Swati Maliwal Case: CM हाउस से पुलिस लाई 'सीलबंद मिस्ट्री बॉक्स', CCTV फुटेज से मिलाएगी स्वाति मालीवाल और विभव कुमार के बयान
Swati Maliwal Assault Case: स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास पर हुई कथित मारपीट के मामले में पुलिस ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्ड (डीवीआर) सीज किया है.
Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर हुई अभद्रता और मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचेगी. पुलिस के साथ एफएसएल की टीम होगी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के पीएम विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ जारी है.
दरअसल, दिल्ली पुलिस अब स्वाति मालीवाल के बयान और विभव कुमार से अब तक हुई पूछताछ के आधार पर जब्त डीवीआर की फुटेज चेक करेगी. दिल्ली पुलिस ये जानना चाहती है कि जो बयान स्वाति मालीवाल ने दिया, विभव कुमार ने जो पूछताछ में बताया और सीसीटीवी के डीवीआर की घटना वाले दिन की रिकॉर्डिंग आपस में मेल खाती है या नहीं.
FSL की टीम एक बार फिर जा सकती है सीएम हाउस
वहीं, दिल्ली पुलिस की टीम सीएम आवास पहुंची और जब वो वहां से निकली तब पुलिस के हाथ एक सील बंद बॉक्स भी था जिसमें कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट है. इसमें डीवीआर भी हो सकता है. इसके साथ ही एफएसएल की टीम सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन पहुंच गई है. एफएसएल की टीम दोबारा सीएम हाउस पुलिस के साथ जा सकती है. अब ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन्वेस्टिगेंटिग टीम विभव को साथ लाती है या नहीं.
दिल्ली पुलिस ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास का डिजिटल वीडियो रिकॉर्ड (डीवीआर) सीज कर लिया. मालीवाल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार ने 13 मई को सीएम आवास के भीतर उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें पीटा. पुलिस ने मामला दर्ज कर शनिवार को विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में एक स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पुलिस ने अदालत में क्या कहा?
पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसे जो सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराया गया है वह ब्लैंक है. कुमार ने अपना मोबाइल फोन पुलिस को दिया लेकिन पासवर्ड नहीं बताया. इसके अलावा कुमार ने खराबी का बहाना बनाकर एक दिन पहले अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था. पुलिस ने अदालत को बताया कि फोन को फॉर्मेट करने से पहले उसके डाटा को क्लोन करना होता है. इसलिए, उनके फोन के डाटा को वापस हासिल करने के लिए उन्हें मुंबई ले जाया जाएगा क्योंकि डाटा रिट्रीव करने के लिए विशेषज्ञों के समक्ष उनकी उपस्थित जरूरी है.
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