Yes Bank: राहुल बोले- मोदी के आइडिया ने इकॉनमी बर्बाद कर दी, चिदंबरम ने कहा- क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और उनके आइडिया ने भारत की इकॉनमी को बर्बाद कर दिया है.यस बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने कमान अपने हाथ में ली.
नई दिल्ली: यस बैंक को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करके सीधे-सीधे मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके आइडिया ने भारत की इकॉनमी को बर्बाद कर दिया है. वहीं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यह सरकार और रिजर्व बैंक की नाकामी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''नो यस बैंक, मोदी और उनके विचारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है. #NoBank''
No Yes Bank.
Modi and his ideas have destroyed India’s economy. #NoBank — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 6, 2020
पी चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा, ''भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है. पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक. क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?''
भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है। पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
यस बैंक पर आरबीआई का फैसला क्या है?
2019 में 3 लाख 80 हजार 826 करोड़ रुपए की पूंजी वाले यस बैंक पर 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है. बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने कमान अपने हाथ में ली. बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिन के लिए भंग किया है. बैंक की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया. SBI के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेनशियल ऑफिसर प्रशांत कुमार यस बैंक के नए प्रशासक हैं.
खाता धारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी गई है. विशेष परिस्थितियों में 5 लाख रुपए तक खाते से निकाले जा सकते हैं. विशेष परिस्थिति का मतलब, पढ़ाई, इलाज और शादी है.
आरबीआई को क्यों उठाना पड़ा ऐसा कदम?
आरबीआई ने कदम इसलिए उठाया है ताकि बैंक की वित्तीय हालत को सुधारा जा सके. खाता धारकों के पैसों को डूबने से बचाया जा सके. RBI को ग्राहकों और बैंक की मदद के इसलिए आना पड़ा क्योंकि 2004 में शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी.
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