(Source: ECI / CVoter)
The Archies Review: ये तो ताजा हवा का झोंका निकली, सुहाना खान, अगस्तय नंदा, खुशी कपूर तो खानदानी एक्टर निकले
The Archies Review: सुहाना खान, अगस्त्य नंदा और खुशी कपूर की डेब्यू फिल्म द आर्चीज एक ताजे हवा के झोंके की तरह है. फिल्म में कहानी सिंपल होने के बावजूद दिलचस्प तरीके से दिखाई गई है.
जोया अख्तर
सुहाना खान, खुशी कपूर, अगस्त्य नंदा, वेदांग रैना, मिहीर अहूजा, युवराज मेंदा, अदिति सेगल
The Archies Review: शाहरुख खान की बेटी, अमिताभ बच्चन का नाती, श्रीदेवी की बेटी, तीन तीन स्टार किड जब एक फिल्म में लॉन्च होंगे तो क्या लगेगा.जो भी लगेगा लेकिन फिल्म देखने के बाद जो लगा वो सरप्राइज निकला. सुहाना खान ने दिखा दिया कि वो शाहरुख खान की औलाद हैं. अगस्तय नंदा ने अमिताभ के खानदान से होने का मान रखा तो खुशी कपूर भी श्रीदेवी और बोनी कपूर के नाम को ऊंचा करती दिखीं.इतने सारे न्यूकमर और नतीजा, एक बेहद ताजी और अच्छी फिल्म.
कहानी
ये कहानी Archies Comics के किरदारों से प्रेरित है. riverdelle नाम की एक जगह है जहां करीब 9 हजार लोग रहते हैं.वहां की शान है द ग्रीन पार्क लेकिन कुछ कोरपोरेट उस पार्क को तोड़कर होटल बनाना चाहते हैं और वहां के यंगस्टर्स उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं. कहानी सिंपल सी है लेकिन दिखाई काफी दिलचस्प तरीके से गई है.
कैसी है फिल्म
ये ना तो जवान है ..ना ही पठान और ना ही एनिमल. ये बिल्कुल फ्रेश फिल्म है. 60 के दशक की सेटिंग और वैसे ही किरदार.फिल्म शुरू होती है तो लगता है कुछ खास नहीं निकलेगी. लेकिन धीरे धीरे फिल्म में दिलचस्पी बढ़ने लगती है.अच्छे म्यूजिक के साथ फिल्म आगे बढ़ती है और आप कहानी से जुड़ते जाते हैं. कहानी के किरदार आपको अपने लगने लगते हैं.आप उनके इमोशन्स को महसूस करते हैं.किरदारों से कनेक्ट करते हैं और इन यंगस्टर्स के साथ आप भी उनके मिशन में शामिल हो जाते हैं.ये फिल्म आपको एक अलग ही जर्नी पर ले जाते हैं और इस जर्नी को आप एन्जॉय करते हैं. ऐसा नहीं है कि फिल्म में शाहरुख की बेटी हैं तो बाकियों की जगह कम कर दी गई या अमिताभ के नाती हैं तो बाकी एक्टर्स के सीन काट दिए गए.सबको उनकी वाजिब जगह दी गई और हर किरदार खुलकर सामने आता है.
एक्टिंग
इस फिल्म के एक्टर्स आपको हैरान कर देते हैं.अमिताभ के नाती अगस्तय नंदा एक ऐसे लड़के के किरदार में हैं जिसे हर लड़की से इश्क हो जाता है लेकिन तब भी वो घटिया नहीं लगता, प्यारा लगता है और इस किरदार में अगस्तया ने शानदार काम किया है. उन्होंने दिखा दिया है कि वो अमिताभ के खानदान से हैं और एक्टिंग उनके खून में है. सुहाना खान को हमने अक्सर चुपचाप देखा है. एक दो ही बार उनके बयान सुनने में आए हैं. हाल ही में वो आलिया के अपनी शादी की साड़ी नेशनल अवॉर्ड्स पर रिपीट करने को लेकर बोली थीं.बाकी वो ज्यादा बोलती नहीं हैं लेकिन यहां वो कमाल का काम कर गई हैं. उनमें एक अलग ही एटीट्यूड दिखता है..जो उनके किरदार का हिस्सा है और उनपर काफी सूट किया है. उन्होंने दिखा दिया कि वो शाहरुख की बेटी हैं और एक्टिंग की बारीकियां सीखकर ही आई हैं. खुशी कपूर का किरदार भी कमाल का है उन्हें अगस्तय से प्यार है लेकिन अगस्तय को तो किसी से भी प्यार हो जाता है. ऐसी लड़की के किरदार में खुशी ने गजब काम किया है. अगस्तय के बात करने पर खुशी और उसे किसी और के साथ देखकर नाराजगी दोनों ही तरह के इमोशन खुशी अच्छे से निभा गई हैं. वैदांग रैना का काम भी अच्छा है वो अगस्तय के आगे फीके नहीं पड़े उनके किरदार में दम दिखता है. मिहिर आहूजा भी जमे हैं. युवराज मेंदा का किरदार अलग तरह का है और वो अलग से चमकते हैं. अदिति सेगल का किरदार भी अच्छे से निकलकर सामने आता है.सैलून में काम करने वाली लड़की के किरदार में वो जमी हैं.
डायरेक्शन
जोया अख्तर क्यों जोया अख्तर हैं वो ये फिल्म बताती है.तीन तीन बड़े स्टार किड्स को लॉन्च करने का जो प्रेशर उनपर रहा होगा ये वही समझ सकती हैं लेकिन उन्होंने इन्हें जिस तरह से पेश किया वो एक बहुत अच्छा डायरेक्टर ही कर सकता है.जोया ने फिल्म को एक कविता की तरह पेश किया है और ये कविता दिल में उतरती है.आयशा ढिल्लों, रीमा कागती और जोया अख्तर ने फिल्म को लिखा है और बखूबी लिखा है. जिस तरह उन्होंने हर किरदार को पिरोया है वो शानदार है.फिल्म में कई डायलॉग ऐसे आते हैं जो आपके दिल को छूते हैं.
म्यूजिक
शंकर एहसान लॉय का म्यूजिक अच्छा है.फिल्म को एक अलग फील देता है.गाने सुनकर मजा आता है.
कमी
फिल्म के किरदारों के नाम अंग्रेजी में हैं.क्योंकि ये आर्चीज कॉमिक्स से इंसप्यार है. यहां पर थोड़े कन्फ्यूज भी होते हैं.सब नए सितारे हैं तो पहचानने में दिक्कत होती है.लेकिन धीरे धीरे ये किरदार आपसे कनेक्ट कर जाते हैं.कहानी मुद्दे पर आने में थोड़ा वक्त लेती है.थोड़ी सा छोटा किया जा सकता था.ऐसा होता है ये और बेहतर फिल्म बन जाती.
कुल मिलाकर ये फिल्म एक अच्छी फिल्म हैऔर नेटफ्लिक्स पर इसे रिलीज करना मास्टर स्ट्रोक है क्योंकि थिएटर में ये नहीं चलती लेकिन ओटीटी पर ये वहां तक पहुंच सकती है जहां तक इसे पहुंचना है.