एक्सप्लोरर
Advertisement
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में बुलडोज़र पर SC ने लगाया ब्रेक, पूरे देश में ऐसी कार्रवाई रोकने की मांग पर भी जारी किया नोटिस
Supreme Court Jahangirpuri Demolition: सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले पर नोटिस जारी किया है.
![Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में बुलडोज़र पर SC ने लगाया ब्रेक, पूरे देश में ऐसी कार्रवाई रोकने की मांग पर भी जारी किया नोटिस Supreme Court halt of all demolition activities in Delhi’s Jahangirpuri area ANN Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी में बुलडोज़र पर SC ने लगाया ब्रेक, पूरे देश में ऐसी कार्रवाई रोकने की मांग पर भी जारी किया नोटिस](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/04/21/49b1ab44a930e8de7b45db7ec81831cf_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जहांगीरपुरी में चला बुलडोजर
Supreme Court Jahangirpuri Demolition: अगले 2 हफ्ते तक दिल्ली के जहांगीरपुरी में नगर निगम के बुलडोजर थमे रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले पर नोटिस जारी किया है. साथ ही, देश के दूसरे शहरों में चल रही ऐसी कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका को भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बुलडोजर एक्शन पर रोक सिर्फ दिल्ली के जहांगीरपुरी तक सीमित है. देश के दूसरे हिस्सों में चल रही कार्रवाई पर उसका यह आदेश लागू नहीं होगा.
16 अप्रैल को हुई थी हिंसा
16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद इलाके में हिंसा फैल गई थी. कल यानी 20 अप्रैल को दिल्ली नगर निगम का दस्ता इलाके में हुए अवैध निर्माण को हटाने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंच गया. जमीयत उलेमा ए हिंद ने कल ही आनन-फानन में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की. इसे सुनते हुए सुबह 10:45 पर चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. हालांकि, इसके करीब 2 घंटे बाद तक कार्रवाई चलती रही.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच ने सुनाया आदेश
आज यह मामला जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच में लगा. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कार्रवाई पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कानूनन अवैध निर्माण हटाने से पहले 5 से 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. लेकिन नगर निगम ने ऐसा कुछ नहीं किया. अतिक्रमण हटाने के नाम पर यह पूरी कार्रवाई एक समुदाय को निशाना बनाने की है. दवे ने यह भी कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने नगर निगम को कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी और अगले दिन बुलडोजर जहांगीरपुरी पहुंच गए. दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनियां हैं. इन में 50 लाख लोग रहते हैं. सभी इलाकों को छोड़ जिस तरह से जहांगीरपुरी में नगर निगम ने बुलडोजर पहुंचा दिया, उसके साफ है कि एक्शन अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं, बल्कि एक समुदाय को प्रताड़ित करने के लिए लिया गया.
इन दलीलों का विरोध करते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जहांगीरपुरी में 19 जनवरी से ही अतिक्रमण विरोधी चल रहा है. यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है. कोई भी स्थानीय निवासी इस कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट में नहीं गया. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अवैध निर्माण कर रखा है और कोर्ट में उन्हें कागजात दिखाने पड़ते. मेहता ने कहा कि प्रभावित लोग कानून के आधार पर की जा रही कार्रवाई को चुनौती नहीं देते, लेकिन जमीयत उलेमा ए हिंद जैसा संगठन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाता है. इस तरह स्थिति को जटिल बनाया जाता है और कानूनी कार्रवाई को सांप्रदायिक और राजनीतिक रंग दे दिया जाता है.
नगर निगम की कार्रवाई को गंभीरता से ले रहा है सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान दुष्यंत दवे के अलावा वरिष्ठ वकील संजय हेगडे, पी वी सुरेंद्रनाथ और एम आर शमशाद ने जजों को बताया कि कल कोर्ट के आदेश के बावजूद करीब डेढ़ घंटा तक नगर निगम ने अपनी कार्रवाई को नहीं रोका. जजों ने कहा कि वह इस बात को गंभीरता से ले रहे हैं और आगे चल कर इस पहलू पर भी विचार किया जाएगा. इसके बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी बात रखनी शुरू की. सिब्बल ने बताया कि वह भी जमीयत उलेमा ए हिंद के लिए पेश हुए हैं, लेकिन उनकी याचिका अलग है. इस याचिका में यूपी, एमपी, गुजरात, उत्तराखंड समेत देश भर में चल रही बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती दी गई है. सिब्बल ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ एक समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही है. उन्होंने मध्य प्रदेश के एक मंत्री के बयान का हवाला दिया जिसमें हिंसा करने पर मुसलमानों को सबक सिखाने की बात की गई थी. सिब्बल ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के खरगोन में ऐसा ही हुआ. एक धार्मिक यात्रा पर पथराव के बाद नगर निगम ने कई मकानों और दुकानों को तोड़ दिया.
सिब्बल की दलील पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि कोर्ट देश के हर शहर में अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने जैसा आदेश नहीं दे सकता. जज ने यह भी कहा कि वैसे वह सिब्बल की बातों को समझ रहे हैं और उन पर आगे विचार किया जाएगा. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सिब्बल की दलीलों का खंडन करते हुए कहा कि यहां भी स्थानीय लोगों की जगह, एक संगठन मामले को उलझा रहा है. खरगोन में जिन संपत्तियों पर बुलडोजर चला है, उनमें 88 हिंदुओं की है. फिर भी मामले को सांप्रदायिक रंग देकर पेश किया जा रहा है.
सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी
करीब आधा घंटा चली सुनवाई के बाद 2 जजों की बेंच ने कहा कि मामले में विस्तार से सुनवाई की जरूरत है. इसलिए, वह सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी कर रहे हैं. मामले से जुड़े पक्ष उन पर जवाब दाखिल करें. अगली सुनवाई 2 हफ्ते बात होगी. जजों ने कहा कि यथास्थिति बनाए रखने का जो आदेश कल दिया गया था, वह अगले आदेश तक लागू रहेगा. तुषार मेहता ने इस पर स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि कोर्ट को यह साफ करना चाहिए कि यह आदेश सिर्फ दिल्ली के जहांगीर पुरी के लिए है. जजों ने कहा कि है आदेश सिर्फ एक इलाके को लेकर दाखिल याचिका पर दिया गया है. पूरे देश में चल रही या आगे होने वाली किसी कार्रवाई को लेकर आदेश नहीं दिया गया है.
यह भी पढ़ें-
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
दिल्ली NCR
विश्व
इंडिया
Advertisement
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion