एक्सप्लोरर

महासागरों में तैर रहा है 170 ट्रिलियन प्लास्टिक का कचरा, इंसानी जीवन के लिए कितना बड़ा है ये खतरा

नए शोध के मुताबिक महासागरों में साल 2005 के बाद से माइक्रोप्लास्टिक्स का कचरा बढ़ा है. जबकि साल 2005 में ही इन कचरों को महासागरों से हटाया गया था.

दुनिया के महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर पिछले 15 सालों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. एक रिसर्च के मुताबिक महासागरों में 170 ट्रिलियन प्लास्टिक के टुकड़े जमा हो गए हैं. जिनका वजन लगभग 2 मिलियन मीट्रिक टन है. रिसर्च में ये कहा गया है कि अगर कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की जाएगी तो साल 2040 तक ये कचरे तीन गुना तक बढ़ सकते हैं. 

प्लास्टिक के इन कचरों में माइक्रोप्लास्टिक्स सबसे ज्यादा है. परेशान करने वाली बात ये है कि 2005 में इन कचरों का ज्यादातर हिस्सा हटा दिया गया था. अब रिसर्च में ये साबित हुआ कि साल 2005 के बाद से इन कचरों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

5 गाइरेंस इंस्टीट्यूट (कैलिफोर्निया) की लिसा एम एर्डल और मार्कस एरिक्सन, मूर इंस्टीट्यूट फॉर प्लास्टिक पॉल्यूशन रिसर्च (कैलिफोर्निया) के विन काउगर, स्टॉकहोम रेजिलिएंस सेंटर (स्वीडन) की पेट्रीसिया विलाररूबिया-गोमेज़ के अलावा छह शोधकर्ताओं ने इस मुसीबत से तुरंत निजात के लिए कदम उठाने को कहा है . 

दस साल से कम समय में बढ़ी ये गंदगी

विलाररुबिया गोमेज ने अपने एक बयान में ये कहा कि महासागरों की स्थिति उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब है. 2014 में यह अनुमान लगाया गया था कि समुद्र में 5 ट्रिलियन प्लास्टिक के कचरे थे. अब दस साल से भी कम समय बाद ये गंदगी 170 ट्रिलियन पर पहुंच चुकी है. 

क्या आने वाले समय में महासागरों में जमा इन प्लास्टिकों में बढ़ोत्तरी होगी ?

रिसर्च में बताया गया है कि आने वाले समय में इन प्लास्टिक में इजाफा होगा. शोधकर्ताओं ने 40 साल की अवधि के बीच दुनिया भर के 11,000 से ज्यादा स्टेशनों से प्लास्टिक के नमूने लिए थे. 40 साल के बीच के इस शोध में साल 1979 और 2019 के बीच के नमूने लिए गए थे. 

रिजल्ट में 1990 तक कोई परिणाम नहीं मिला, लेकिन 1990 और 2005 के बीच इसके परिणामों में उतार-चढ़ाव देखा गया. इस दौरान महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण की मात्रा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. 

2005 के बाद तेजी से हुई बढ़ोत्तरी

लिसा एर्डले ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि शोध पत्र लिखते समय मैंने ये पाया कि 2005 के बाद से महासागरों में जमा प्लास्टिक में तेजी से वृद्धि हुई है. महासागरों के प्रदूषण को काबू करने की कुछ नीतियां भी है लेकिन शोध के नतीजों को देख के ऐसा लग रहा है कि समुद्र में प्लास्टिक के कचरों को नियंत्रित करने में ये कोई खास काम नहीं कर पाईं.  

इस अध्ययन में उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण अटलांटिक, उत्तरी प्रशांत, दक्षिण प्रशांत, भारतीय और भूमध्यसागरीय महासागरों में नमूनों की जांच की गई. लिसा एर्डले का ये भी कहना था कि 2005 के बाद से हमने दुनिया में 5,000,000 टन से ज्यादा नए प्लास्टिक का उत्पादन किया है, और ज्यादा प्लास्टिक के इस्तेमाल से ज्यादा प्रदूषण पनपा है.  

अध्ययन में ये बताया गया है कि समुद्र में माइक्रोप्लास्टिक्स सहित प्लास्टिक के कचरों की एकाग्रता 2000 के दशक के मध्य से महासागरों में आसमान छू रही है. शोधकर्ताओं ने आगे इस बात का जिक्र किया कि अगर दुनिया भर के देश इस मुद्दे पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं करते हैं तो 2040 तक जलीय वातावरण में बहने वाले प्लास्टिक में 2.6 गुना बढ़ोत्तरी होगी. 

माइक्रोप्लास्टिक महासागरों और समुद्री जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं?

हाल के कई अध्ययनों ने समुद्री जीवों में माइक्रोप्लास्टिक्स का पता लगाया है. फाइटोप्लांकटन से व्हेल और डॉल्फिन तक के लिए ये माइक्रोप्लास्टिक्स खतरनाक साबित हो सकते हैं. नए शोध पेपर के सह-लेखकों में से एक एरिक्सन के मुताबिक ऐसे कणों का अंतर्ग्रहण समुद्री जीवों के लिए यांत्रिक समस्याएं पैदा कर सकता है. 

यांत्रिक समस्याओं का मतलब जलीय जीवों में भोजन न पचने और समुद्र के अंदर ऑक्सीजन न ले पाने जैसी दिक्कतों से है. 

शोध में ये कहा गया कि प्लास्टिक का सेवन करने से जलीय जीवों जैसे व्हेल या डॉल्फिन मे रासायनिक समस्याएं पैदा होती हैं. माइक्रोप्लास्टिक्स कई हाइड्रोफोबिक यौगिकों जैसे डीडीटी, पीसीबी और अन्य औद्योगिक रसायन को अवशोषित करते हैं. सबूत ये बताते हैं कि उन्हें निगलने पर जलीय जीवों को जान का खतरा होता है.  

माइक्रोप्लास्टिक्स महासागरों के कार्बन चक्र में भी रुकावट पैदा करते हैं. शोध के मुताबिक प्लास्टिक से बने कार्बन युक्त छर्रों से कार्बन की चट्टाने दोबारा से बनती है. वायुमंडल को सबसे ज्यादा खतरा इसी से होता है. 

शोध में कहा गया है कि अगर जोप्लैंक्टोन (एक तरह का जलीय जीव)  माइक्रोप्लास्टिक्स खा लेता है तो वो अपने अंदर कंज्यूम किया कार्बन समुद्र तल तक ले जाता है. इससे पूरे समुद्री जिव को नुकसान होता है.

ज़ोप्लांकटन समुद्र में पाए जाने वाला एक ऐसा जिव है जो कार्बनिक अपशिष्ट को विघटित करता है. ज़ोप्लांकटन को जलीय प्रणालियों के जैविक समुदायों के आवश्यक घटकों में से एक माना जाता है. ये जिव समुद्र की ट्रॉफिक श्रृंखलाओं में प्राथमिक उपभोक्ता माना जाता है.

साथ ही समुद्र में रह रहे दूसरे जीवों के बीच एक लिंक भी बनाता है. यानी समुद्र में जमा हो रहे ये प्लास्टिक समुद्री खाद्य श्रृंखला के लिए एक गंभीर खतरा है.

इंसानी जीवन के लिए कितना बड़ा है ये खतरा, जानिए

साल 1907 में पहली बार प्रयोगशाला में कृत्रिम प्लास्टिक की खोज हुई. तब आविष्कारक लियो बकलैंड ने कहा था कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो मेरा ये आविष्कार एक नए भविष्य की रचना करेगा. उस दौरान प्रसिद्ध पत्रिका टाइम ने अपने मुख्य पृष्ठ पर लियो बकलैंड की तस्वीर छापी थी और उनकी फोटो के साथ लिखा था कि ये ना जलेगा और ना पिघलेगा.’

जब 80 के दशक में धीरे-धीरे पॉलीथिन की थैलियों ने कपड़े के थैलों, जूट के बैग, कागज के लिफाफों की जगह लेनी शुरू की तो सच में ये एक नए भविष्य की रचना ही थी. 

आज सालों बाद 'न जलेगा न पिघलेगा’ जो इसका सबसे बड़ा गुण था, वही इसका सबसे बड़ा अवगुण बन गया है. प्लास्टिक की थैलियों में बाजार से सामान लाए जाते हैं, और हर कोई इसे घर के बाहर फेंक देता है, लेकिन इन प्लास्टिक के थैले को नष्ट होने में हजारों साल लग जाते हैं. 

गौर करने वाली बात ये है कि इस दौरान ये मिट्टी में या पानी में जहां भी रहते हैं अपने विषैले तत्व आस-पास के वातावरण में छोड़ते रहते हैं. जो मानव जीवन के लिए खतरा पैदा कर रहा है. 

धरती से समुद्र में कैसे पहुंच जाते हैं ये प्लास्टिक

भारत में लगभग 65 मिलियन टन ठोस अपशिष्ट जनित होता है जिसमें से लगभग 62 मिलियन टन नगरीय ठोस अपशिष्ट के रूप में वर्गीकृत है.  इस ठोस अपशिष्ट का लगभग 75 से 80 प्रतिशत ही 4355 नगर निकायों में जाता है. बाकी बचे अपशिष्ट प्राकृतिक रूप से नदियों के माध्यम से अंततोगत्वा समुद्र में पहुंचकर समुद्री मलबे का हिस्सा बनते हैं.

साल 2021-22 में भारत में कुल प्लास्टिक की मांग लगभग 20.89 मिलियन टन थी. कुल मांग का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा प्लास्टिक कूड़े में बदल जाता है और लैंडफिल या डंप साइट का हिस्सा बन जाता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नई दिल्ली की 2019-20 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल 3.46 मिलियन टन प्लास्टिक अपशिष्ट के रूप में जमा हुआ था.

समुद्र में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक अब धीरे-धीरे मनुष्य के आहार श्रंखला का हिस्सा भी बनते जा रहे हैं. हाल ही में यूनाइटेड नेशन ने भी अपने एजेंडा 2030 में ये कहा कि वैश्विक स्तर पर 2025 तक सभी देशों को मरीन पॉल्यूशन / मरीन लिटर को कम करने के लिए सभी तरह के जमीन और जल आधारित प्रदूषण को रोकने और कम करने की तत्काल जरूरत है. 

महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है ?

ताजा हुए शोध में शोधकर्ताओं में ये सुझाव दिया कि एकल-उपयोग यानी सिंगल यूज प्लास्टिक को फेंकने से लेकर प्लास्टिक के उत्पादन को सीमित करने के लिए एक वैश्विक नियम बनाने की तत्काल जरूरत है.

शोध में ये सुझाव दिया गया है कि हमें शहरों में अपने कचरे के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होने की जरूरत है.  इससे शहर के हर एक क्षेत्र से कचरा खत्म होगा. नए प्लास्टिक उत्पादों में रासायनिक एडिटिव्स की मात्रा को कम करना भी समाधान हो सकता है. 

शोध में रीसाइक्लिंग पर काफी जोर दिया गया है. यानी प्लास्टिक का इस्तेमाल करके यूज्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल नए उत्पादों में किया जाए.  शोधकर्ताओं ने ये कहा कि प्लास्टिक बनाने वाले उद्योग इस बारे में तकनीकी रूप से मदद कर सकते हैं. 

शोधकर्ताओं ने इस बात पर परेशानी जताई कि पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक खरीदने को लेकर कोई नियम नहीं है  इसलिए रीसाइक्लिंग नाकामयाब हो रही है.

भारत में सिंगल यूज और मल्टी लेयर प्लास्टिक कितनी बड़ी समस्या है

1 जुलाई 2022 से भारत सरकार ने कुल 19 तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है . प्रतिबंधित उत्पादों के इस्तेमाल नहीं किए जाने के लिए भारत सरकार के ने पिछले 6 सालों से लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि खर्च की है. जिसका अहम मकसद प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता अभियान और कोस्टल क्लीनिंग ड्राइव या तटीय क्षेत्रों की सफाई का अभियान चलाया जाना है. 

इसके बावजूद कोई ठोस नतीजा सामने निकल कर नहीं आया है. ठोस कार्रवाई के अभाव में आज भी समुद्री मलबे या मरीन लिटर में मल्टी लेयर प्लास्टिक, प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स, प्लास्टिक बोतल, सिगरेट बड्स, पैकेजिंग सामान बड़े पैमाने पर मिल रहे हैं. 

 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

India vs Mexico Currency: भारत पर जिसने लगाया 50 फीसदी टैरिफ, उस मेक्सिको की करेंसी कितनी मजबूत, हैरान कर देगा आंकड़ा
भारत पर जिसने लगाया 50 फीसदी टैरिफ, उस मेक्सिको की करेंसी कितनी मजबूत, हैरान कर देगा आंकड़ा
दिल्ली के जाफराबाद में देर रात 2 सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या, बुआ के बेटों पर मर्डर का शक
दिल्ली के जाफराबाद में देर रात 2 सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या, बुआ के बेटों पर मर्डर का शक
Oman Vs Indian Rupee: ओमान जाएंगे पीएम मोदी, वहां के 500 भारत में बना देंगे लखपति, करेंसी की वैल्यू उड़ा देगी होश
ओमान जाएंगे पीएम मोदी, वहां के 500 भारत में बना देंगे लखपति, करेंसी की वैल्यू उड़ा देगी होश
1996 विश्व कप विजेता कप्तान को जेल में बंद करेगा भारत का ये पड़ोसी देश, 23.5 करोड़ रुपये के तेल घोटाले का आरोप 
1996 विश्व कप विजेता कप्तान को जेल में बंद करेगा भारत का ये पड़ोसी देश, 23.5 करोड़ रुपये के तेल घोटाले का आरोप 

वीडियोज

Crime News: यमुनानगर में सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझी, आरोपी बिलाल गिरफ्तार | Haryana
दिलजले आशिक की खौफनाक दस्तक
'नबीन' अध्यक्ष.. बंगाल है लक्ष्य? | Nitin Nabin | BJP | PM Modi | Janhit With Chitra
Vodafone Idea में तूफानी तेजी! AGR Moratorium की खबर से शेयर 52-Week High पर| Paisa Live
क्या Delhi छोड़कर ही सांसें सुरक्षित हैं? Pollution से परेशान राजधानी | Bharat Ki Baat With Pratima

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India vs Mexico Currency: भारत पर जिसने लगाया 50 फीसदी टैरिफ, उस मेक्सिको की करेंसी कितनी मजबूत, हैरान कर देगा आंकड़ा
भारत पर जिसने लगाया 50 फीसदी टैरिफ, उस मेक्सिको की करेंसी कितनी मजबूत, हैरान कर देगा आंकड़ा
दिल्ली के जाफराबाद में देर रात 2 सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या, बुआ के बेटों पर मर्डर का शक
दिल्ली के जाफराबाद में देर रात 2 सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या, बुआ के बेटों पर मर्डर का शक
Oman Vs Indian Rupee: ओमान जाएंगे पीएम मोदी, वहां के 500 भारत में बना देंगे लखपति, करेंसी की वैल्यू उड़ा देगी होश
ओमान जाएंगे पीएम मोदी, वहां के 500 भारत में बना देंगे लखपति, करेंसी की वैल्यू उड़ा देगी होश
1996 विश्व कप विजेता कप्तान को जेल में बंद करेगा भारत का ये पड़ोसी देश, 23.5 करोड़ रुपये के तेल घोटाले का आरोप 
1996 विश्व कप विजेता कप्तान को जेल में बंद करेगा भारत का ये पड़ोसी देश, 23.5 करोड़ रुपये के तेल घोटाले का आरोप 
विक्की कौशल ने आलिया भट्ट को दिखाई बेटे की तस्वीर? एक्ट्रेस का रिएक्शन हुआ वायरल
विक्की कौशल ने आलिया भट्ट को दिखाई बेटे की तस्वीर? एक्ट्रेस का रिएक्शन हुआ वायरल
दिल की सेहत के लिए रामबाण इलाज, रोज पिएं ये 6 ड्रिंक्स जिससे कंट्रोल में रहेगा कोलेस्ट्रॉल
दिल की सेहत के लिए रामबाण इलाज, रोज पिएं ये 6 ड्रिंक्स जिससे कंट्रोल में रहेगा कोलेस्ट्रॉल
20 लाख दहेज और ब्रीजा कार न मिली तो जयमाला से पहले वापस कर दी बारात, रथ पर बैठे दूल्हे का वीडियो वायरल
20 लाख दहेज और ब्रीजा कार न मिली तो जयमाला से पहले वापस कर दी बारात, रथ पर बैठे दूल्हे का वीडियो वायरल
Bull and Bear Stock Terms: शेयर मार्केट में बुल एंड बियर का क्या होता है मतलब, जानें कहां से आए ये नाम?
शेयर मार्केट में बुल एंड बियर का क्या होता है मतलब, जानें कहां से आए ये नाम?
Embed widget