Covid-19 का प्रकोप घटने के चार महीने बाद यहां शुरू हुई प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री
रतलाम मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च में कोविड के प्रकोप के कारण मंडल के रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री रोक दी गई थी, जिसे महामारी के मामले कम होने पर फिर शुरू कर दिया गया है.
इंदौर: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है. हालांकि कोरोना कहर अभी पूरी तरह से थमा नहीं है. इस बीच कोविड-19 का प्रकोप घटने के मद्देनजर पश्चिम रेलवे ने रतलाम मंडल के सभी स्टेशनों पर करीब चार महीने बाद प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री फिर शुरू कर दी है. यह मंडल मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में फैला है.
रतलाम मंडल के एक जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि मार्च में कोविड-19 के भारी प्रकोप के कारण मंडल के रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री रोक दी गई थी, जिसे वैश्विक महामारी के मामले कम होने पर फिर शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इंदौर, उज्जैन, रतलाम, चित्तौड़गढ़, दाहोद, देवास, नागदा, नीमच और मंदसौर के रेलवे स्टेशनों पर प्रत्येक प्लेटफॉर्म टिकट की दर 30 रुपये तय की गई है, जबकि मंडल के अन्य स्टेशनों पर एक टिकट 10 रुपये की है. अधिकारी ने यह भी बताया कि कोविड-19 का कहर कम होने के चलते रतलाम मंडल में यात्री ट्रेनों का परिचालन तेजी से बहाल हो रहा है.
2,903 कर्मचारियों की मौत
वहीं सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से रेलवे के 2,903 कर्मचारियों की जान जा चुकी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि कोविड के कारण जान गंवाने वाले रेल कर्मियों के 2,782 मामलों में मृतक के परिजन को, उन्हें दी जाने वाली बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय रेलवे की नीति के अनुसार, सेवा के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाती है. कोविड-19 महामारी की वजह से जान गंवाने रेल कर्मियों के परिवार के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी की योजना के दायरे में रखा गया है.'
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets