एक्सप्लोरर

Exclusive: एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एबीपी न्यूज की टीम पहुंची पैंगोंग-त्सो झील, जानें- कैसी है स्थिति

चीन से चल रहे टकराव के बीच पहली बार कोई न्यूज चैनल एलएसी के इतने करीब पहुंचा हैं.गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से विश्व-प्रसिद्ध पैंगौंग-त्सो झील को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल इसी विश्व-प्रसिद्ध झील के बीच से गुजरती है.

नई दिल्ली: पिछले आठ महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एबीपी न्यूज की टीम पैंगोंग-त्सो लेक पहुंची है. ये पहली बार है कि कोई न्यूज चैनल एलएसी के इतने करीब पहुंचा है. भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) इसी पैंगोंग-त्सो झील के बीच से गुजरती है. एबीपी न्यूज की टीम लद्दाख प्रशासन से परमिट लेने के बाद यहां तक पहुंची.

गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद पैंगौंग-त्सो झील को बंद कर दिया गया था पहले कोरोना महामारी और फिर गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से विश्व-प्रसिद्ध पैंगौंग-त्सो झील को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. एलएसी पर चीन से चल रहे तनाव के चलते लेह-लद्दाख के बाहर के लोगों को लेह शहर‌ के 40 किलोमीटर के दायरे से बाहर जाने तक पर पाबंदी लगा दी गई थी. लेकिन रविवार से झील को लद्दाख प्रशासन ने पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया है. अब सभी पर्यटक परमिट लेकर पैंगोंग-त्सो जा सकते हैं. हालांकि पहले भी परमिट लेकर ही टूरिस्ट पैंगोंग-त्सो झील जाते थे.

लेह से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है 130 किलोमीटर लंबी पैंगोंग-त्सो झील. झील का एक-तिहाई हिस्सा भारत के अधिकार-क्षेत्र में है और दो-तिहाई चीन के कब्जे में है. भारत और चीन के बीच एलएसी इसी लेक‌ के बीच से गुजरती है. पैंगोंग से ही सटा वो फिंगर एरिया और कैलाश रेंज है जहां भारत और चीन की सेनाओं के बीच हालात सबसे ज्यादा नाजुक बने हुए हैं.

Exclusive: एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एबीपी न्यूज की टीम पहुंची पैंगोंग-त्सो झील, जानें- कैसी है स्थिति

पैंगोंग-त्सो झील करीब 135 किलोमीटर लंबी है गौरतलब है कि करीब साढ़े 14 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी, पैंगोंग-त्सो झील करीब 135 किलोमीटर लंबी है, जिसका एक-तिहाई भाग यानि करीब 40 किलोमीटर भारत के अधिकार-क्षेत्र में है और बाकी दो-तिहाई यानि करीब-करीब 95 किलोमीटर चीन के कब्जे में है. सर्दियों के मौसम में यहां तापमान माइनस (-) 30-40 डिग्री तक गिर जाता है और झील पूरी तरह से जम जाती है. एबीपी न्यूज की टीम जब पैंगोंग-त्सो झील पहुंची तो यहां का तापमान माइनस (-) 30 डिग्री होने के चलते झील जमी हुई थी। यहां एबीपी न्यूज को मुंबई से आई तीन टूरिस्ट भी मिले.

झील का पानी और आसपास का वातावरण बेहद शांत दिखाई दे रहा था. लेकिन ये शांति कब विस्फोट रूप ले सकती है कोई नहीं जानता. क्योंकि एलएसी पर भारत और चीन का सीमा विवाद इस‌ सदी का सबसे बड़ा टकराव माना जा रहा है.

826 किलोमीटर लंबी एलएसी पर दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक तैनात हैं पूर्वी लद्दाख से सटी 826 किलोमीटर लंबी एलएसी जो काराकोरम पास (यानि दर्रे) से शुरू होकर डीबीओ, डेप्सांग प्लेन, गलवान घाटी, फिंगर एरिया, पैंगोंग-त्सो, कैलाश रेंज से डेमचोक-चुमार तक जाती है ये इस वक्त भारत और चीन के बीच सबसे बड़ा फ्लैश-पॉइंट बना हुआ है. ‌इस 826 किलोमीटर लंबी एलएसी पर दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक तो तैनात है ही साथ ही टैंक, तोप बीएमपी व्हीकल्स और मिसाइलों का जमावड़ा है. कोर कमांडर स्तर की आठ दौर के मीटिंग भी हो चुकी हैं लेकिन डेडलॉक यानि तनाव जारी है. मंगलवार को थलसेना प्रमुख ने दो टूक कह दिया कि भारतीय सेना यहां लॉन्ग-हॉल यानि लंबे समय तक मोर्चा संभालने के लिए तैयार है और किसी भी खतरे और परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार है.

भारत ने पैंगोंग-त्सो लेक में पैट्रोलिंग के लिए दिया 12 नई फास्ट पैट्रोलिंग बोट्स का ऑर्डर आपको बता दें कि पैंगोंग-त्सो झील में पैट्रोलिंग के लिए अभी जो बोट्स भारतीय सेना और आईटीबीपी इस्तेमाल करती हैं वे बेहद छोटी बोट्स (स्टीमर) हैं. कई बार ऐसा देखने में आया है कि झील में पैट्रोलिंग के दौरान चीन की जो बड़ी बोट्स हैं वे भारत की बोट्स में टक्कर तक मार देती हैं. कुछ साल पहले ऐसी ही एक टक्कर में भारतीय बोट पलट तक गई थी. इसीलिए हाल ही में भारत ने पैंगोंग-त्सो लेक में पैट्रोलिंग के लिए 12 नई फास्ट पैट्रोलिंग बोट्स का ऑर्डर दिया है. इन नई बोट्स को गोवा शिपयार्ड में तैयार किया जा रहा है. ये पैट्रोलिंग बोट्स सेना और आईटीबीपी द्वारा इस्तेमाल की जा रहीं बोट्स और स्टीमर्स से काफी बड़ी हैं. चीनी बोट्स से किसी टकराव की स्थिति में ये नई बोट्स दुश्मन पर भारी भी पड़ सकती हैं.

Exclusive: एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एबीपी न्यूज की टीम पहुंची पैंगोंग-त्सो झील, जानें- कैसी है स्थिति

पैंगोंग-त्सो झील में भी तनातनी बढ़ सकती है इसी साल मई के महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी शुरू हुए टकराव के बाद माना जा रहा है कि पैंगोंग-त्सो झील में भी तनातनी बढ़ सकती है. क्योंकि भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी इसी पैंगोंग-त्सो झील के बीच से होकर गुजरती है. क्योंकि चीनी सेना ने पैंगोंग-त्सो से सटी फिंगर एरिया के आठ से आगे आकर फिंगर चार पर अपना कब्जा जमा लिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि चीनी सैनिक फिंगर चार से आगे भारतीय सैनिकों को पैट्रोलिंग करने के लिए मना कर सकते हैं.

इसी खतरे को देखते हुए ही भारतीय नौसेना की एक एक्सपर्ट टीम ने पैंगोंग-त्सो झील का दौरा किया था. माना जा रहा है कि नौसेना की टीम ने पैंगोंग-झील में पैट्रोलिंग और पैट्रोलिंग-बोट्स को लेकर ही अपनी राय दी थी.

कैलाश रेंज पर भारत और चीन की सेनाएं आई बॉल टू आई बॉल हैं भारत और चीन के बीच एलएसी का मुख्य विवाद पैंगोंग-त्सो लेक से सटी फिंगर एरिया को लेकर है. क्योंकि मई महीने से पहले तक चीनी सेना फिंगर 8 से पीछे सिरिजैप पर रहती थी. लेकिन 5-6 मई को चीनी सेना ने गैर-कानूनी तरीके से फिंगर 8 से फिंगर 4 तक अपना कब्जा कर लिया. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त के महीने में पैंगोंग-त्सो के दक्षिण में कैलाश रेंज पर प्री-एम्टिव ऑपरेशन कर मुखपरी, गुरंग हिल, मगर हिल और रेचिन ला दर्रे को अपने अधिकार-क्षेत्र में कर लिया था. जिसके बाद से ही चीन की पीएलए सेना तिलमिलाई हुई है. इसी कैलाश रेंज पर भारत और चीन की सेनाएं आई बॉल टू आई बॉल हैं यानि 100 मीटर के दायरे में ठीक आमने सामने हैं.

देखें तस्वीरें: कड़ाके की ठंड में डल झील बनी क्रिकेट की पिच, बच्चों ने जमकर लिए मजे अब पता चलेगा कि रामसेतु कुदरती है या मानव निर्मित, केंद्र सरकार ने रिसर्च को दी अनुमति
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Brij Bhushan Singh: लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण सिंह को झटका, कोर्ट ने खारिज की महिला पहलवानों संग यौन उत्पीड़न से जुड़ी याचिका
लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण सिंह को झटका, कोर्ट ने खारिज की महिला पहलवानों संग यौन उत्पीड़न से जुड़ी याचिका
EVM के बवाल को सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया?
EVM के बवाल को सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया?
Health Tips: शरीर के ऊपरी हिस्से का बढ़ गया है वजन तो इस तरीके से करें कम...
शरीर के ऊपरी हिस्से का बढ़ गया है वजन तो इस तरीके से करें कम...
यूपी की 'इत्रनगरी' की सियासत को लेकर भिडे़ अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक, जानें पूरा मामला
यूपी की 'इत्रनगरी' की सियासत को लेकर भिडे़ अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक, जानें पूरा मामला
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

2 Phase Voting Update: पप्पू यादव का बड़ा आरोप, 'मुझे कल मारने की कोशिश हुई' | Lok Sabha ElectionsLok Sabha Election 2024: 'कुछ लोगों ने EVM को बदनाम करने की कोशिश की, ऐसे लोगों को SC ने तमाचा मारा'Second Phase Voting: बीजेपी के '400 पार' नारे पर राबड़ी देवी का अटैक | Breaking | Loksabha ElectionSecond Phase Voting: रोहिणी आचार्य चुनौती दी, कहा जांच करा लें कि किडनी दी है या नहीं ? | Breaking

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Brij Bhushan Singh: लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण सिंह को झटका, कोर्ट ने खारिज की महिला पहलवानों संग यौन उत्पीड़न से जुड़ी याचिका
लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण सिंह को झटका, कोर्ट ने खारिज की महिला पहलवानों संग यौन उत्पीड़न से जुड़ी याचिका
EVM के बवाल को सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया?
EVM के बवाल को सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया?
Health Tips: शरीर के ऊपरी हिस्से का बढ़ गया है वजन तो इस तरीके से करें कम...
शरीर के ऊपरी हिस्से का बढ़ गया है वजन तो इस तरीके से करें कम...
यूपी की 'इत्रनगरी' की सियासत को लेकर भिडे़ अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक, जानें पूरा मामला
यूपी की 'इत्रनगरी' की सियासत को लेकर भिडे़ अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक, जानें पूरा मामला
जबलपुर ब्लास्ट की जांच करेगी NIA, कलेक्टर ने कबाड़ गोदामों के जांच के दिए निर्देश
जबलपुर ब्लास्ट की जांच करेगी NIA, कलेक्टर ने कबाड़ गोदामों के जांच के दिए निर्देश
Krunal Pandya: क्रुणाल पांड्या के घर फिर से गूंजी किलकारी, वाइफ ने दूसरे बच्चे को दिया जन्म
क्रुणाल के घर फिर से गूंजी किलकारी, वाइफ ने दूसरे बच्चे को दिया जन्म
तुष्टिकरण के नाम पर सिर्फ ठगा गया, समाज के मुख्यधारा से मुसलमानों का जुड़ना जरूरी
तुष्टिकरण के नाम पर सिर्फ ठगा गया, समाज के मुख्यधारा से मुसलमानों का जुड़ना जरूरी
Google I/O 2024: Android 15 से लेकर AI टूल्स तक, इन 5 खास चीजों की तैयारी कर रहा गूगल
Android 15 से लेकर AI टूल्स तक, कई खास चीजों की तैयारी कर रहा गूगल
Embed widget