एक्सप्लोरर

Baby Ariha Case: ‘बेबी अरिहा को वापस भेजें’, 19 पार्टियों के 59 सांसदों ने जर्मनी के राजदूत को लिखी चिट्ठी, जानिए पूरा मामला

Baby Ariha Shah Case: साल 2021 से जर्मनी के फोस्टर केयर में रह रही एक भारतीय बच्ची के लिए देश की अलग-अलग पार्टियों के सांसद एकजुट दिखाई दिए और संसद के 59 सदस्यों ने मिलकर एक चिट्ठी लिखी है.

MPs Letter To Germany Ambassador: भारत की बच्ची अरिहा शाह को वापस देश में लाने के लिए 19 अलग-अलग राजनीतिक दलों के 59 सांसदों ने जर्मनी के राजदूत को एक चिट्ठी लिखी है. इन सांसदों में बीजेपी, कांग्रेस, वामपंथी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी राज्यसभा सांसद भी शामिल हैं. अरिहा शाह पिछले 20 महीनों से भी ज्यादा समय से बर्लिन के फोस्टर केयर में रह रही है.

राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों ने राजदूत फिलिप एकरमैन को लिखे पत्र में कहा है कि अपने देश, संस्कृति और पर्यावरण से जुड़ी अरिहा को भारत लाना जरूरी है. सांसदों ने तर्क देते हुए कहा कि किसी भी तरह की देरी से बच्ची को अपूर्णनीय क्षति होगी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक शुक्रवार (02 जून) को सरकार ने भी जर्मनी से आधिकारिक तौर पर अरिहा को भारत वापस लाने के लिए कहा है.

वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि अरिहा शाह मामले में जर्मन यूथ एजेंसी की कार्रवाई का बचाव करने वाली रिपोर्ट्स गलत हैं और इस मुद्दे को उलझाने का प्रयास करती हैं. एजेंसी ने अनरेस्पोंसिव बिहेव किया जिस वजह से अरिहा के माता-पिता को मीडिया का सहारा लेना पड़ा. किसी भी समय पर एजेंसी ने बच्चे की देखभाल करने के इच्छुक किसी भी भारतीय पालक परिवार के बारे में जानकारी साझा नहीं की. इसके अलावा, मुख्य मुद्दा यह है कि एक भारतीय बच्चे को भारत लौटने की अनुमति नहीं दी जा रही है. 

इन सांसदों ने चिट्ठी पर किए सिग्नेचर

चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी और शशि थरूर, बीजेपी से हेमा मालिनी और मेनका गांधी, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी की सुप्रिया सुले, टीएमसी की महुआ मोइत्रा, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, आरजेडी से मनोज झा, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह, सीपीएम से इलामन करीम और जॉन ब्रिटास, अकाली दल से हरसिमरत कौर, बीएसपी से कुंवर दानिश अली, शिवसेना (यूबीटी) से प्रियंका चतुर्वेदी, सीपीआई से बिनॉय विश्वम और नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुक अब्दुल्ला शामिल रहे.

क्या कहा सांसदों ने?

सांसदों ने इस चिट्ठी में लिखा है, “हम भारत की संसद के दोनों सदनों के सदस्य 19 राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखते हैं. आपको ये पत्र लिख रहे हैं, जिसमें भारती की दो साल बच्ची अरिहा शाह के भारत भेजने का तत्काल अनुरोध है. ये बच्ची भारत की नागरिक है, उसके माता-पिता धरा और भावेश शाह हैं. ये परिवार बर्लिन में रहता था क्योंकि बच्ची के पिता वहां की एक कंपनी काम करते थे. परिवार को अब तक भारत आ जाना चाहिए था लेकिन दुखद घटना की वजह से वो नहीं आ पाए.”

सांसदों ने आगे कहा, “हम आपकी किसी भी एजेंसी पर आरोप नहीं लगा रहे और मानते हैं कि जो कुछ भी किया गया होगा वो बच्ची के हित में सोचकर किया गया होगा. हम आपके देश में कानूनी प्रक्रियाओं का सम्मान करते हैं लेकिन ये देखते हुए कि इस परिवार के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला लंबित नहीं है, बच्ची को वापस घर भेजने का समय आ गया है.”

सांसदों ने बताया कि फरवरी 2022 में माता-पिता के खिलाफ बिना किसी आरोप के पुलिस मामले को बंद कर दिया गया था. इसके बाद भी बच्ची को वापस नहीं किया गया और जर्मन चाइल्ड सर्विसेज ने जर्मनी की अदालतों में बच्ची सी स्थाई हिरासत के लिए दवाब डाला.

पत्र में उन्होंने कहा, "एक और पहलू है. हमारे अपने सांस्कृतिक मानदंड हैं. बच्ची एक जैन परिवार से संबंधित है जो सख्त शाकाहारी हैं. बच्चे को एक विदेशी संस्कृति में ढाला जा है, उसे मांसाहारी भोजन खिलाया जा रहा है. यहां भारत में होने के नाते, आप बेहतर ढंग से समझ सकते हैं कि यह हमारे लिए कितना अस्वीकार्य है."

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, अरिहा के माता-पिता एक गुजराती दंपति हैं. ये लोग साल 2018 में जर्मनी चले गए थे और पिछले 21 महीनों से अपनी बच्ची की कस्टडी के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. बच्ची को आकस्मिक चोट लगने के बाद जर्मनी के अधिकारियों ने अपनी कस्टडी में ले लिया था और वो 23 सितंबर 2021 से फोस्टर केयर में ही है. उस समय अरिहा सिर्फ 7 महीने की थी. जर्मनी के अधिकारियों का आरोप था कि अहिरा के माता-पिता धरा और भावेश शाह ने उसे प्रताड़ित किया है.

ये भी पढ़ें: राज्यसभा सदस्यों के वेतन और भत्ता पर खर्च हुए 200 करोड़ रुपये, RTI से हुआ खुलासा

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Tirupati Laddoo Row: 'YSRCP सरकार में बदली गई थी घी सप्लाई की शर्त', तिरुपति लड्‌डू विवाद पर बोले चंद्रबाबू नायडू
'YSRCP सरकार में बदली गई थी घी सप्लाई की शर्त', तिरुपति लड्‌डू विवाद पर बोले चंद्रबाबू नायडू
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
Sharmila Tagore की वजह से काजोल की मां बनी थीं स्टार, जानें कैसे सैफ की मां के फैसले ने बदली थी तनुजा की जिंदगी
काजोल और सैफ की मां के बीच का कनेक्शन है पुराना, जानिए दिलचस्प किस्सा
IND vs BAN: एक घंटा है, जो करना है..., ऋषभ पंत ने खोल दिए टीम इंडिया के बड़े राज; रोहित पर भी दिया बयान
एक घंटा है, जो करना है..., ऋषभ पंत ने खोल दिए टीम इंडिया के बड़े राज
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Lebanon Israel War: खतरे में लेबनान का फ्यूचर, बज गया सिविल वॉर का हूटर? | America | ABP NewsHaryana Election: Arvind Kejriwal के RSS से सवाल...हरियाणा तक बवाल | AAP | ABP NewsHindustan Shikhar Samagam: Jagat Singh को ऐसे मिली जंगली की उपाधी | ABP News'प्रकृति को बिना नुकसान किए कैसे स्वस्थ रहें' देवभूमि के 'गुमनाम नायकों' का खास Interview | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Tirupati Laddoo Row: 'YSRCP सरकार में बदली गई थी घी सप्लाई की शर्त', तिरुपति लड्‌डू विवाद पर बोले चंद्रबाबू नायडू
'YSRCP सरकार में बदली गई थी घी सप्लाई की शर्त', तिरुपति लड्‌डू विवाद पर बोले चंद्रबाबू नायडू
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सपा सांसद डिंपल यादव की प्रतिक्रिया, वृंदावन का भी कर दिया जिक्र
Sharmila Tagore की वजह से काजोल की मां बनी थीं स्टार, जानें कैसे सैफ की मां के फैसले ने बदली थी तनुजा की जिंदगी
काजोल और सैफ की मां के बीच का कनेक्शन है पुराना, जानिए दिलचस्प किस्सा
IND vs BAN: एक घंटा है, जो करना है..., ऋषभ पंत ने खोल दिए टीम इंडिया के बड़े राज; रोहित पर भी दिया बयान
एक घंटा है, जो करना है..., ऋषभ पंत ने खोल दिए टीम इंडिया के बड़े राज
Coldplay Concert: कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट की कीमत लाखों तक पहुंची, ऐसी दीवानगी कि बुकिंग साइट हुई क्रेश
कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के टिकट की कीमत लाखों तक पहुंची, ऐसी दीवानगी कि बुकिंग साइट हुई क्रेश
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
वक्फ संशोधन बिल पर JPC को मिले AI जेनरेटेड रिएक्शन, अब तक आ चुके हैं 96 लाख ईमेल
दुनिया के किस देश में हैं सबसे ज्यादा दूतावास, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
दुनिया के किस देश में हैं सबसे ज्यादा दूतावास, किस नंबर पर आता है अपना भारत?
AI से कैसे होगा सर्वाइकल कैंसर का इलाज, क्या दूसरी बीमारियों में भी काम आएगी ये तकनीक?
AI से कैसे होगा सर्वाइकल कैंसर का इलाज, कितनी कारगर है ये तकनीक
Embed widget