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पॉजिटिव मोड से मीटिंग में जा रहे किसान, दुश्मन न समझे सरकार- पंढेर का बयान
Kisan Andolan 2.0: एमएसपी समेत तमाम मुद्दों को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है. इन सब के बीच किसान नेता अपनी बात भी कह रहे हैं.
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Farmer Protest: अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे किसानों का आज गुरुवार (15 फरवरी) को तीसरा दिन है. आज चंडीगढ़ में केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत भी होने जा रही है. पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों के डटे होने के बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि वे लोग आज सरकार से मीटिंग करने के लिए पॉजिटिव मोड में जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र के लोग उन्हें दुश्मन न समझें.
किसान नेता ने कहा, "हम वार्ता करना चाहते हैं कि समस्या का समाधान हो. या तो हमारी मागें मानी जाएं या फिर सरकार शांतिपूर्वक प्रर्दशन करने का अधिकार दे. सरकार किसानों पर बल प्रयोग कर रही है. किसान के ऊपर अर्धसैनिक बल अटैक कर रहा है."
'सरकार या तो मांग माने या फिर प्रदर्शन का रास्ता साफ करे'
उन्होंने आगे कहा, "आज माननीय मंत्री महोदय के साथ मीटिंग है. हम चाहेंगे कि खुद प्रधानमंत्री जी उनसे बात करें और इन मांगों का आज हल हो जाए. ये सभी के लिए सुखद होगा. अन्यथा कुछ और लगता है तो ये लोकतांत्रिक देश है. ऐसे में हमें दिल्ली में अपना आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से करने की इजाजत दी जाए. सरकार ने जो रास्ते बंद कर रखे हैं उन्हें वो खोल दे. हमारा एजेंडा 10 मांगों का है."
कौन सी हैं वो मांगें?
अपनी मांगों के बारे में बताते हुए सरवन सिंह ने कहा, “इसमें एमएसपी खरीद की गारंटी का कानून बनाने की बात है. सभी फसलों के दाम डॉ. स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट के हिसाब से हम कहते हैं कि दीजिए. इसके अलावा गन्ने का रेट सी2 प्लस 100 प्रतिशत के हिसाब से दीजिए. इसके साथ ही किसान और खेत मजदूर की कर्ज माफी होनी चाहिए.”
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