कम वेतन, विदेशों का रुख... भारत में ब्लू कॉलर श्रमिकों की गंभीर कमी क्यों?

ब्लू कॉलर वर्कर की कमी के कारण कई सेक्टर पर पड़ रहा असर
Source : PTI
भारत में आमतौर पर दो तरह की नौकरियां होती हैं, व्हाइट कॉलर और दूसरा ब्लू कॉलर. व्हाइट-कॉलर में दफ्तरों में काम करने वाले पेशेवर लोग आते हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती.
भारत में कुशल मजदूरों की कमी अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है. नोएडा के लेबर चौक से लेकर मुंबई की निर्माण परियोजनाओं तक, ठेकेदार और मालिक अब प्रशिक्षित श्रमिकों यानी स्किल्ड मजदूरों को तलाशने
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