Amit Shah Statement on Savarkar: सावरकर जैसी देशभक्ति की भावना किसी और में नहीं थी, सवाल उठाने वालों को शर्म करनी चाहिए- अमित शाह
Amit Shah Statement on Savarkar: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि सावरकर ने महात्मा गांधी की सलाह पर अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिससे विवाद पैदा हो गया था .
Amit Shah Statement on Savarkar: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत और इसके स्वतंत्रता संग्राम के लिए वी डी सावरकर की प्रतिबद्धता पर संदेह करने वाले लोगों पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्रता सेनानी की देशभक्ति और वीरता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘कुछ शर्म’ करनी चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि एक सम्मानित हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर ने महात्मा गांधी की सलाह पर अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिससे विवाद पैदा हो गया था. इसके बाद शाह की यह टिप्पणी आयी है.
गृह मंत्री ने कहा,''मेरा मानना है कि वीर सावरकर जैसी देशभक्ति की भावना किसी और में नहीं थी. अपना रुख बदले बिना, समाज के विरोध का सामना करते हुए कठिन परिस्थितियों में खुलकर अपने विचार रखे. मुझे लगता है कि बहुत कम लोगों में वह साहस है जो उनके पास था.''
अंमित शाह ने कहा,'' इस जेल में तेल निकालने के लिए कोल्हू के बैल की तरह पसीना बहाने वाले और आजीवन कारावास की दो सजा पाने वाले व्यक्ति की जिंदगी पर आप कैसे शक कर सकते हैं. शर्म करो.’’ बता दें कि इस जेल में भारत के लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था.
अमित शाह ने कहा कि सावरकर के पास वह सब कुछ था, जो उन्हें अच्छे जीवन के लिए चाहिए होता, लेकिन उन्होंने कठिन रास्ता चुना, जो मातृभूमि के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारत की आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में सरकार ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ मना रही है और इसी के तहत एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘इस सेल्युलर जेल से बड़ा तीर्थ कोई नहीं हो सकता. यह स्थान एक महातीर्थ है, जहां सावरकर ने 10 साल तक अमानवीय यातना सहन की, लेकिन अपना साहस, अपनी बहादुरी नहीं खोई.’’
अमित शाह ने कहा कि सावरकर को किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश के लोगों ने उनकी अदम्य भावना और साहस के समर्थन में ‘वीर’ नाम दिया.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत के 130 करोड़ लोगों द्वारा उन्हें प्यार से दी गई यह उपाधि छीनी नहीं जा सकती.’’
शाह ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के स्मारक पर माल्यार्पण भी किया. उन्होंने कहा कि आज के भारत में ज्यादातर लोग आजादी के बाद पैदा हुए हैं और इसलिए उन्हें ‘देश के लिए मरने’ का मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज के युवाओं से इस महान राष्ट्र के लिए जीने का आग्रह करता हूं.’’
राजनाथ सिंह के बयान के बाद विपक्ष ने बनाया मुद्दा
राजनाथ सिंह ने हाल में सावरकर के आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि दया याचिकाओं पर स्वतंत्रता सेनानी को बदनाम किया जा रहा है, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘‘बार-बार, यह कहा जाता है कि उन्होंने जेल से अपनी रिहाई की मांग करते हुए ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दाखिल की... सच तो यह है कि उन्होंने खुद को रिहा करने के लिए दया याचिका दाखिल नहीं की. (जेल में बंद) व्यक्ति के लिए दया याचिका दायर करना एक नियमित परंपरा है. वह महात्मा गांधी थे, जिन्होंने उनसे दया याचिका दाखिल करने के लिए कहा था.’’
सेल्युलर जेल के अपने दौरे के दौरान शाह ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के स्मारक पर माल्यार्पण किया. उन्होंने लोगों से कम से कम एक बार इस जेल में जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने की अपील की. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ने ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में महान और विशेष योगदान’’ दिया है क्योंकि सेलुलर जेल में आने वाले अधिकांश स्वतंत्रता सेनानी उस राज्य और पंजाब से थे.
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