नई दिल्ली: फीस बढोतरी के विरोध में दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों का आंदोलन अभी भी जारी है. कल हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हुई झड़प में तीस पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गए. कई छात्रों के गंभीर चोटें भी आई हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जेएनयू के छात्र फीस बढोतरी के आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.


करीब 100 जेएनयू छात्रों को हिरासत में ले लिया गया


छात्रों ने कल संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद भवन की तरफ मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके साथ ही कई जगहों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल हो गए, जबकि छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत करीब 100 जेएनयू छात्रों को हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद प्रदर्शनकारी छात्र सफदरजंग मकबरे के बाहर सड़क पर बैठ गए और हिरासत में लिये गए छात्रों को छोड़े जाने और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की मांग करने लगे.


दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने छात्रों से बातचीत शुरू करने की कोशिश की और उनसे कानून अपने हाथों में नहीं लेने की अपील की. छात्रों ने प्रदर्शन और इस दौरान पुलिस के कथित लाठीचार्ज में खुद को लगी चोटों की तस्वीरें टि्वटर पर साझा कीं. इसके साथ ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर हैशटैग ‘इमरजेंसी इन जेएनयू’ ट्रेंड करने लगा.


तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र


छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतर आए. उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे. ये लोग संसद का ध्यान अपनी मांगों की तरफ खींचना चाहते थे. छात्रों ने दोहराया कि वे तब तक नहीं झुकेंगे जब तक सरकार फीस वृद्धि वापस नहीं ले लेती.


एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, “मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अवैध मसौदा आईएचए नियमावली और कार्यकारी परिषद के इसे स्वीकार करने के अवैध फैसले को वापस लेने की घोषणा करे. छात्रों के निर्वाचित प्रतिनिधि जेएनयू छात्रसंघ और जेएनयू शिक्षक संघ को पक्षकार माना जाए. यह आश्वासन दिया जाए कि नियमावली पर कोई भी फैसला उचित और स्थापित प्रक्रिया के तहत लिया जाएगा.”


छात्र संघ के पदाधिकारियों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा


वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने छात्रावास शुल्क में वृद्धि को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें कुलपति को हटाने की मांग भी शामिल है. हालांकि बैठक को लेकर मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. जेएनयू के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव जीसी होसर से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा.


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