TMC Jago Bangla: जागो बांग्ला ने शिंजो आबे की हत्या को अग्निपथ स्कीम से जोड़ा, बीजेपी ने TMC पर कसा तंज
BJP on TMC : टीएमसी के मुखपत्र जागो बांग्ला में छपे लेख के बाद सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी (BJP) नेता शिशिर बाजेरा ने जागो बांग्ला में छपे लेख को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला है.
BJP on Jago Bangla: तृणमूल कांग्रेस ने अपने मुखपत्र जागो बांग्ला के जरिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर सवाल खड़े किए हैं. जागो बांग्ला (Jago Bangla) के एक लेख में जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या को अग्निपथ स्कीम से जोड़ा गया है. इस लेख में कहा गया है कि शिंजो आबे (Shinzo Abe) का कातिल भी सेना में तीन साल काम करके रिटायर हुआ था, जिसे पेंशन भी नहीं मिलती थी और कहीं नौकरी भी नहीं मिल रही थी. इसी प्रकार केंद्र सरकार अग्निपथ स्कीम ला रही है.
जागो बांग्ला में छपे लेख के बाद सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी (BJP) नेता शिशिर बाजेरा ने जागो बांग्ला में छपे लेख पर कहा है कि जब देश शोक मना रहा है और झंडा आधा झुका है, तब इसे पढ़कर सभी बंगालियों का सर शर्म से झुक गया है.
TMC ने अग्निपथ स्कीम को शिंजो की हत्या से जोड़ा
टीएमसी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' ने 'शिज़ो की हत्या में अग्निपथ छाया' शीर्षक से एक लेख छापा है. इसमें भारत में सेना भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ स्कीम के साथ शिंजो आबे की हत्या को जोड़ा है. लेख में कहा गया है कि शिंजो आबे की हत्या भारत की अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रतिरोध को मजबूत करेगी क्योंकि आबे के हत्यारे ने बिना पेंशन के ही सेना में काम किया था.
'जागो बांग्ला' क्या कहा गया है?
'जागो बांग्ला' के लेख में कहा गया है कि शिंजो आबे पर हमला करने वाला बिना पेंशन के जापानी सेना में काम करता था. तीन साल बाद उसने नौकरी खो दी थी और तब से उसके पास कोई नौकरी नहीं थी. असुरक्षा के कारण शिंजो आबे के प्रति उनका गुस्सा था. भारत में भी केंद्र सरकार अग्निपथ योजना के जरिए सेना में भर्ती कर रही है और इसके खिलाफ युवाओं में काफी गुस्सा है.
बीजेपी ने टीएमसी पर कसा तंज
टीएमसी के मुखपत्र (TMC Mouthpiece) 'जागो बांग्ला' (Jago Bangla) में छपे लेख के बाद राजनीति भी गरमाती दिख रही है. बीजेपी नेता शिशिर बाजेरा ने जागो बांग्ला में छपे लेख पर टीएमसी पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि जब देश शोक मना रहा है और झंडा आधा झुका है, तब इसे पढ़कर सभी बंगालियों का सर शर्म से झुक गया है.
ये भी पढ़ें: