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नस्लवाद को लेकर छलका ऋषि सुनक का दर्द, बोले- 'यह चुभता है, छोटे भाई-बहनों के लिए सुने अपशब्द'
Rishi Sunak: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने नस्लवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि यह चुभता है. इस दौरान उन्होंने बताया कि वह भी नस्लवाद को महसूस कर चुके हैं.
![नस्लवाद को लेकर छलका ऋषि सुनक का दर्द, बोले- 'यह चुभता है, छोटे भाई-बहनों के लिए सुने अपशब्द' British PM Rishi Sunak tells How Racism Affected His Childhood Says people used slurs for his younger siblings नस्लवाद को लेकर छलका ऋषि सुनक का दर्द, बोले- 'यह चुभता है, छोटे भाई-बहनों के लिए सुने अपशब्द'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/02/04/ce599442faee2fceb944548870f40e0d1707066159407865_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Rishi Sunak On Racism: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने नस्लवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नस्लवाद का हर रूप पूरी तरह से अस्वीकार्य है. एक स्थानीय न्यूज चैनल से बात करते हुए सुनक ने बताया कि उन्होंने बचपन में नस्लवाद को महसूस किया. इसके चलते उनके माता-पिता ने उन्हें नाटक की एक्स्ट्रा क्लास के लिए भेजा, ताकि वह अन्य बच्चों की तरह अच्छी तरह से बोल’सकें.
साल 2022 में सुनक ने उस दिन इतिहास रच दिया था, जब दिवाली के दिन सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुने जाने के बाद महाराजा चार्ल्स तृतीय ने उन्हें भारतीय मूल के पहले व्यक्ति के रूप में ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया. हिंदू धर्म मानने वाले 43 साल के सुनक ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने. वह ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं.
'माता-पिता ने एक्स्ट्रा क्लास में भेजा'
आईटीवी न्यूज से बातचीत में सुनक ने बताया कि उनके माता-पिता इसके प्रति दृढ़ थे कि उन्हें अन्य बच्चों के अनुरूप ढलना चाहिए और अच्छी तरह बोलना चाहिए. सुनक ने कहा कि इसके लिए उनके माता-पिता ने उन्हें नाटक की अतिरिक्त कक्षा के लिए भेजा.
'चुभता है नस्लवाद'
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा न होना कठिन है और जाहिर तौर पर मैंने एक बच्चे के रूप में नस्लवाद का अनुभव किया है.’’ इस दौरान सुनक ने अपने छोटे भाई-बहनों के लिए अपशब्द सुनने के दर्द को भी याद किया. उन्होंने कहा कि नस्लवाद चुभता है और उस तरह से पीड़ा पहुंचाता है, जो अन्य चीजें नहीं पहुंचातीं.
भारतीय विरासत पर चर्चा की
सुनक ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन्होंने जो कुछ अनुभव किया वह अब उनके बच्चों के साथ नहीं होगा. अपनी भारतीय विरासत पर चर्चा करते हुए सुनक ने कहा कि उनके माता-पिता चाहते थे कि वह और उनके भाई-बहन अन्य लोगों के अनुरूप ढलें.
उन्होंने आगे कहा कि उनकी मां इस बात को लेकर विशेष रूप से सचेत थीं कि उनके बच्चे कैसे बोलते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मां जिन चीजों को लेकर बहुत ज्यादा जुनूनी थीं, उनमें से एक यह थी कि वह उच्चारण पर जोर दिए बिना ठीक से बातचीत कर सकें. सुनक ने कहा कि नस्लवाद का कोई भी रूप पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
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