Karnataka Politics: पे सीएम अभियान पर सीएम बसवराज बोम्मई का पलटवार, कहा- 'गंदी राजनीति करती है कांग्रेस'
कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि अगर उनको कोई समस्या है तो वह सीधे बातचीत कर सकते थे, जांच की मांग कर सकते थे लेकिन वे बिना किसी सबूत और होमवर्क के आरोप लगाने लगे.
Karnataka Politics: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी के पे-सीएम अभियान को गंदी राजनीति करार दिया. बोम्मई ने पत्रकारों से कहा कि वे (कांग्रेस नेता) बिना किसी नैतिकता के नामों को बदनाम करने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी जनता की परवाह किए बिना केवल गंदी राजनीति करके सत्ता में आने के भ्रम में है. यह कर्नाटक में नहीं होगा क्योंकि सरकार उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने सार्वजनिक स्थानों पर ‘पे-सीएम’ के पोस्टर लगाए. इन पोस्टरों में पे-सीएम के नीचे एक क्यूआर कोड और उसके बीच में बोम्मई की तस्वीर लगी है. इसमें लिखा है कि क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद यहां 40 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है. इस पर स्कैन करने पर एक वेबसाइट का लिंक खुलता था और इसे कांग्रेस ने 10 दिन पहले घूस की शिकायत दर्ज करने के लिए शुरू किया था.
कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर क्या बोले सीएम?
बसवराज बोम्मई ने पूछा कि अगर कांग्रेस नेताओं को कोई समस्या है तो वह उनसे सीधे बातचीत कर सकते थे, दस्तावेज दिखा सकते थे और जांच की मांग कर सकते थे. उन्होंने कहा कि लेकिन वे बिना किसी सबूत और उचित होमवर्क किए सदन (कर्नाटक विधानसभा) में आए. यह कांग्रेस नेताओं के मूल्यों में पतन को दिखाता है.
बोम्मई ने एक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में 2023 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 100 में से 95 सीटें दिए जाने पर एक सवाल के जवाब में कहा कि हर सर्वेक्षण अलग-अलग संख्याओं के साथ आएगा. उन्होंने कहा कि मैं लोगों की नब्ज बहुत अच्छे से जानता हूं. मैं करीब 35 वर्ष से राजनीति में हूं और मुझे भरोसा है कि बीजेपी अगले साल सत्ता में वापस आएगी. मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में उन्होंने कहा कि आलाकमान से मंजूरी मिलने के बाद ऐसा किया जाएगा.
पीएफआई के सवाल पर क्या बोले सीएम
राज्य में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालयों तथा पदाधिकारियों पर छापों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआईए और कर्नाटक पुलिस ने राज्य में पीएफआई की गतिविधियों के संबंध में उचित कार्रवाई की है.
इससे पहले, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बोम्मई को निशाना बनाने के लिए ‘पे-सीएम’ अभियान शुरू किया क्योंकि वह बड़े लिंगायत समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर सकती. चित्रदुर्ग में पत्रकारों से बातचीत में सुधाकर ने कहा कि जो भी सुशासन देता है खासतौर से अगर मजबूत लिंगायत समुदाय के मुख्यमंत्री होते हैं तो वे (कांग्रेस) उन पर निशाना साधते हैं. राज्य की जनता यह देख रही है.
कांग्रेस को लेकर क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री
डॉ. के. सुधाकर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा यह किया है. वे हमेशा प्रमुख समुदाय को निशाना बनाते हैं. यह कोई पहली बार नहीं है. उन्होंने राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के. हनुमंतैया को नहीं छोड़ा. उन्होंने किसे बख्शा? सुधाकर ने कहा कि पे-सीएम अभियान सत्ता में लौटने की कांग्रेस की बेताबी को दिखाता है.
उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस के ये नेता सत्य हरीशचंद्र हैं? इनमें से कितने जेल से लौटे हैं और कितने जमानत पर बाहर हैं? उनको राजनीति और भ्रष्टाचार की बात करने में शर्म नहीं आती? उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार की बात करने वाले कांग्रेस के शीर्ष नेता जमानत पर बाहर हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उसने कुशासन के कारण ही सत्ता गंवाई थी.
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