![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
कोरोना संकट से निपटने के लिए यूरोपियन यूनियन देगा 750 अरब यूरो का ऐतिहासिक पैकेज
इतिहास की एक बड़ी मंदी का सामना करने के लिए यूरोपीय संघ के देश 750 अरब यूरो का कोरोना वायरस कोष बनायेंगे. इसमें आंशिक तौर पर साझा उधारी शामिल होगी.
![कोरोना संकट से निपटने के लिए यूरोपियन यूनियन देगा 750 अरब यूरो का ऐतिहासिक पैकेज European Union will give a historic package of 750 billion euros to deal with the Corona crisis कोरोना संकट से निपटने के लिए यूरोपियन यूनियन देगा 750 अरब यूरो का ऐतिहासिक पैकेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/16000814/CORONA-1-3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
ब्रसेल्स: यूरोपीय संघ के नेताओं के बीच आखिरकार चार दिन की मशक्कत के बाद मंगलवार को 1,820 अरब यूरो (2,100 अरब अमेरिकी डॉलर) के बजट और कोरोना वायरस सुधार कोष पर किसी तरह सहमति बन गई. इससे पहले इन नेताओं के बीच एक लंबी शिखर बैठक के दौरान धन और शक्ति को लेकर कई बार तीखी नोकझोंक हुई.
इतिहास की एक बड़ी मंदी का सामना करने के लिए यूरोपीय संघ के देश 750 अरब यूरो का कोरोना वायरस कोष बनायेंगे. इसमें आंशिक तौर पर साझा उधारी शामिल होगी. यह कोष वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों को ऋण एवं अनुदान के रूप में दिया जायेगा.
इसके बाद यूरोपीय संघ के सात साल के लिए 1,000 अरब यूरो के बजट पर सहमति बनी. पहले कुल अनुदान 500 अरब यूरो प्रस्तावित था, जिसे घटाकर 390 अरब यूरो कर दिया गया.
बेल्जियम की प्रधानमंत्री सोफी विल्मेस ने कहा, ‘‘इससे पहले कभी भी ईयू ने भविष्य में इस तरह निवेश नहीं किया था.’’ फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा, ‘‘परिणाम एतिहासिक होंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने साथ मिलकर कर्ज लेने की संभावनाएं तैयार की हैं और एकजुटता की भावना के तहत एक सुधार कोष स्थापित किया है.’’
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा, ‘‘यह असाधारण महामारी है, जो हम सभी तक पहुंच गई है. इसके लिए असाधारण और नए तरीकों की जरूरत है.’’मर्केल ने कहा, ‘‘हमने यूरोपीय संघ की अगले सात वर्षों के लिए वित्तीय नींव रखी है और यूरोपीय संघ के इस सबसे बड़े संकट का सामना करने की दिशा में कदम उठाया है.’’
मैक्रों ने कहा, ‘‘जब जर्मनी और फ्रांस एक साथ खड़े होते हैं, तो वे कुछ भी कर सकते. लेकिन अगर वे एक साथ खड़े नहीं होते, तो कुछ भी संभव नहीं.’’
इससे पहले मर्केल और मैक्रों कुल 500 अरब यूरो का अनुदान चाहते थे, लेकिन नीदरलैंड के नेतृत्व वाले पांच अमीर उत्तरी देशों ने इस तरह के खर्चों में कटौती की मांग की और वे चाहते थे कि अनुदान के साथ सख्त आर्थिक सुधारों की शर्त को भी जोड़ा जाए.
इसके बाद अनुदान की राशि को घटाकर 390 अरब यूरो कर दिया गया, और इन पांच देशों को इस बात की गारंटी दी गई कि अनुदानों को आर्थिक सुधारों से जोड़ा जाएगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/68e69cdeb2a9e8e5e54aacd0d8833e7f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)