असम-मेघालय के बीच हुए समझौते पर हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक, अब सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला- जानें पूरा मामला
Meghalaya Assam Border Dispute: असम और मेघालय के बीच 6 विवादित इलाकों से जुड़ा सीमा विवाद हल करने के लिए एक समझौते पर सहमति बनी थी. जिसे लेकर दोनों राज्यों के बीच एमओयू भी हुआ था.
Border Dispute: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (6 जनवरी) को निर्देश दिया कि असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को हल करने के लिए हुआ समझौता जारी रहेगा. इस समझौते के लिए असम और मेघालय के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे. जिस पर एक याचिका की सुनवाई के दौरान मेघालय हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लग गई है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जब मेघालय को असम से अलग किया गया था, तब कुछ सीमाएं राजनीतिक तौर पर तय की गई थीं. उन्होंने कहा कि असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के निपटारे को लेकर हुए एमओयू पर मेघालय हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. जिस पर चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट के आदेश पर हैरानी जताते हुए कहा कि थोड़ी देर में इस मामले को सुनेंगे.
एमओयू पर हस्ताक्षर सही नहीं- अभियोजन पक्ष
बेवसाइट लाइवलॉ के अनुसार, इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि समझौते की प्रक्रिया में आर्टिकल 3 का इस्तेमाल नहीं किया गया. जब तक इसका इस्तेमाल नहीं होता, समझौते को कैसे प्रभावी माना जा सकता है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल्स की जमीन को गैर-ट्राइबल्स जमीन में परिवर्तित किया जा रहा है.
क्या है असम-मेघालय सीमा विवाद?
उत्तर-पूर्व में असम का अपने पड़ोसी राज्य मेघालय के साथ सीमा विवाद है. मेघालय ने 1971 के असम पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती देते हुए मिकिर हिल्स के ब्लॉक I और II (कार्बी आंगलोंग जिले) को वापस किए जाने की मांग की थी. मेघालय का कहना है कि 1835 में अधिसूचित ये दोनों ब्लॉक उसके राज्य का हिस्सा थे.
असम और मेघालय के बीच 12 जगहों पर सीमा विवाद है, जिनमें से कुछ को सुलझा भी लिया गया है. असम और मेघालय के बीच इन 6 विवादित इलाकों से जुड़ा सीमा विवाद हल करने के लिए एक समझौते पर सहमति बनी थी. जिसे लेकर दोनों राज्यों के बीच एमओयू भी हुआ था.
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