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दोस्त का 'झूठा नूडल्स' खाना पड़ा भारी, कटवानी पड़ गईं हाथ और पैरों की सारी उंगलियां, जानें क्या है पूरा मामला?
डॉक्टरों ने कहा कि छात्र जिन गंभीर लक्षणों से पीड़ित था, उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये एक आक्रामक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण हुआ है.
![दोस्त का 'झूठा नूडल्स' खाना पड़ा भारी, कटवानी पड़ गईं हाथ और पैरों की सारी उंगलियां, जानें क्या है पूरा मामला? Student Fingers And Legs Had To Be Amputated After Eating Friend Leftover Chicken Noodles दोस्त का 'झूठा नूडल्स' खाना पड़ा भारी, कटवानी पड़ गईं हाथ और पैरों की सारी उंगलियां, जानें क्या है पूरा मामला?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/20/56c5f0cc2f01ea8362f584b97c7b21951679302847691635_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
ज्यादातर लोग यह सोचकर अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों का झूठा खा लेते है कि इससे प्यार बढ़ता है. मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ब्रिटेन में एक छात्र को झूठा खाने की वजह एक खतरनाक ऑपरेशन सामना करना पड़ा, जबकि झूठा खाने से एक दिन पहले तक उसका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक था. उसे कोई शारीरिक समस्या नहीं थी. दरअसल छात्र ने अपने रूममेट के बचे हुए चिकन नूडल्स खाए थे, जिसे पास के एक रेस्टोरेंट से ऑर्डर किया गया था.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश इस रिपोर्ट के मुताबिक, झूठे नूडल्स खाने के बाद छात्र की हालत बिगड़ने लगी और वो गंभीर रूप से बीमार पड़ गया. छात्र का बॉडी टेंपरेचर एकदम से ज्यादा हो गया. पल्स 166 बीट प्रति मिनट हो गई. हालत ऐसी थी कि डॉक्टरों को उसे तुरंत बेहोश करना पड़ा. डॉक्टरों ने बताया कि उसे कोई एलर्जी नहीं थी और ना ही वो शराब का ज्यादा सेवन करने वाला व्यक्ति था.
क्या बोले डॉक्टर्स?
रिपोर्ट के मुताबिक, जब छात्र को अस्पताल लाया गया तब उसे तुरंत इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती करना पड़ा. क्योंकि उसकी नब्ज धीमी चल रही थी. छात्र हॉस्पिटल में भर्ती होने से 20 घंटे पहले तक ठीक था. लेकिन जब उसने अपने दोस्त का बचा हुआ खाना जैसे- चावल, चिकन नूडल्स आदि खाया, तो उसके पेट में दर्द और मतली की समस्या पैदा हुई. अस्पताल में भर्ती होने से पांच घंटे पहले उसकी स्किन का रंग बैंगनी होने लगा. डॉक्टरों ने बताया कि छात्र के खाने में जो बैक्टीरिया मिला है, वो बैक्टीरिया लार के जरिए फैलता है.
डॉक्टरों ने कहा कि छात्र जिन गंभीर लक्षणों से पीड़ित था, उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये एक आक्रामक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण हुआ है. उसकी किडनी फेल हो गई थी और खून भी जमने लगा था. रिपोर्ट के मुताबिक, खून की जांच के नतीजे आने के बाद डॉक्टरों ने पाया कि छात्र के ब्लड में 'निसेरिया मेनिंगिटिडिस' नाम का बैक्टीरिया था.
निसेरिया मेनिंगिटिडिस क्या है?
डॉक्टरों ने कहा कि 10 में से एक व्यक्ति की नाक और गले के पिछले हिस्से में निसेरिया मेनिंगिटिडिस बैक्टीरिया (Neisseria Meningitidis) मौजूद होते हैं. इन्हें वाहक कहा जाता है. ये बैक्टीरिया कभी-कभी शरीर पर हमला बोलते हैं और कुछ बीमारियों का कारण भी बनते हैं, जिन्हें मेनिंगोकोकल रोग के तौर पर जाना जाता है. निसेरिया मेनिंगिटिडिस बैक्टीरिया 6 प्रकार के होते हैं- A, B, C, W, X और Y. ये सभी दुनिया भर में सबसे ज्यादा बीमारियों को पैदा करते हैं. इनमें से तीन सेरोग्रुप यानी B, C और Y, अमेरिका में देखी जाने वाली ज्यादातर बीमारियों का कारण बने हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड में मौजूद ये बैक्टीरिया पूरे शरीर के ब्लड वैसल्स को चौड़ा कर देते हैं. ब्लड प्रेशर को कम कर देते हैं और ऑक्सीजन को शरीर के अंगों तक जाने से रोकते हैं. इस पूरे प्रभाव को 'पुरपुरा फुलमिनंस' (Purpura Fulminans) कहा जाता है. डॉक्टरों ने कहा कि छात्र का ब्लड प्रेशर स्टेबल होने के बाद उसके हाथों और पैर की उंगलियों पर गैंग्रीन पैदा हो गया, जिसकी वजह से उसकी 10 उंगलियों और दोनों पैरों को घुटने तक काट दिया गया.
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