सर्वे: कोरोना केस 17 हजार पार होने के बाद 59% दिल्ली वाले 3 हफ्ते लॉकडाउन के पक्ष में
पहले जब लोकल सर्कल्स की तरफ से 28 मार्च को सर्वे में यह पूछा गया था कि क्या दिल्ली में तीन हफ्ते का लॉकडाउन किया जाना चाहिए तो उस समय सिर्फ 16% लोग ही इसके समर्थन में थे. लेकिन जब उन्हीं लोगों से 15 अप्रैल को यह सर्वे किया गया तो इसमें से 59% लोगों ने तीन हफ्ते राजधानी में लॉकडाउन का समर्थन किया है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में पिछले कुछ दिनों के अंदर ही बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. आलम ये है कि पिछले 30 दिनों के अंदर सार्स-कोव-2 के केस में शहर के अंदर 4200% का अप्रत्याशित इजाफा देखने को मिला. 15 मार्च को कोरोना के मामले सिर्फ 400 आए थे जो 14 अप्रैल को बढ़कर 17 हजार 282 हो गए. दिल्ली में इस वक्त पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 15.92 हो चुका है, जो राज्य में अब तक का यह सर्वाधिक है. सबसे चिंता की बात ये है कि राजधानी में 91.02% वेंटिलेटर फुल हो चुका है औ सिर्फ कुल 1226 बेड्स में से सिर्फ 99 बेड्स खाली हैं.
पिछले दो हफ्ते के दौरान जिस तरह से दिल्ली में कोरोना डरावनी रफ्तार के साथ फैला उसके बाद लोकल सर्वे की तरफ से दिल्ली के 11 जिलों में 8 हजार लोगों से सर्वे किया गया. सर्वे के दौरान दिल्ली के लोगों से सवाल किया गया:
3 हफ्त लॉकडाउन के पक्ष में 59 फीसदी दिल्ली वाले
सर्वे के दौरान पहला सवाल ये किया गया कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति को देखते हुए क्या 3 हफ्ते का लॉकडाउन किया जाना चाहिए?
जवाब- इसका जवाब 59 फीसदी लोगों ने 'हां' में दिया
36 फीसदी ने कहा 'नहीं'
5 फीसदी ने कहा 'बता नहीं सकते'
तीन हफ्ते में लॉकडाउन के पक्ष में बढ़े 255% लोग
पहले जब लोकल सर्कल्स की तरफ से 28 मार्च को सर्वे में यह पूछा गया था कि क्या दिल्ली में तीन हफ्ते का लॉकडाउन किया जाना चाहिए तो उस समय सिर्फ 16% लोग ही इसके समर्थन में थे. लेकिन जब उन्हीं लोगों से 15 अप्रैल को यह सर्वे किया गया तो इसमें 59% लोगों ने तीन हफ्ते राजधानी में लॉकडाउन का समर्थन किया है. यानि, लॉकडाउन का समर्थन करने वालों में सिर्फ 15 दिनों के अंदर 275 फीसदी का इजाफा हुआ है.
गौरतलब है कि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के चलते वीकेंड में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. इस दौरान जिम, स्पा, मॉल और ऑडिटोरियम को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. लोकल सर्कल्स की तरफ से किए गए सर्वे के दौरान जिन आठ हजार लोगों ने हिस्सा लिया उनमें से 67 फीसदी पुरूष और 33 फीसदी महिलाएं थीं.