आतंकी जुफ्री जाहर दामोदी को NIA ने कर्नाटक के भटकल से किया गिरफ्तार
अबू हाजिर बद्री केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के नोटिस में अप्रैल 2020 में उस समय आया था, जब वह आतंकवादी संगठन आईएस द्वारा चलाई जा रही प्रोपेगेंडा मैगजीन के लिए काम कर रहा था.
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने खुफिया एजेंसियों और कर्नाटक पुलिस के सहयोग से आतंकवादी संगठन आईएस खोरासन प्रोविंस में ऊंचा स्थान रखने वाले और आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के एक अहम आतंकी जुफ्री जाहर दामोदी उर्फ अबू हाजिर अलबद्री को कर्नाटक के भटकल इलाके से गिरफ्तार किया है. साथ ही उसके एक सहयोगी अमीन जुहैब से पूछताछ की जा रही है. दिलचस्प यह है कि यह आतंकवादी अपने समर्थकों को इस्लाम में विश्वास न रखने वाले पुलिस और पत्रकारों को मारने के निर्देश देता था.
केंद्रीय जांच एजेंसी के एक आला अधिकारी के मुताबिक अबू हाजिर बद्री केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के नोटिस में अप्रैल 2020 में उस समय आया था, जब वह आतंकवादी संगठन आईएस द्वारा चलाई जा रही प्रोपेगेंडा मैगजीन वॉइस ऑफ हिंद के लिए काम कर रहा था. खुफिया एजेंसियों ने जब इस शख्स के बारे में जांच और आगे बढ़ाई तो पता चला कि यह शख्स प्रोपेगेंडा फैलाने के अलावा आईएस के आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का काम भी करता था. जिसमें हथियार और गोला बारूद मुहैया कराने के अलावा आतंकवादियों को फंडिंग और उनकी भर्ती भी शामिल थी.
इस्लामिक स्टेट संगठन के बड़े लोगों के सीधे संपर्क में
अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि यह शख्स इस्लामिक स्टेट संगठन के बड़े लोगों के सीधे संपर्क में था और यह लोगों से अफगानिस्तान और सीरिया से सीधे निर्देश देते थे. दिलचस्प बात यह है कि यह आतंकवादी अपने समर्थकों को, जो उससे साइबर आदि के जरिए जुड़े हुए थे, उन्हें निर्देश देता था कि वह इस्लाम ना मानने वाले पुलिस अधिकारियों को और पत्रकारों को मारे. साथ ही सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाएं.
जांच एजेंसियों को अबू हाजिर अल बद्री के मामले की जांच के दौरान पता चला कि यह शख्स खुद को अपने साइबरस्पेस में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठा हुआ बताता है. जिससे जांच एजेंसी उस तक पहुंच ना पाए. खुफिया एजेंसियों ने इस मामले में अपने सहयोगियों की मदद ली और इस बाबत कासिम खुरासानी को 11 जुलाई 2021 को गिरफ्तार किया.
उससे पूछताछ और विदेशी खुफिया एजेंसियों की मदद से अबू हाजिर अल बद्री के बारे में पता चला कि वास्तव में यह शख्स कर्नाटक के भटकल में बैठा हुआ जुफ्री जाहर दामोदी है. जांच के दौरान इसके एक साथी अमीन जोहेब के बारे में भी पता चला. यह भी पता चला कि जुफ्री जाहर का एक भाई अदनान हसन को एनआईए ने साल 2017 में आईएसआईएस से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया था.
हुई गिरफ्तारी
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी के अधिकारियों ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और कर्नाटक पुलिस के सहयोग से जुफ्री को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके दूसरे सहयोगी को अभी केवल हिरासत में लिया गया. आरंभिक पूछताछ के दौरान जाहर ने अफगान पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन आईएस से अपने संबंधों को कबूल किया है. साथ ही उसने यह भी कबूल किया है कि वह आतंकवादी संगठन आईएस की प्रोपेगेंडा फैलाने वाली मैगजीन वाइफ ऑफ हिंद के लिए भी काम करता था. छापेमारी के दौरान उसके पास से डिजिटल मीडिया डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक जिहादी लिटरेचर बरामद हुआ है.
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी के मुताबिक पिछले 1 महीने के दौरान इन आतंकवादियों की खोज के लिए देशभर में कुल 21 जगहों पर छापेमारी की गई. इनमें अनंतनाग, श्रीनगर, बांदीपुरा, बारामुला, बेंगलुरु और भटकल शामिल हैं. इस छापेमारी के दौरान आईएसआईएस के तीन अलग-अलग मॉड्यूल सामने आए हैं और अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 2 महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां कासिम खुरासानी और अबू हाजिर अल बद्री की है. यह दोनों ही आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के इंडिया नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.
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