Delhi Government: दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली विधानसभा परिसर (Delhi Assembly) में आज कोरोना वारियर्स मेमोरियल और पुनर्निर्मित फांसी घर का अनावरण किया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने शहादत देने वाले कोरोना वारियर्स (Corona Warriors) के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि कोरोना वारियर्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद की. ऐसे 31 कोरोना वारियर्स का मेमोरियल बनाया गया है. 


विधानसभा में आने वाले लोग इसे देखकर याद करेंगे कि इन कोरोना वारियर्स ने दूसरों के लिए अपनी जान गंवा दी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पुनर्निर्मित फांसी घर का भी अनावरण किया है. यह अंग्रेजों के जमाने का बना है. आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर उन लोगों को भी याद करने का मौका है, जिन्होंने हमें आजादी दिलाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. हमारा फर्ज बनता है कि हम सब लोग मिलकर ऐसा भारत बनाएं, जो अपनी शहादत देने वाले लोगों का सपना था.


दिल्ली विधानसभा में कायम हुई नई परंपरा
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि हर वर्ष 9 अगस्त को हम अपनी शहादत देने वाले कोरोना वारियर्स को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए विधानसभा परिसर में इकट्ठा हुआ करेंगे. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, डिप्टी स्पीकर राखी बिड़लान, विधायक समेत दूसरे कई अधिकारी मौजूद थे.


दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल द्वारा विधानसभा परिसर में बने कोरोना वारियर्स मेमोरियल और पुनर्निर्मित फांसी घर के अनावरण के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया. कोरोना वारियर्स मेमोरियल और पुनर्निर्मित फांसी घर का अनावरण करने के बाद मुख्य अतिथि सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले करीब ढाई साल से हम सब लोग कोरोना की मार से जूझ रहे हैं. 


कोरोना वॉरियर्स ने किया गजब का काम
शायद मानव इतिहास में यह सबसे मुश्किल बीमारी थी. कई लोगों ने अपनी जान गंवाई. इस बीच कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाने का काम किया. यह लोग अलग-अलग अस्पताल और महकमे में तैनात थे. जब सबसे ज्यादा मुश्किल दौर था उस वक्त इन लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद की. ऐसे 31 लोगों का दिल्ली विधानसभा परिसर में एक मेमोरियल बनाया गया है.


दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने मेमोरियल बनाने की बात सोची और इस मेमोरियल को बनाया. इसके लिए मैं उनको तहे दिल से शुक्रिया करना चाहता हूं. दिल्ली सरकार की तरफ से हम इन सभी शहीदों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दे चुके हैं. 


कोरोना वारियर्स को दिए एक करोड़ रुपये
यह भी केवल दिल्ली के अंदर ही हुआ है कि कोरोना वारियर्स के परिवारों को शहादत के बाद एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी गई है. शायद पूरे देश और पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली अकेला राज्य है, जहां इस तरह का काम किया गया. आज उन कोरोना वारियर्स के सम्मान में एक मेमोरियल बनाया गया. इससे मैं बेहद खुश हूं. विधानसभा में जो लोग आया करेंगे, वो सब लोग मेमोरियल को देखकर याद करेंगे कि यह लोग थे, जिन्होंने दूसरों के लिए अपनी जान गंवा दी.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमने पुनर्निमित फांसी घर का भी उद्घाटन किया. यह फांसी घर अंग्रेजों के जमाने का है. यह विधानसभा काफी पुरानी है. यह अंग्रेजों के जमाने का स्ट्रक्चर है. किसी को पता नहीं था कि यहां पर फांसी घर है. सिर्फ लोग कहते थे कि यहां एक फांसी घर है. किसी ने ताला तोड़कर उसके अंदर जाने की हिम्मत नहीं की. 


भयावह था अंग्रेजी का फांसी कक्ष
विधानसभा अध्यक्ष जी ने ताला तुड़वाया और अंदर गए तब देखा कि किस तरह से एक साथ दो लोगों को फांसी देने का सिस्टम बना हुआ है. एक बार तो देखकर दिल दहल जाता है. आप जब कल्पना करने की कोशिश करते हैं कि किस तरह से हमारे वीरों को फांसी दी जाती होगी, तो बड़ी घबराहट सी होती है. आज हम जिस खुली हवा में सांस ले रहे हैं, उस खुली हवा को देने के लिए कितने अनगिनत लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी.


कुर्बानियों से मिली है आजादी
एक फांसी घर तो यहां है. ऐसे ही देश भर में पता नहीं कितने फांसी घर होंगे, जहां पर अनगिनत लोगों को फांसी पर लटकाया गया, तब हम लोगों को आजादी मिली. आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन सब लोगों को भी याद करने का मौका है, जिन लोगों ने हमें आजादी दिलाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. हमारा फर्ज बनता है कि हम सब लोग मिलकर ऐसा भारत बनाएं, जो अपनी शहादत देने वाले लोगों का सपना था.


दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि दिल्ली का कोई ऐसा परिवार नहीं रहा होगा, जिसके परिवार का कोई कोरोना से पीड़ित न हुआ हो. कई परिवार ऐसे हैं, जिनके दो-तीन लोग चले गए. हम लोगों की जान बचाने में कोरोना वारियर्स ने जितना योगदान दिया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए, वो कम है. 


कोरोना के कारण लोगों ने गंवाई अपनी जान
कोरोना के विरुद्ध युद्ध में उन्होंने अपने प्राण भी न्योछावर किया. कई-कई दिन वो अपने घर नहीं गए. अपने बच्चों की चिंता नहीं की कि उनसे मिलना है या नहीं मिलना है. उस स्थिति में उन्होंने दिल्ली को सुरक्षित रखा. सीमा पर एक सिपाही सुरक्षित रखते हैं और हम सभी को दिल्ली में इन डॉक्टरों और कर्मचारियों को सुरक्षित रखा. इसलिए उनकी याद में यह यादगार स्मारक बनाया गया है. 


लोगों की सेवा करते हुए शहीद होने वाले 31 लोगों के नाम विभिन्न अस्पतालों से हमारे पास आए थे. उनके नाम एक यहां एक शिलापट्ट लगा है. यहां हर वर्ष 9 अगस्त को अपने कोरोना योद्धाओं को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए हम सभी इकट्ठा हुआ करेंगे. 


लाल किले में बंद क्रांतिकारियों को विधानसभा में दी जाती थी फांसी?
लाल किले में बंद क्रांतिकारियों को विधानसभा परिसर में स्थित फांसी घर में फांसी दी जाती थी. वह कमरा बहुत दिनों से बंद पड़ा था. उस फांसी घर को बहुत सुंदर रूप दिया गया है. पुनर्निमित फांसी घर लोगों के मन को छुएगा और लगेगा कि वो अपने परिवार और दोस्तों को बुलाकर दिखाएं. दिल्ली विधानसभा का प्रांगण लगातार हमारे शहीदों के प्रति समर्पित और प्रेरणा दायक होता जा रहा है.


इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कोरोना के दौरान लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले कोरोना वारियर्स के परिवार के लोगों को सम्मानित किया गया. शहादत देने वाले 31 कोरोना वारियर्स के परिवार को सम्मानित किया गया.




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