सुनामी आई थी. इसमें 230,000 से ज्यादा लोगों ने जानें गंवाई थीं. इसके पीड़ितों में इलाके से दूर वाले श्रीलंका, भारत और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे. तब 9.1-तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसके कारण 30-मीटर (100-फुट) ऊची लहरें उठी थीं जो सुमात्रा के बैंडा आचे के तट से टकराई थीं.
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