आरोपों से बरी हुए शख्स को बेल बॉण्ड या सिक्योरिटी भरना क्यों है जरूरी?

सुप्रीम कोर्ट में एक अपराधिक कानून को संवैधानिक मान्यता देने के मामले के बाद आरोपों से बरी हुए आरोपी को बेल बॉन्ड और सिक्योरिटी देने की आवश्यकता पर सवाल खड़े हो गए हैं.

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक आपराधिक कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है, जिसमें बरी किए गए व्यक्ति को भी जेल से रिहा होने से पहले  बॉण्ड भरने और

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