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Corona से जान गंवाने वाले LNJP के डॉक्टर की पत्नी ने कहा: हम योद्धा के तौर पर करेंगे उन्हें याद
डॉ असीम गुप्ता LNJP अस्पताल में एनिस्थीसिया विभाग में विशेषज्ञ के तौर पर तैनात थे.डॉ गुप्ता और उनकी डॉक्टर पत्नी में एक साथ कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी, लेकिन पत्नी ठीक हो गईं.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वाले दिल्ली स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के एक डॉक्टर की पत्नी ने सोमवार को कहा कि वह अपने पति को एक योद्धा के रूप में याद रखेंगी. उन्होंने कहा कि उनके पति हमेशा परिस्थितियों से लड़ने वाले रहे है और वह उन्हें इसी रूप में याद करेंगी. दिल्ली सरकार द्वारा कोविड अस्पताल में परिवर्तित एलएनजेपी के 52 वर्षीय डॉक्टर असीम गुप्ता की रविवार को आईसीयू में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे.
'कोविड-19 नायक थे डॉ गुप्ता'
हालांकि, डॉ. गुप्ता के साथ उनकी पत्नी जो स्वयं पेशे से डॉक्टर हैं, कोरोना वायरस से संक्रमित थीं. डॉ.निरुपमा अत्रेय ने कहा, ‘‘दो जून को हम दोनों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. शुरू में हल्के लक्षण होने पर होम आइसोलेशन में रखा गया लेकिन जब हमें महसूस हुआ कि हालत ठीक नहीं है तो हमें अस्पताल में स्थानांतरित किया गया. मुझे और मेरे पति को शुरुआत में एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया.’’
उन्होंने कहा,‘‘हम दोनों को बुखार था लेकिन मेरा बुखार उतर गया जबकि उनकी स्थिति और खराब हो गई और आखिरकार हमने उन्हें खो दिया. डॉ. अत्रेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ‘‘ वह योद्धा और कोविड-19 नायक थे. उन्होंने कोविड-19 से लड़ाई लड़ते हुए जान गंवाई और मैं उन्हें उनके लड़ने की भावना के लिए याद करूंगी.’’
डॉ. गुप्ता एलएनजेपी अस्पताल के एनिस्थीसिया विभाग में प्रथम श्रेणी के विशेषज्ञ थे.
छोटा बेटा भी कर रहा MBBS की पढ़ाई
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को डॉ गुप्ता के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की और कहा कि समाज ने बहुमूल्य योद्धा को खो दिया. केजरीवाल ने कहा कि डॉ गुप्ता की पत्नी भी कोरोना वायरस से संक्रमित थी लेकिन अब वह ठीक हो गई हैं.
दिवंगत डॉ.गुप्ता की पत्नी नोएडा के अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर काम करती हैं जबकि उनका एक बेटा ऑस्ट्रेलिया में नौकरी करता है और दूसरा बेटा देश में ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है.
डॉ.अत्रेय ने कहा, ‘‘ मेरा बड़ा बेटा अक्षत सिडनी में रहता है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वह कोविड-19 की वजह से पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंच सका. छोटा बेटा आर्यन (20) देहरादून मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष का छात्र है और लॉकडाउन के बाद से साथ ही रह रहा है.’’ उन्होंने कहा कि मेरा बेटा पढ़ाई पूरी कर अपने पिता की तरह डॉक्टर बनेगा.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
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