एक्सप्लोरर

The Family Man Season 2 Review: मनोज बाजपेयी की परफॉरमेंस है शानदार, इसे देखें मगर ज्यादा उम्मीद न रखें

The Family Man Season 2 Review: हिंसा ही हिंसा को रोक सकती है. इस दर्शन के साथ द फैमेली मैन के दूसरे सीजन की कहानी शुरू होती है और सचमुच हिंसा पर ही इसका अंत होता है. पहले सीजन में अगर आपको नयापन महसूस हुआ था तो इस बार ढिलाई नजर आएगी. मनोज बाजपेयी और अन्य कलाकारों के बढ़िया परफॉरमेंस के बावजूद यह वेबसीरीज औसत कहानी से ऊपर नहीं उठ पाती.

आपको अमेजन प्राइम की वेबसीरीज द फैमिली मैन के दूसरे सीजन का इंतजार था तो जान लीजिए कि ज्यादा उम्मीदें निराश करेंगी. इसे सिर्फ इस जिज्ञासा के साथ देखा जा सकता है कि श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) पहले सीजन में दिल्ली में आतंकियों से मिली मात के बाद दूसरे में क्या कर रहे हैं. पत्नी सुची (प्रियमणि) के साथ गृहस्थी की गाड़ी पटरी पर बैठाने के लिए उनकी कोशिशें कैसी हैं और क्या इस बार अंत आते-आते यह परिवार सुखी हो पाएगा. इन दो मुख्य बातों की बातों की सेंडविच के बीच में निर्देशक राज-डीके ने श्रीलंका के तमिल ईलम आंदोलन और आतंकी संगठन द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री की हत्या के षड्यंत्र का मसाला भरा है. उन्होंने लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) के हाथों पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के प्रकरण की पृष्ठभूमि से प्रेरित होने के साथ लव जिहाद का टॉप-अप यहां डाला और कहानी को नए जमाने का रंग देने की भी कोशिश की.

द फैमिली मैन का दूसरा सीजन कई जगहों पर पहले को याद करता है और धीमी रफ्तार से बढ़ता है. पुराना थ्रिल यहां गायब है और सिर्फ मनोज बाजपेयी इसे अपने कंधों पर लेकर आगे बढ़ते हैं. प्रसिद्ध तमिल अभिनेत्री समांथा अक्कीनेनी सधा हुआ अभिनय करती हैं परंतु उनके हिस्से आया एक सख्त-जान, सताई और बदले की आग में जलती युवती का सिंगल ट्रेक दर्शकों को अधिक प्रभावित नहीं करता.


The Family Man Season 2 Review: मनोज बाजपेयी की परफॉरमेंस है शानदार, इसे देखें मगर ज्यादा उम्मीद न रखें

फैमिली मैन बनने के लिए मनोज बाजपेयी यहां अपनी एनआईए की नौकरी छोड़ कर एक आईटी फर्म में नाइन-टू-फाइव जॉब तो कर लेते हैं परंतु दफ्तर में उनकी किसी से बातचीत नहीं है. युवा सहकर्मियों को वह उनके बूढ़े-थके पिता की याद दिलाते हैं. मनोज का भी इस दफ्तर में मन नहीं लगता और अक्सर अपने पुराने साथी जेके (शारिब हाशमी) से कभी फोन पर तो कभी मिलकर बतियाते रहते हैं. असल में उनकी दुनिया वहीं है, जहां अपराधियों को सबक सिखाया जाना है.

नौ कड़ियों की करीब सवा चार सौ मिनट की यह सीरीज ब्रेक ले-लेकर चलती है. हर बार जब आपको लगता है कि कहानी बढ़ रही है तो किसी न किसी किरदार की बैक स्टोरी बीच में आती है. लिट्टे से प्रेरित संगठन की गतिविधियों के बीच भारत-श्रीलंका संबंधों की कुछ राजनीतिक बातों से नए सीजन की शुरुआत होती है. इस संगठन के तार उत्तरी श्रीलंका से होते हुए चेन्नई, मुंबई, दिल्ली से लेकर लंदन और फ्रांस तक बिखेरे जाते हैं.

पाकिस्तान की आईएसआई का एजेंट भी यहां मौजूद है, जो तमिल संगठन/लीडर को भारत विरोधी षड्यंत्र के लिए उकसाता और फिर उसकी मदद करता है. आगे तमिलों के दर्द को कश्मीर के मुसलमान से जोड़ते हुए दिखाया गया है कि ‘सलमान’ मिशन के तहत कैसे ‘धृति’ को झूठे प्यार में फंसाता है. श्रीकांत और सुची की निजी जिंदगी में इस बार एक मनोचिकित्सक है, जो मुद्दों पर कम बात करता है और उनकी सेक्स लाइफ में अधिक दिलचस्पी लेता नजर आता है.


The Family Man Season 2 Review: मनोज बाजपेयी की परफॉरमेंस है शानदार, इसे देखें मगर ज्यादा उम्मीद न रखें

द फैमिली मैन का दूसरा सीजन ठीक-ठाक शुरुआत के बाद धीरे-धीरे पटरी से उतरता जाता है. अगर आप दो-तीन दशक पुरानी श्रीलंकाई-भारतीय राजनीति से परिचित हैं तो कहानी के मुख्य प्लॉट के रहस्य में ही आपके लिए कोई जादू नहीं रह जाता. आप जानते हैं कि कहानी किस तरफ जाने वाली है. इसी तरह श्रीकांत और सुचि की जिंदगी में कुछ नया नहीं होता. श्रीकांत और जेके की बातचीत का अंदाज भी पुराना है, जिसमें अपशब्दों के साथ कुछ वन-लाइनर बीच-बीच में गुदगुदाने की कोशिश करते हैं.

दूसरे सीजन में क्लाइमेक्स का बड़ा धमाका, श्रीकांत की जिंदगी की समस्याओं और उनकी किशोरवय बेटी धृति (अश्लेषा ठाकुर) के ‘सलमान’ से प्यार के ड्रामे में अपनी धार खो देता है. राज-डीके असमंजस में दिखते हैं कि कहानी का फोकस कहां रखें और द फैमिली मैन-2 किसी बॉलीवुड की फिल्म की तरह लगने लगती है. जो थ्रिलर होने के बावजूद न तो रोमांच पैदा करती है और न इसके रहस्य बांधते हैं. इसके संवाद हिंदी के साथ अंग्रेजी और तमिल में भी हैं.


The Family Man Season 2 Review: मनोज बाजपेयी की परफॉरमेंस है शानदार, इसे देखें मगर ज्यादा उम्मीद न रखें

इसमें संदेह नहीं कि मनोज बाजपेयी जबर्दस्त हैं और उन्हें साथी कलाकारों का अच्छा साथ मिला. खास तौर पर प्रियमणि और समांथा का. प्रधानमंत्री बसु की भूमिका में सीमा बिस्वास लगातार ममता बनर्जी की याद दिलाती हैं. शारिब पिछली बार की तरह रोचक नहीं हैं. शरद केलकर समीति दृश्यों के लिए हैं, जिनका कोई खास मतलब नहीं है.

कसी और तीखी संवेदनाओं की संभावनाओं से युक्त राजनीतिक थ्रिलर लेखकीय-निर्देशकीय कमजोरी के कारण पैनापन खो देती है. बुनावट की ढील के बीच रोमांच और रोमांस क्रमशः शिथिल पड़ते जाते हैं. यहां महसूस होता है कि कागज पर कहानी को और स्क्रीन पर एपिसोड्स को कसे हुए संपादन की जरूरत थी. जिसका अभाव द फैमिली मैन सीजन 2 को एक साधारण सीजन से ऊपर नहीं उठने देता. पहले सीजन के विपरीत दूसरे सीजन की कहानी का ट्रेक ऐसा लगता है मानो किसी ने अपना जोखिम भरा रोमांचक काम छोड़ कर नौ से पांच की नौकरी कर ली हो.

ENT LIVE

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget