Bharat Ratna Award: भारत रत्न के ऐलान पर बोले असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, 'मोदी सरकार के फैसले से पूरा देश खुश'
Bharat Ratna: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के साथ-साथ दिवंगत कृषि विज्ञानी एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान देने के फैसले की प्रशंसा की है.
Himanta Biswa Sarma on Bharat Ratna Award: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार (9 फरवरी) को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों दिवंगत पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के साथ-साथ दिवंगत कृषि विज्ञानी एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने के मोदी सरकार के फैसले से पूरा देश खुश है.
सीएम हिमंत बिस्वा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ''दिवंगत पीवी नरसिम्हा राव गारू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमारे देश के विकास में उनके असाधारण योगदान का सम्मान है. वो एक विद्वान और बहुभाषाविद् थे, वह अविभाजित आंध्र प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री बने और महत्वपूर्ण भूमि सुधारों की शुरुआत की. कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम कर देश की सेवा की.''
'भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने में सहायक रहे'
उन्होंने कहा, ''उनके प्रधानमंत्रित्व काल को दूरदर्शी आर्थिक सुधारों को शुरू करने के लिए विशेष रूप से याद किया जाएगा, जो भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्थिति को उदार बनाने में सहायक रहे हैं. आर्थिक परिवर्तन से लेकर अग्रणी शासन तक उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है. उनके उल्लेखनीय नेतृत्व और हमारे देश की प्रगति पर स्थायी प्रभाव के लिए उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि.''
'पीएम मोदी का भारत रत्न देने का निर्णय सराहनीय'
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह एक महान नेता थे, जिन्होंने 'किसानों के कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया और जो आज भी किसानों के दिलों में रहते हैं. उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय वास्तव में सराहनीय है.
'स्वामीनाथन ने भारत को अकाल जैसी स्थितियों से बचाया'
सीएम सरमा ने कहा कि उन्हें 'दिवंगत डॉ. एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बारे में जानकर बेहद खुशी हुई. उन्होंने कहा, ''एक प्रख्यात कृषिविज्ञानी, कृषि वैज्ञानिक और मानवतावादी, डॉ. स्वामीनाथन के अग्रणी कार्य ने भारत के कृषि परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है. हरित क्रांति के वैश्विक नेता के रूप में, उनके प्रयासों ने एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व किया जिसने 1960 के दशक में भारत को अकाल जैसी स्थितियों से बचाया. उनकी ओर से गेहूं और चावल की अधिक उपज देने वाली किस्मों की शुरुआत ने कृषि पद्धतियों में क्रांति ला दी, जिससे लाखों लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई.''
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