Bihar Politics: बिहार (Bihar) की सियासी तस्वीर अब बदल चुकी है. जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन (BJP-JDU Alliance) टूट गया है और महागठबंधन की सरकार बनने की तैयारी है. इस महागठबंधन में आरजेडी (RJD) के अलावा कांग्रेस (Congress) भी शामिल हो सकती है. कांग्रेस ने तो बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान भी कर दिया लेकिन अब कांग्रेस की हैसियत उतनी नहीं देखने को मिल रही है जो पहले कभी हुआ करती थी. वो इसलिए क्योंकि जेडीयू और आरजेडी के विधायक मिलाकर बिहार में सरकार साफ तौर पर बन रही है तो ऐसे में कांग्रेस को साथ लेकर चलने को लेकर इन दोनों दलों का नजरिया अलग हो सकता है.


नीतीश कुमार की सोनिया गांधी से बात


हालांकि, नीतीश कुमार के रवैये से लगता नहीं है कि वो कांग्रेस का साथ छोड़ेंगे. एक दिन पहले चर्चाएं जोरों पर थीं कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है. उन्होंने ये बात तब की जब उन्होंने बीजेपी से अलग होने के बारे में सोचा और आज वो अलग हो भी गए. दो महीने पहले उपचुनाव और एमएलसी चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. जबकि दोनों ही पार्टियों का गठबंधन था जो इन चुनावों में देखने को नहीं मिला.


कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की बात


उदयपुर में कांग्रेस का नव संकल्प चिंतन शिविर हुआ था. उसमें बिहार के कांग्रेस नेताओं ने आरजेडी से अलग होने की बात कही थी. इतना ही नहीं बिहार में आने वाले चुनाव में कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ने तक की बात बोली गई. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने इस शिविर में गठबंधन सहयोगियों स समझौता करने के बजाय पार्टी को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि हमें दूसरों के सामने झुकने की जरूरत नहीं है. अगर दूसरी पार्टियां लगातार हमें कम आंकती रहेंगी तो कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जाएगा.


कांग्रेस की ताकत कम


उनके इस बयान से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस (Congress) भले ही गठबंधन (Alliance) में रही हो लेकिन उसकी हैसियत को कम करके ही आंका गया है. इस समय बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में कांग्रेस के मात्र 19 विधायक हैं, वहीं, आरजेडी (RJD) के पास 79 विधायकों की ताकत है और जेडीयू (JDU) के 45 विधायक हैं. बिहार में कांग्रेस सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. यहां कांग्रेस कई धड़ों में बंटी हुई है. एक समय हुआ करता था जब कांग्रेस का राज्य में बोलबाला था और अपर कास्ट उसका वोट बैंक हुआ करता था लेकिन उसके इस वोट बैंक पर बीजेपी (BJP) ने सेंधमारी कर दी.  


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