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Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी के बाद आज है ऋषि पंचमी व्रत, जानें पूजा शुभ मुहूर्त, विधि व व्रत कथा
Rishi Panchami 2021: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाता है. इस बार ऋषि पंचमी व्रत या गुरु पंचमी व्रत आज 11 सितंबर को है.
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Rishi Panchami 2021: हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी का बहुत अधिक महत्व है. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा अर्चना की जाती है. हिंदी पंचांग के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत हर साल भादो के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को रखा जाता है. इस साल ऋषि पंचमी आज यानी 11 सितंबर को रखा गया है. इस पावन दिन पर सप्त ऋर्षियों का विधि-विधान से पूजन –वंदन किया जाता है. महिलाएं इस दिन सप्त ऋर्षियों का आशीर्वाद प्राप्त करने और सुख शांति एवं समृद्धि की कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत रखती हैं.
ऋषि पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- आज 11 सितंबर को प्रातः कल 04:32 बजे से 05:18 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग- आज प्रातः काल 06:04 बजे से 11:23 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त- आज 11 सितंबर को दोपहर 11:53 बजे से दोपहर बाद 12:42 बजे तक
- विजय मुहूर्त- आज 11 सितंबर दोपहर बाद 02:22 बजे से 03:12 बजे तक
व्रत कथा
विदर्भ देश में एक सदाचारी ब्राह्मण की पत्नी सुशीला बड़ी पतिव्रता थी. उस ब्राह्मण के एक पुत्र और एक पुत्री थी. सदाचारी ब्राह्मण ने बेटी का विवाह किया परंतु कुछ समय के बाद वह विधवा हो गई. दुखी ब्राह्मण दम्पति कन्या सहित गंगा तट पर कुटिया बनाकर रहने लगे.
एक दिन वह विधवा कन्या सो रही थी कि उसका शरीर कीड़ों से भर गया. मां ने इस बात को अपने पति से बताते हुए इसका कारण पूंछा. तब ब्राह्मण ने समाधि के द्वारा जानकारी कर बताया कि पूर्व जन्म में यह कन्या ब्राह्मणी थी. मासिक के दौरान इसने बर्तन को छू लिया था. इस जन्म में भी इसने ऋषि पंचमी का व्रत नहीं रखा.
धर्म-शास्त्रों के अनुसार रजस्वला स्त्री पहले दिन चाण्डालिनी, दूसरे दिन ब्रह्मघातिनी तथा तीसरे दिन धोबिन के समान अपवित्र होती है. वह चौथे दिन स्नान करने के पश्चात शुद्ध होती है. यदि यह ऋषि पंचमी का व्रत रखकर शुद्ध मन से पूजा अर्चना करे तो इसके सारे दुःख दूर हो जायेंगे. विधवा कन्या ने ऐसा ही किया. व्रत के प्रभाव से वह सारे दुखों से मुक्त हो गई. अगले जन्म में उसे अटल सौभाग्य सहित अक्षय सुखों का भोग मिला.
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