(Source: ECI / CVoter)
राहुल गांधी बोले- ‘अवैध रूप से नेताओं को हिरासत में लेना लोकतंत्र का नुकसान, महबूबा मुफ्ती की रिहाई हो’
महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे के खत्म होने के बाद से ही पीएसए के तहत हिरासत में हैं.प्रशासन ने पिछले हफ्ते पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत को तीन और महीनों के लिये बढ़ा दिया था.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की है. राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार ने जब अवैध रूप से नेताओं को हिरासत में रखा तो भारतीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले हफ्ते पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत को तीन और महीनों के लिये बढ़ा दिया था.
राहुल गांधी ने क्या लिखा है?
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, “भारत सरकार ने जब अवैध रूप से नेताओं को हिरासत में लिया तो भारत के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा. महबूबा मुफ्ती की रिहाई के लिये यह सही समय है.”
India’s democracy is damaged when GOI illegally detains political leaders.
It’s high time Mehbooba Mufti is released. — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 2, 2020
प्रियकां गांधी ने भी की मांग
वहीं, इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुफ्ती की रिहाई की मांग की. प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, "हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है. बीजेपी सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है. मुफ्ती को नजरबंद रखना आलोकतंत्रिक और असंवैधानिक है. उन्हें रिहा करना चाहिए."
पिछले एक साल से हिरासत में हैं महबूबा मुफ्ती
बता दें कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता आर्टिकल 370 के तहत मिले जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे के खत्म होने और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में विभाजित होने के बाद से ही लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में हैं.
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