India China Clash: गृह मंत्री का गंभीर आरोप, कहा- कांग्रेस ने चीनी दूतावास से लिया था शोध के लिए पैसा, अधीर रंजन का पलटवार
Amit Shah on Congress: अमित शाह ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-2007 के दौरान चीनी दूतावास (Chinese Embassy) से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, जो FCRA के हिसाब से उचित नहीं था.
Amit Shah Attacked on Congress: भारत और चीन के बीच 9 दिसंबर को तवांग (Tawang) में हुई हिंसक झड़प का मुद्दा संसद में गरमा गया है. कांग्रेस इस मसले पर सरकार को घेरने में लगी है तो वहीं, इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस (Congress) ने साल 2006-07 में चीनी दूतावास (Chinese Embassy) से शोध के लिए पैसा लिया था.
उधर, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने इन आरोपों पर गृहमंत्री अमित शाह को जवाब देते हुए कहा कि चंदा देने वालों की लिस्ट निकाली जानी लेनी चाहिए.
कांग्रेस पर शाह का गंभीर आरोप
गृह मंत्री ने कहा, ''मैंने प्रश्नकाल की सूची देखी और प्रश्न संख्या 5 देखने के बाद मुझे कांग्रेस की चिंता समझ में आई. सवाल राजीव गांधी फाउंडेशन के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस को रद्द करने के संबंध में था. अगर वे इजाजत देते तो मैं संसद में जवाब देता कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-2007 के दौरान चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, जो FCRA के हिसाब से उचित नहीं था. लिहाजा नियमानुसार गृह मंत्रालय ने इसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया''.
'कांग्रेस के राज में हड़पी गई जमीन'
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, ''जिस वक्त गलवान में हमारे जवान चीनी सेना के साथ भिड़ रहे थे, तब कांग्रेस के लोग चीनी नेताओं के साथ मिल रहे थे. 2011 में कांग्रेस सरकार ने चीन की धमकी के बाद बॉर्डर पर देमचौक में रोड और आधारभूत ढांचे का निर्माण रोक दिया था''. शाह ने ये भी आरोप लगाया, ''कांग्रेस के शासन के दौरान ही हजारों किलोमीटर जमीन हमसे हड़प ली गई है लेकिन मोदी सरकार में भारत की एक इंच जमीन पर भी किसी का कब्जा नहीं होने देंगे.''
अधीर रंजन चौधरी ने किया पलटवार
कांग्रेस (Congress) नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने शाह के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''मैं ये कहना चाहता हूं कि एक बार प्रधानमंत्री केयर फंड का जायजा लिया जाए. उसमें जिन लोगों ने चंदा दिया है, उनकी सूची निकाली जाए और देखा जाए कि कितनी चीनी कंपनियों ने चंदा दिया है. जब 12 बजे गृह मंत्री के बयान दिए जाने की बात कही गई तो किस हैसियत से गृह मंत्री ने पहले ही आकर बोल दिया कि सीमा पर कुछ नहीं हुआ है. गृह मंत्री रक्षा नहीं कर पा रहे हैं तो कुर्सी छोड़ दें.''
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