By: एबीपी न्यूज़/एजेंसी | Updated at : 10 Nov 2016 07:19 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के मद्देनजर कांग्रेस भी किसानों के मुद्दे को भुनाने की कोशिश में जुट गई है. खाट सभा कर किसानों को लुभाने की कोशिश कर चुकी कांग्रेस इस ओर अपना दूसरा कदम बढ़ाते हुए किसानों के मुद्दे पर अपनी मुखर राय रखने वाले यूपी किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित को पार्टी में शामिल करने जा रही है, जिसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार शीला दीक्षित ने कर दी है.

हजारों समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे शेखर दीक्षित
खबरों के मुताबिक शुक्रवार 11 नवंबर को किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित अपने हजारों समर्थकों के साथ शीला दीक्षित की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे. इस मौके पर कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी मौजूद रहेंगे.
हालांकि शेखर दीक्षित के खुद चुनाव लड़ने की संभावना कम है, लेकिन माना जा रहा है कि किसान मंच के कई नेता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. किसान मंच यूपी में किसानों के मुद्दे पर काफी सक्रिय रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि किसानों का एक बड़ा वोट बैंक सीधे-सीधे कांग्रेस के खाते में चला जाएगा.
किसानों के विकास की सोच रखने वाले सभी नेताओं का स्वागत
शीला दीक्षित ने शेखर दीक्षित के कांग्रेस में शामिल होने की पुष्टि करते हुए कांग्रेस में उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जिसने किसानों के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनावों में सांप्रदायिक ताकतों को हराने और किसानों के विकास की सोच रखने वाले सभी नेताओं का स्वागत है और उनके लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं.
किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करती आई हैं सभी सरकारें
इस पर किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने बताया कि किसानों के साथ सभी सरकारें सौतेला व्यवहार करती आई हैं. उन्होंने कहा कि इतने दिनों के किसान मुद्दों पर संघर्ष के बाद एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि सत्ता में दखल दिए बगैर न तो किसानों की बात सुनी जाएगी और न ही उनका विकास हो सकेगा. इसलिए किसानों की आवाज को और ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए किसान मंच आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएगा.
यूपी में कांग्रेस की सरकार
दीक्षित ने कहा कि जिस तरह राहुल गांधी ने खाट सभा के जरिए किसानों की समस्या पुरजोर तरीके से उठाई, उसका असर पूरे देश में पड़ा है. किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. इन्हीं कारणों से उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक मुद्दों को ज्यादा तरजीह देती है और उसने किसानों की बुरी तरह उपेक्षा की है. किसान मंच अपनी सक्रिय भागीदारी के साथ इस बार यूपी में कांग्रेस की सरकार बनवाने में सफल रहेगी.
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