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'18 की हो या 40 की, किसी को नहीं बख्शा, पुलिस ने भी मदद नहीं की', संदेशखाली की डरावनी आपबीती
संदेशखाली में महिलाओं के साथ ज्यादती के सैकड़ों मामले हैं, लेकिन सबकी कहानी एक जैसी है. महिलाओं का आरोप है कि TMC के स्थानीय नेताओं ने न सिर्फ उनकी जमीनों पर कब्जा किया, बल्कि उनका यौन शोषण भी किया.
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पश्चिम बंगाल का संदेशखाली विरोध प्रदर्शनों की आग में जल रहा है. महिलाएं सड़क पर हैं, वे अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए इंसाफ मांग रही हैं. महिलाओं के आरोप काफी गंभीर हैं. इसलिए कोलकाता से लेकर दिल्ली तक सियासत भी खूब हो रही है. पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि टीएमसी के स्थानीय नेताओं ने न सिर्फ उनकी जमीनों पर कब्जा किया, बल्कि उनका यौन शोषण भी हुआ. संदेशखाली में महिलाओं के साथ ज्यादती के सैकड़ों मामले हैं, लेकिन सबकी कहानी एक जैसी है.
भास्कर से बातचीत में एक पीड़िता ने आपबीती बताई. वह कहती है, ''13 साल से ये सब चल रहा है. शाहजहां शेख (स्थानीय टीएमसी नेता) और उसके लोगों को जो औरत अच्छी लगती, पार्टी की मीटिंग के बहाने उसे दफ्तर बुला लेते. जब तक मन नहीं भर जाता, दफ्तर में रखा जाता. कोई महिला अगर बुलाने पर नहीं आती तो उसे घर से उठा लिया जाता. मुझे 3-4 बार बुलाया गया, जब नहीं गई, तो मेरे पति के साथ मारपीट की गई. मैं क्या करती.''
भास्कर से बातचीत में एक अन्य महिला ने बताया, ''शाहजहां शेख के लोग जबरदस्ती पार्टी ऑफिस में बुलाते थे. इस मीटिंग में गांव के सभी लोग जाते थे. मीटिंग के बाद मर्दों को घर भेज दिया जाता है, जबकि महिलाओं को रोक लिया जाता. चाहें महिला 18 साल की हो या 40 साल की, उन्हें जो अच्छी लगती, उसे रोक लेते. उनके साथ गलत हरकतें करते. अगर कोई महिला दफ्तर नहीं पहुंचती तो उसके पति को उठ लेते थे.''
महिलाओं ने ये आरोप टीएमसी नेता शाहजहां शेख, TMC नेता शिवप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार और उनके लोगों पर लगाए हैं. द क्विंट से बातचीत में एक महिला ने बताया, ''सालों से संदेशखाली में महिलाओं का यौन और सामाजिक उत्पीड़न हो रहा है, लेकिन हम किसी को भी बताने से डरते थे. टीएमसी के लोग हमें देर रात पार्टी मीटिंग के नाम पर दफ्तर में बुलाते हैं. वे हमें घंटों रोकते हैं.''
क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला कहती है, ''वे हमारे लिए 'सेक्सी', 'माल' और 'आइटम' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे. हमसे इन बैठकों में और महिलाओं को लाने के लिए कहा जाता था. वो कहते थे कि हम सिर्फ मनोरंजन के लिए हैं. अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो वे हमें नहीं छोड़ेंगे. मैंने मना किया तो मेरे पति को पीटने की धमकी दी गई.'' महिलाओं का दावा है कि जब वे शिकायत करने पुलिस के पास पहुंची तो कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला गया.
संदेशखाली मामले में अब तक 18 से ज्यादा गिरफ्तार
संदेशखाली में ED ने 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में टीएमसी नेता शेख शाहजहां के यहां छापे डाले थे. इस दौरान ईडी की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इसमें तीन अधिकारी घायल हुए थे. इसके बाद से शाहजहां फरार चल रहा था. इस घटना के एक महीने बाद 9 फरवरी को संदेशखाली में आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
भीड़ ने टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा के पोल्ट्री फॉर्म में आग लगा दी. बवाल इतना बढ़ गया कि प्रशासन को इंटरनेट बंद करना पड़ा और धारा 144 लागू करनी पड़ी. इस मामले में शिवप्रसाद हाजरा को गिरफ्तार कर लिया गया. टीएमसी ने उसे पार्टी के बाहर का रास्ता दिखा दिया. सरदार समेत इस मामले में अब तक 18 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि, शाहजहां फरार है.
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