International Women's Day: सियाचिन से लेकर सूडान तक, चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में साहस की मिसाल है महिलाएं
International Women's Day: भारतीय सेना ने जनवरी में दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में पहली बार महिला अधिकारी को तैनात किया था.
Women's Day 2023: देश की महिला शक्ति आज हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही है.आज महिलाएं अंतरिक्ष हो या सीमा की सुरक्षा हर जगह पुरूषों को कड़ी टक्रकर दे रही हैं. महिलाएं हर क्षेत्र में नए भारत की तकदीर लिख रही हैं. आज यानी 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. जिसकी वजह से आज हम इस खास मौके पर महिलाओं की शक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं.
भारतीय सेना ने जनवरी में दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में पहली बार महिला अधिकारी को तैनात किया था. जानकारी के मुताबिक सियाचिन समर के कड़े प्रशिक्षण के बाद कैप्टन शिवा चौहान को युद्ध क्षेत्र में पहली महिला अधिकारी के तौर पर तैनात किया गया था. कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन ग्लेशियर में जनवरी की चरम सर्दियों में तैनात किया गया था.
राजस्थान की सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक शिवा चौहान बंगाल सैपर्स अधिकारी हैं. शिवा को 2021 में इंजीनियर रेजिमेंट में कमीशन मिला था. अपनी तैनाती के दो महीने बाद शिवा ने कहा कि कि बर्फीले ग्लेशियर पर उनकी एकमात्र चुनौती उनके किसी भी पुरुष समकक्ष से अलग नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें ग्लेशियर पर ठंड, अप्रत्याशित मौसम सभी चीजों का सामना करना पड़ता है.
कर्तव्यपथ पर भी किया है नेतृत्व
शिवा चौहान ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मैं इसके लिए प्रशिक्षित हूं. यहां तैनात होने से पहले उन्होंने सियाचिन बेस कैंप में प्रशिक्षण लिया था. कैप्टन चौहान की तरह, मेजर भावना स्याल पूर्वी लद्दाख के एक अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में सेवा दे रही हैं. यहां रात के दौरान तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है. सिग्नल कोर की तीसरी पीढ़ी की सेना अधिकारी मेजर भावना स्याल अपने सेना के करियर के 13 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं और उन्होंने 19 महीनों के लिए लेबनान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी काम किया है. इसके साथ ही स्याल ने कार्तव्यपथ पर 70वें गणतंत्र दिवस परेड में एक दल का नेतृत्व भी किया है.
You need nothing but sheer passion. You need to be devoted, grab opportunity & work as hard as possible. Nothing is unachievable in today's date: Major Abhilasha Barak, First Woman Officer to join Army Aviation Corps as Combat Aviator, to women aspiring to join the armed forces pic.twitter.com/71S2dVw27Y
— ANI (@ANI) March 7, 2023
'हर दिन होता है एक चुनौती'
एलओसी के पास उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके III को उड़ाने वाली मेजर अभिलाषा बराक ने कहा कि हर दिन एक चुनौती होता है, लेकिन एक संतोषजनक अनुभव भी मिलता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शत्रुतापूर्ण क्षेत्रों के करीब उड़ान भरना एक चुनौती है. आर्मी मेडिकल कोर के मेजर शैली गहलावत पिछले सात महीनों से सूडान में तैनाती दे रही हैं. उन्होंने कहा कि यह एक संघर्ष क्षेत्र है, जहां पलक झपकते ही सुरक्षा की स्थिति बदल जाती है. उन्होंने कहा कि फिर भी, यह एक अद्भुत अनुभव है, जिसने न केवल मेरी धारणाओं को बदल दिया है, बल्कि सीखने का एक बड़ा अनुभव रहा है.मेजर गहलावत ने पिछले साल नवंबर में ऐसी चुनौतीपूर्ण घटना को याद किया जब अस्पताल में एक रात में 13 लोगों की मौत हुई थी.
Presently I'm posted in Abyei, a conflict zone b/w Sudan & South Sudan. It's UN Mission...We've been trained enough to handle such situations. Our parents may be a little tense but they're more proud than tense: Major Shailli Gehlawat, UN Interim Security Force for Abyei (UNISFA) pic.twitter.com/PditYGe3lG
— ANI (@ANI) March 7, 2023
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