Corona Virus: वैक्सीनेश के बाद भी दर्ज हुए ज्यादातर संक्रमण मामलों में डेल्टा वेरिएंट बना जिम्मेदार: ICMR
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के वक्त ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन को लेकर आईसीएमआर ने स्टडी की जिसमें खुलासा हुआ कि टीके के बाद अस्पताल में दाखिले और मौत होने की गुंजाइश काफी हद तक घट जाती है
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन को लेकर आईसीएमआर ने स्टडी की है. आईसीएमआर की इस स्टडी में खुलासा हुआ कि टीके के बाद अस्पताल में दाखिले और मौत होने की गुंजाइश काफी हद तक घट जाती है. जानकारी के मुताबिक, आईसीएमआर ने कुल 677 लोगों के आंकड़ों पर स्टडी की है. जिसमें इसमें 592 (कोवीशील्ड 527+कोवैक्सीन 63) लोगों ने टीके की दोनों डोज लिए गए थे.
इनमें 85 (कोवीशील्ड: 77+कोवैक्सीन: 8) ने एक डोज लिए थे. ये आंकड़े 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इकट्ठा किया गया है. इन नमूनों में 86.69 प्रतिशत यानी 443 लोग डेल्टा, अल्फा, कप्पा, डेल्टा एवाई.1 और डेल्टा एवाई.2 के चलते संक्रमित हुए.
384 लोग डेल्टा की वजह से संक्रमित हुए. बताया गया कि सबसे ज्यादा लोग दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट की वजह से संक्रमित हुए हैं. इसमें 9.8% लोगों को अस्पताल में दाखिले की जरूरत पड़ी वहीं, दोनों डोज लिए 0.4% यानी 3 लोगों की मौत हुई है.
देश भर में 3 करोड़ 10 लाख से अधिक मामले हुए अब तक दर्ज
आपको देश भर में कोरोना की दूसरी लहर भले ही थम गई हो लेकिन अभी खतरा तीसरी लहर का बना हुआ है. विशेषज्ञ और डॉक्टर लगातार तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दे रहे हैं. बताते चले, कोरोना के चलते देशभर में 3 करोड़ 10 लाख 26 हजार 829 मामले दर्ज हो चुके हैं. वहीं, 4 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
अगले 100-125 दिन बेहद महत्वपूर्ण
बीते दिन सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हाल में प्रतिदिन धीमी गति से कमी होना एक चेतावनी है. हालांकि, स्थिति अभी नियंत्रण में है लेकिन यदि कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं किया गया तो यह बिगड़ सकती है. साथ ही, सरकार ने इस बात का भी जिक्र किया कि अगले 100-125 दिन, व्यवस्था (सिस्टम) और लोग, दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं.
यह भी पढ़ें.