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किसान आंदोलन के ​बीच रिलायंस की सफाई- कॉरपोरेट फार्मिंग और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की कोई योजना नहीं

रिलायंस ने अपने बयान में कहा- दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का फायदा उठाते हुए निहित स्वार्थी तत्वों ने रिलांयस के खिलाफ लगातार कुटिल दुर्भावनायुक्त अभियान चलाया.

मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने आज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी सब्सिडी जियो इंफोकॉम के जरिए एक याचिका पेश करते हुए उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़ की गैरकानूनी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. कंपनी ने कहा, उपद्रवियों द्वारा की गई तोड़फोड़ और हिंसक कार्रवाई से कंपनी के हजारों कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है. साथ ही दोनों राज्यों में सहायक कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सेवा आउटलेट के रोजमर्रा के कामों में व्यवधान पैदा हुआ.

कंपनी का कहना है कि तोड़फोड़ की इन कार्रवाईयों में संलिप्त उपद्रवियों को हमारे व्यावसायिक प्रतिद्वंदी और निहित स्वार्थी तत्व उकसा और साथ दे रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन का फायदा उठाते हुए उन निहित स्वार्थी तत्वों ने रिलांयस के खिलाफ लगातार कुटिल दुर्भावनायुक्त अभियान चलाया.

कंपनी ने कहा- हाईकोर्ट के समक्ष रखे गए निम्ननिखित तथ्यों से ये साफ हो जाता है कि इस अभियान का सच से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं. इन तथ्यों से स्पष्ट है कि देश में जिन तीन कृषि कानूनों पर बहस चल रही है, उनसे रिलायंस का कोई लेना-देना नहीं है. और न ही किसी भी तरह से उसे इसका कोई फायदा मिल रहा है. कृषि कानून से रिलायंस का नाम जोड़ने का एक मात्र उद्देश्य हमारे बिजनेस को नुकसान पहुंचाना और हमारी साख को नुकसान पहुंचाना है.

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग करती है न करवाती है. और न भविष्य में ऐसी न कोई योजना है.
  • कॉरपेरेट या कॉन्ट्रेक्ट खेती रिलायंस या रिलायंस की सहायक किसी भी कंपनी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती की कोई भी जमीन हरियाणा, पंजाब या देश के किसी दूसरे हिस्से से नहीं खरीदी. न भविष्य में ऐसी कोई योजना है.
  • भारत में संगठित खुदरा व्यापार ने रिलायंस रिटेल एक अग्रणी कंपनी है. ये देश की दूसरी कंपनियों निर्माताओं और आपूर्ति कर्ताओं के विभिन्न ब्रांड के खाड्य, अनाज, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं, परिधान, दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद सहित सभी श्रेणियों के उत्पादों को बेचती है या किसानों से सीधी खरीद नहीं करती. किसानों से अनुचित लाभ लेने के लिए कंपनी ने कभी भी दीर्घकालिक खरीद अनुबंध नहीं किए हैं और न ही ऐसा चाहा कि इसके आपूर्तिकर्ता किसानों से उनके परिक्षमिक मूल्य से कम पर माल खरीदें और न ही ऐसा कभी होगा.
  • 130 करोड़ भारतीयों का पेट भरने वाले किसान अन्नदाता हैं और हम उनका सम्मान करते हैं. रिलायंस और उसके सहयोगी किसान को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. किसानों के सेवाओं के ग्राहक होने के नाते हम एक नए भारत में साझा समृद्धि, बराबर की भागीदारी, समावेशी विकास के आधार पर किसानों के साथ एक मजबूत और समान साझेदारी में विश्वास करते हैं.
  •  इसलिए रिलायंस और उसके सहयोगी कड़ी मेहनत, कल्पनाशीलता और समर्पण के साथ पैदा की गई उनकी उपज का किसानों को उचित और लाभदायक मुल्य मिले इसका पूरा समर्तन करते हैं. रिलायंस स्थायी आधार पर किसानों की आय में वृद्धि चाहता है, और इस लक्ष्य के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है.हम अपने आपूर्तिकर्ताओं को सख्ती से कहेंगे की वे सरकतार द्वारा या किसी अन्य तंत्र द्वारा लागू या प्रस्तावित किसी भी न्यनतम समर्थन मूल्य या कृषि उपज के लिए तयशुदा आकर्षक मूल्य के आधार पर ही खरीद करें. भारतीय किसानों के हितों को चोट पंहुचाना तो दूर की बात है, रिलायंस के व्यवसायों ने तो वास्तव में किसानों और भारतीय जनता को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया है. यह निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट है.
  • रिलायंस रिटेल ने बड़े पैमाने पर निवेष कर के एक विश्व स्तरीय प्रौद्योगिरी-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला बनाई है और भारत के सबसे बड़े संगठित रिटेल बिजनेस को जन्म दिया है., जिसने भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ पहुंचाया है.
  • जियो के 4जी नेटवर्क ने भारत के हर एक गांव को विश्व की सबसे सस्ती दरों पर विश्वस्तरीय डेटा कनेक्टिविटि प्रदान की है, इससे करोड़ो भारतीय किसानों को भी डिजिटल क्रांति का लाभ मिला है.केवल चार वर्षों की छोटी सी अवधि में जियो भारत का सबसे बड़ा डिजिटल सेवा प्रदाता बन गया है., जिसके 40 करोड़ ग्राहक हैं. 31 अक्टूबर 2020 तक जियो के पंजाब में 1 करोड़ 40 लाख (राज्य में लगभग 36 प्रतिशत ग्राहक) और हरियाणा में 94 लाख( राज्य में लगभग 34 प्रतिशत ग्राहक) हैं. महत्वपूर्ण तत्य़ यह है कि निहित स्वार्थों के विपरीत जियो ने ग्राहकों को जोड़ने के लिए किसी भी जोर जबरदस्ती या गैरकानूनी उपायों का सहारा नहीं लिया है.
  • कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों किसानों, ग्रामीणो और शहरी भारत के लिए जियो नेटवर्क एक लाइफ लाइन साबित हुआ है.इसने किसानों व्यापारियों और उपभोक्ताओं के डिजिटल लेन-देनों में मदद की है. इसने पेशेवरों को घर से काम करने में सक्षम बनाया है, वहीं विद्यार्थी भी घर में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर पाए हैं. शिक्षकों, डॉक्टरों, मरीज, अदालतों, विभिन्न सरकारी और निजी कार्यालयों, उद्योग और अनेकों धार्मिक प्रतिष्ठान को सुचारू रूप से चलाए रखने में भी जियो ने मदद की है. आपातकालीन और जीवन रक्षक सेवाएं प्रदान करने वालों की मदद के लिए भी जियो ने अपनी सेवाएं दी है.
रिलायंस अब तक उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा की पुलिस का शुक्रिया अदा करना चाहता है.इससे हाल के दिनों में तोड़ फोड़ की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन हमारी कंपनी ने माननीय हाई कोर्ट में अपनी याचिका के माध्यम से, उपद्रवियों और निहित स्वार्थी तत्वों के खिलाफ दंडात्मक और निवारक कार्रवाई की मांग की है., ताकि रिलायंस पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर अपने सभी व्यवसायों को सुचारु पूु से चला सके.

हम जनता और मीडिया से आग्रह करते हैं कि वे सही तथ्यों के बारे में जागरुक हों और निहित स्वार्थों द्वारा उनके फायदे के लिए फैलाये जा रहे झूठ और फरेब के जाल में गुमराह न हो.

(डिस्क्लेमर- रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्रेस रिलीज पर आधारित ये एक स्पॉन्सर्ड आर्टिकल है.)

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