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Supreme Court: डीवाई चंद्रचूड़ के CJI बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के काम में आई तेजी, एक महीने सात दिन में निपटाए गए 6844 मामले
Supreme Court Cases: नए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने औसतन हर रोज 236 मामलों का फैसला किया है. इनमें से 90 मामले जमानत और ट्रांसफर याचिका के थे.
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Supreme Court Cases: 9 नवंबर को भारत के नए चीफ जस्टिस (CJI) के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 6,844 मामलों को निपटारा कर दिया है. इस दौरान दर्ज किए गए केस की तुलना में लगभग एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया है. 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच 5,898 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि निपटाए गए मामलों की संख्या ज्यादा है.
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की ओर से सोमवार (19 दिसंबर) को जारी आंकड़ों के अनुसार, 29 कार्य दिवसों में निपटाए गए कुल 6,844 मामलों में से 2,511 मामले जमानत (Bail) और ट्रांसफर याचिकाओं (Transfer Petitions) से संबंधित थे, जिनमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पारिवारिक विवाद के मामले शामिल थे. 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच 10 दिन ऐसे थे जब सुप्रीम कोर्ट ने 300 से ज्यादा मामलों को निपटाया.
CJI के नेतृत्व में तेजी से हुआ काम
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सीजेआई का पद संभालने के बाद से ही सुनवाई और निस्तारण में तेजी का संदेश दिया था. सीजेआई ने कहा था कि मुकदमों की सुनवाई में जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं के त्वरित निपटान पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने घोषणा की थी कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों को नए शासन में प्राथमिकता दी जाएगी.
नए CJI के नेतृत्व में शीर्ष अदालत ने औसतन हर रोज 236 मामलों का फैसला किया. इनमें से 90 मामले जमानत और ट्रांसफर याचिका के थे. CJI के रूप में अपनी योजनाओं के बारे बात करते हुए, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में पीठ हर एक दिन 10 जमानत मामलों और 10 ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
ट्रांसफर याचिका के मामलों में वैवाहिक विवाद शामिल होते हैं, जहां पति-पत्नी में से एक मामले को दूसरी जगह ट्रांसफर करने की मांग करता है. संविधान के साथ-साथ सिविल और आपराधिक प्रक्रिया कोड्स के तहत, केवल सुप्रीम कोर्ट के पास मामलों को एक अदालत से दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की शक्ति है.
CJI ने बताई थी प्राथमिकता
दरअसल, CJI चंद्रचूड़ ने 17 नवंबर को अपने कोर्ट हॉल में मौजूद वकीलों को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा था कि उन मामलों को प्राथमिकता देने के लिए फैसला लिया गया है, जहां याचिकाकर्ता जेलों के अंदर हैं. उन्होंने कहा था कि 10 ट्रांसफर याचिकाओं के बाद सभी बेंच हर दिन 10 जमानत मामलों की सुनवाई करेंगी. ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामले हैं और हम उन्हें प्राथमिकता देंगे. इन 20 मामलों की सुनवाई के बाद सभी अदालतें अपने नियमित बोर्ड शुरू करेंगी.
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