ब्रिक्स के बहाने चीन को भारत ने कराया कूटनीतिक ताकत का एहसास, वैश्विक राजनय में फैलेगी धमक

चीन से हुई इस द्विपक्षीय वार्ता को दोनों देशों के बीच ‘दीतानते’ (detante) के रूप में देखा जा सकता है. जहां भारत और चीन, एक-दूसरे के महत्वको समझते हुए शांति से विश्व पटल पर बढ़ना चाह रहे हैं.  

प्रधानमंत्री मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर थे, जिसकी मेजबानी रूस ने अपने कजान शहर में किया. ब्रिक्स को पश्चिम का वैकल्पिक गठबंधन माना

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