(Source: ECI / CVoter)
Book on Ram Mandir: 'जीसस और पैगंबर पर नहीं हुआ तो राम के जन्म पर विवाद क्यों?' पूर्व जस्टिस कमलेश्वर ने क्यों कही ये बात
Yearning for Ram Mandir and Fulfillment: जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने राम मंदिर संघर्ष पर किताब लिखी है. प्रकाशकों का कहना है कि ये किताब राम मंदिर के लिए लड़ी गई कानूनी लड़ाई का सबसे प्रमाणिक विवरण है.
Justice Kamleshwar Nath Book On Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और उसके पहले के जटिल संघर्षों पर आधारित पूर्व जस्टिस कमलेश्वर नाथ की किताब 'यर्निंग फॉर राम मंदिर एंड फुलफिलमेंट' (Yearning for Ram Mandir & Fulfillment) का हाल ही में लोकार्पण हुआ. इस मौके पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने मंदिर निर्माण के पहले हुए संघर्षों के बारे में चर्चा की साथ ही बताया कि चाहे वाल्मीकि रामायण हो या गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस, दोनों की ही वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है. उन्होंने किताब में भी राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुए संघर्ष का जिक्र किया है.
किताब के अनावरण के दौरान भी पूर्व जस्टिस ने राम मंदिर आंदोलन के संघर्षों का जिक्र किया. इस संघर्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'जब ढाई हजार साल पहले जीसस और डेढ़ हजार साल पहले पैगंबर मोहम्मद के जन्म पर इस देश में विवाद नहीं हुआ तो फिर अपने ही घर में भगवान राम के जन्म को लेकर इतनी शंका क्यों पैदा हुई.' राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुए संघर्षों के अलावा पूर्व जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने कई वर्षों तक इस मामले में चली न्यायिक प्रक्रिया का भी जिक्र किया. उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI की रिपोर्ट और कोर्ट में पेश किए गए सबूतों और दस्तावेजों के बारे में भी बताया.
'राम मंदिर तोड़कर कुछ और बनाया जाता तो...'
डीडी न्यूज से बातचीत में पूर्व जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने कहा, 'भगवान राम का मंदिर तोड़कर कुछ और बनाया जाता तो ये बहुत बड़ा जघन्य अपराध होता और हमारी गुलामी का निशान होता. इसलिए 500 साल से संघर्ष चलता चला आ रहा है. हमने 1998 से इस केस में सहयोग दिया और स्टडी की. जहां-जहां ये मामला चला वहां हमने ओपिनियन और परामर्श भी दिया और अंत में हमारी विजय हुई.'
'राम मंदिर के लिए लड़ी गई कानूनी लड़ाई का प्रमाण'
जस्टिस कमलेश्वर नाथ की किताब गरुण प्रकाशन से प्रकाशित हुई है. प्रकाशन ने इस मौके पर ट्वीट करते हुए कहा कि ये किताब अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण से जुड़ी ऐतिहासिक और न्यायिक यात्रा का विवरण देती है. 96 साल की उम्र के पूर्व जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने किताब में ऐतिहासिक संघर्ष का विस्तृत ब्यौरा दिया है. उन्होने आगे बताया कि ये किताब राम मंदिर के लिए लड़ी गई कानूनी लड़ाई का सबसे प्रामाणिक विवरण माना जा सकता है.
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