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Delhi Crime: पीड़िता को नाबालिग मानकर पॉक्सो एक्ट लगाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने की पुलिस की खिंचाई
Delhi: पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 में कहा गया है कि अगर जो कोई भी गंभीर प्रवेशन यौन हमला करता है तो उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जो 20 वर्ष से कम नहीं होगा.
![Delhi Crime: पीड़िता को नाबालिग मानकर पॉक्सो एक्ट लगाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने की पुलिस की खिंचाई Delhi High Court pulls up police for invoking POCSO Act considering victim as minor Delhi Crime: पीड़िता को नाबालिग मानकर पॉक्सो एक्ट लगाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने की पुलिस की खिंचाई](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/23/fe2a1aa4ccc8babbe3fa13b4a927d1c31677125715568398_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित बलात्कार मामले में आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 लागू करने के लिए पुलिस की खिंचाई की है, यह मानने के लिए कि पीड़िता नाबालिग होनी चाहिए क्योंकि वह घटना के समय 12वीं कक्षा में थी. न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर बलात्कार के मामले को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, उन्होंने अभियोजक के वकील से पूछा कि इस प्रावधान को यहां कैसे लागू किया गया.
घटना के समय 12वीं कक्षा में थी पीड़िता
वकील ने कहा कि चूंकि पीड़ित लड़की उस घटना के समय 12वीं कक्षा में थी, इसलिए यह माना गया कि वह नाबालिग होगी. इस पर, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रजनीश भटनागर ने कहा कि एपीपी द्वारा प्रस्तुतियां अत्यधिक हास्यास्पद हैं. रिकॉर्ड पर किसी भी दस्तावेज के बिना, कोई यह कैसे मान सकता है कि पीड़िता नाबालिग है, ऐसा जरुरी भी नहीं की नाबालिग लड़की ही 12वीं कक्षा में हो सकती है, यहां तक कि एक बड़ी लड़की भी 12वीं कक्षा में हो सकती है.
मार्च में होगी मामले की सुनवाई
इस मामले पर पुलिस के अधिवक्ता ने तब स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अपना समय मांगा है. अदालत ने डीसीपी को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने का नोटिस भी जारी किया. अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी बुधवार को अदालत में क्यों मौजूद नहीं थे. इसके बाद अदालत ने इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 7 मार्च, 2023 को सूचीबद्ध किया है. पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 में कहा गया है कि अगर जो कोई भी गंभीर प्रवेशन यौन हमला करता है तो उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जो 20 वर्ष से कम नहीं होगा. इसके अलावा यह दंड 20 वर्ष से ज्यादा होकर आजीवन कारावास तक भी बढ़ सकता है.
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