'मैं अपने हिंदू भाइयों को यह देखने की जिम्मेदारी सौंपूंगी कि...', ममता बनर्जी ने हनुमान जयंती पर हिंसा की आशंका जताई
Hanuman Jayanti: अगले दो दिनों बाद गुरुवार (6 अप्रैल) को देश में हनुमान जयंती मनाई जाएगी. इसको लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया है. उन्होंने हिंसा की आशंका जताई है.
Mamata Banerjee On Hanuman Jayanti: पिछले दिनों रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सतर्क नजर आ रही हैं. अब मंगलवार (04 अप्रैल) को उन्होंने "हिंदू भाइयों" से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के लिए कहा और दावा किया कि गुरुवार (06 अप्रैल) को जब देश हनुमान जयंती मना रहा होगा तो राज्य में हिंसा के एक और दौर की योजना बनाई जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने ये भी दावा किया है कि रामनवमी का त्योहार खत्म होने के बाद भी हथियार और बम ले जाने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता अल्पसंख्यक इलाकों में जाबूझकर इसका जुलूस निकाल रहे हैं. हुगली जिले के रिशरा और सेरामपुर में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प के एक दिन बाद बनर्जी की यह टिप्पणी आई है.
क्या बोलीं ममता बनर्जी?
दरअसल ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “मैं अपने हिंदू भाइयों को यह देखने की जिम्मेदारी सौंपूंगी कि 6 अप्रैल (हनुमान जयंती) को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार न हो.” इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने हिंदुओं से अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदायों को सुरक्षा देने का भी आग्रह किया.
बीजेपी का भी आया रिएक्शन
वहीं इसको लेकर बीजेपी नेता राहुल सिन्हा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता ये बयान सागरदिघी उपचुनाव में उनकी पार्टी की हार के बाद दे रही हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया कि हिंदू और मुस्लिम दोनों ने उनकी पार्टी से मुंह मोड़ लिया. उन्होंने कहा, “वो पहले से ही बहाना दे रही हैं ताकि अगर 6 अप्रैल को कुछ गलत होता है तो वह बीजेपी को दोष दे सकें. यह बनर्जी की अपनी पार्टी के सहयोगियों की गलतियों पर पर्दा डालने की अच्छी चाल है.”
सीपीआईएम ने क्या कहा?
सीपीआईएम की केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि अगर ममता बनर्जी को हनुमान जयंती पर संभावित हिंसा की जानकारी होती तो वह पुरबा मेदिनीपुर जिले का दौरा करने के बजाय सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए प्रशासन के साथ बैठकें कर सकती थीं. चक्रवर्ती ने कहा, "उन्हें यह पता लगाने के लिए पुलिस से मिलना चाहिए कि ये घटनाएं क्यों हुईं और सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए क्या किया जा सकता है."
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