एक्सप्लोरर

Hindi Diwas 2022: इधर हिन्दी-सी माई है, उधर उर्दू-सी खाला है...कितना अतंर है दोनों भाषाओं में ?

Hindi Diwas 2022: आज इन दोनों भाषाओं के इतिहास पर चर्चा करते हुए हिन्दी और उर्दू के बीच के कुछ अंतरों और समानताओं पर नजर डालेंगे....

मैं जब हिन्दी से मिलती हूं, तो उर्दू साथ आती है
और जब उर्दू से मिलती हूं, तो हिन्दी घर बुलाती है

मुझे दोनों ही प्यारी है, मैं दोनों की दुलारी हूं
इधर हिन्दी-सी माई है, उधर उर्दू-सी खाला है

इतिहास के पन्नों को उठा कर देखिए तो सिर्फ यही मिलेगा कि सियासत ने सबकुछ तक़सीम कर दिया. तकसीम मुल्क़ को, क़ौम को, रिश्तों को, मुहाफ़िज़ों को, नदिओं-तलाबों को और सबसे ज़रूरी इंसानों को भी. एक वक्त जो हिन्दुस्तान नाम का जिस्म था वो अचानक बंट गया और एक हिस्सा पाकिस्तान बन गया. इक़बाल की पेशीन गोई और जिन्ना का ख़्वाब ताबीर की जुस्तजू में भटकता हुआ पंजाब के उस पार जा पहुंचा. कई कारवां अपने अनजाने मंजिल की तरफ रवाना हो गए. जब दो मुल्क़ बने तो तो भारत में हिन्दी राजभाषा के तौर पर स्वीकार की गई तो वहीं पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा उर्दू बन गई. हालांकि हिन्दुस्तान में जन्मी उर्दू और हिन्दी में लोगों ने कभी भेद नहीं किया लेकिन भाषाओं पर मज़हबी ठप्पा जरूर लग गया.

हिन्दुस्तान की दो सबसे खूबसूरत ज़बान हिन्दी और उर्दू आपस में बहनों की तरह हैं. चाहे नफरत करने वाले लोग हिन्दी के माथे पर टीका और उर्दू के सर पर टोपी लगाकर इसे मज़हब विशेष की भाषा बनाने की कोशिश करें लेकिन हिन्दी- उर्दू सालों से भाषाई प्रेम करने वाले के लिए मां और मौसी की तरह ही है.

पूरी दुनिभर में यही दो भाषाएं हैं जिनके संज्ञा, सर्वनाम, क्रियापद और वाक्यरचना पूर्णतः समान होने के बावजूद उन्हें दो अलग-अलग भाषाएं माना जाता है. आपको बता दें कि हिन्दी और उर्दू दो इंडो-आर्यन भाषाएं हैं, जो लगभग 2700 साल पहले उत्तरी भारत में संस्कृत से विकसित हुई थीं.

19वीं शताब्दी तक इन दोनों भाषाओं के बीच कोई अंतर नहीं था. इससे पहले, उन्हें "हिंदुस्तानी" कहा जाता था, जो संस्कृत से ली गई भाषा थी, लेकिन अरबी, फारसी और कुछ हद तक, तुर्क प्रभाव के कारण इन भाषाओं में थोड़ी-बहुत अंतर देखने को मिली.

हिन्दी और उर्दू मूलतः एक ही भाषा हैं

दोनों भाषाओं में मुख्य अंतर यह है कि उर्दू अरबी लिपि के साथ लिखी जाती है जबकि हिन्दी मूल रूप से देवनागरी लिपि में लिखी जाती है. उर्दू में हिन्दी की तुलना में बहुत अधिक फ़ारसी और अरबी के शब्दों का इस्तेमाल होता हैं. 

आज हिन्दी दिवस के अवसर पर इन दोनों भाषाओं के इतिहास पर चर्चा करते हुए, हिन्दी और उर्दू के बीच के कुछ अंतरों और समानताओं पर नजर डालेंगे....

उर्दू और हिन्दी भाषाओं का संक्षिप्त इतिहास

आधुनिक हिंदुस्तानी भाषाओं में उनके अधिकांश व्याकरण और शब्दावली संस्कृत से हैं, या अधिक सटीक रूप से शौरसेनी प्राकृत जो लगभग 2700 साल पहले उत्तरी भारत में बोली जाने वाली भाषा थी. यह कविता की भाषा भी थी. धीरे-धीरे भाषा बड़ी मात्रा में साहित्यिक कार्यों का निर्माण करते हुए विकसित हुई और बदल गई, 13वीं शताब्दी में इस्लामी साम्राज्यों के आगमन के साथ भारतीय भाषा में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए.

जब भारत में इस्लामी राजवंशों यानी "दिल्ली सल्तनत" की शुरुआत हुई तो भाषा में सर्वाधिक बदलाव आए. 16वीं शताब्दी में, दिल्ली सल्तनत की जगह मुगल साम्राज्य ने ले ली, जहां हिन्दुस्तानी जबान फारसी और अरबी से अधिक प्रभावित हुए.

हिंदुस्तानी जबान को उर्दू कहा जाने लगा
मुगल काल के दौरान, हिंदुस्तानी भाषा को उर्दू कहा जाने लगा. जब मुगल भारत आए, तो उन्होंने चगताई में बात की, जो एक तुर्की भाषा है. उन्होंने फारसी को अपनी अदालत की भाषा के रूप में अपनाया, लेकिन स्थानीय निवासियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए, उन्हें अपनी भाषा में संस्कृत आधारित शब्दों को शामिल करना पड़ा जिसे मूल लोगों द्वारा समझा जा सकता था. 

19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक (जब ब्रिटिश उपनिवेश, या राज शुरू हुआ) हिंदुस्तानी भाषा ज्यादातर फ़ारसी-अरबी लिपि जिसे "नास्तलीक" कहा जाता है, के साथ लिखा जाता था, लेकिन औपनिवेशिक ताकतों की उपस्थिति ने इस बात पर बहस छेड़ दी कि क्या उर्दू या हिंदुस्तानी का थोड़ा कम इस्लामी-प्रभावित हिन्दी संस्करणआधिकारिक भाषा होनी चाहिए.

भाषा के स्तर पर बंटे लोग

ब्रिटिश सत्ता के दौरान हिंदू और मुसलमान समान रूप से अपनी व्यक्तिगत पहचान के प्रति अधिक जागरूक हो गए थे. हिंदुओं ने अपनी भाषा के कई इस्लामी प्रभावों से खुद को दूर करना शुरू कर दिया. उन्होंने देवनागरी लिपि का उपयोग करना शुरू कर दिया. कई अरबी और फारसी शब्दों को संस्कृत से प्राप्त शब्दों से बदल दिया गया था.

इसी तरह, मुसलमानों ने अरबी या फ़ारसी के शब्दों के साथ "विशुद्ध रूप से" संस्कृत मानी जाने वाली अधिकांश शब्दावली को अपनी भाषा में इस्तेमाल करना बंद कर दिया.

यही वो वक्त था जब भाषा के लिए "उर्दू" और "हिन्दी" नामों का विशेष रूप से उपयोग किया जाने लगा. उर्दू मुस्लिम संस्करण का नाम बन गया, जबकि "हिन्दी" हिंदुस्तानी के उस संस्करण का जिक्र था जो अरबी और फारसी से कम समृद्ध था और जिसमें नस्तालीक़ लेखन प्रणाली के बजाय देवनागरी लिपि का इस्तेमाल किया गया था. आखिरकार, भारत की स्वतंत्रता के साथ, उर्दू पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा बन गई, जबकि हिन्दी भारत में सबसे आम भाषा बनी रही.


उर्दू लेखन प्रणाली और हिंदी के बीच अंतर

उर्दू और हिन्दी के बीच जब अंतर पर बात होती है तो सवाल उठता है कि हिंदुस्तानी भाषा के इन दो रूपों को कैसे लिखा जाता है. हिन्दी संस्कृत लेखन प्रणाली का उपयोग करती है जिसे देवनागरी कहा जाता है. वहीं उर्दू अरबी लिपि के एक अनुकूलित संस्करण का उपयोग करती है, जिसे नस्तालीक़ कहा जाता है.

दूसरा अतंर ये हैं कि उर्दू लिपि जहां दाएं से बाएं लिखी जाती है, वहीं हिन्दी लिपि बाएं से दाएं लिखी जाती है.

देवनागरी एक ध्वन्यात्मक लिपि है, जिसका अर्थ है कि हर चीज का उच्चारण ठीक उसी तरह किया जाता है जैसे वह लिखा गया है. आपको लेखन प्रणाली को जानने और उच्चारण को बस याद रखने की ज़रूरत है.

उर्दू और हिन्दी के बीच शब्दावली में अंतर

रोज़मर्रा की बातचीत में आप शायद दो भाषाओं की शब्दावली के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं देखेंगे. दैनिक चर्चाओं के लिए उर्दू और हिन्दी लगभग पूरी तरह से समान रूप में इस्तेमाल होते हैं. हालांकि जब आप थोड़ी गहराई से देखना शुरू करते हैं, आपको शब्दावली में अंतर दिखाई देने लगता है, खासकर जब अधिक वैज्ञानिक, राजनीतिक  शब्दों की बात आती है.

इस भिन्नता का एक कारण हिन्दुस्तानी भाषा के इतिहास में पाया जा सकता है. जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, यह दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य था जिसने अरबी और फारसी प्रभाव को हिंदुस्तानी भाषा में लाया. दूसरे शब्दों में, विदेशी ऋण-शब्द आक्रमणकारियों के प्रशासन से आए थे और एक कब्जे वाली ताकत होने के कारण, उन्हें शब्दावली की आवश्यकता थी जो विशेष रूप से राजनीतिक थी.

उदाहरण के तौर पर, पहले हिन्दी देखें

सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकार के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है. उन्हें बुद्धि और अंतरात्मा प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए...

अब इसी बात को ऊर्दू में कहने का तरीका और शब्दावली देखिए..

''तमाम इंसान आज़ाद और हक़ीक़त-ओ-इज्ज़त के ऐतबार से बराबर पैदा हुए हैं. इन्हें ज़मीर और अक़्ल जन्मज़ात मिली है, इसलिए इन्हें एक दूसरे के साथ भाई चारे का सुलूक करना चाहिए..''

जैसा कि ऊपर किए गए तुलना से स्पष्ट है कि दोनों बातें एक ही है लेकिन वे पूरी तरह से अलग शब्दावली के साथ व्यक्त किए गए हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऊर्दू में कई शब्द फारसी और अरबी से उधार लिए हुए हैं.  उर्दू संस्करण में पहले कुछ शब्दों को देखिए-, "तमाम", "इंसान" और "हक़ूक़" सभी अरबी से उधार लिए गए शब्द हैं.

क्या उर्दू और हिन्दी एक ही चीज़ है?

अब सवाल है कि इतने सारे अंतर के साथ भी क्या हिन्दी और उर्दू एक ही भाषा है. इसका जवाब है कुछ हद तक ये एक जैसे ही हैं, लेकिन शब्दावली और व्याकरणिक अवस्था की बात करें तो दोनों भाषाओं में अंतर है. हालांकि दोनों हिन्दुस्तान की धरती पर पैदा हुई ज़बान हैं और यहां की मिट्टी से दोनों की खुशबू आती है..किसी का शेर है...

हिन्दी और उर्दू में फर्क है इतना
वो ख्वाब देखते हैं, हम देखते हैं सपना

 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

अरुणाचल पर चीन का दावा, पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकियां... पेंटागन की रिपोर्ट ने कैसे बढ़ाई भारत की टेंशन?
अरुणाचल पर चीन का दावा, PAK से नजदीकियां... पेंटागन की रिपोर्ट ने कैसे बढ़ाई भारत की टेंशन?
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; आसिम मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज!
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज
New Year 2026: साल 2026 में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाएंगी ये फिल्में, 'किंग' से 'रामायण' तक होंगी रिलीज
2026 में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाएंगी ये फिल्में, 'किंग' से 'रामायण' तक होंगी रिलीज

वीडियोज

Sansani: देसी गर्ल की DATE का आखिरी धोखा! | Crime News
Christmas Controversy: क्रिसमस पर क्यों भड़के हिंदू संगठन? | Christmas | Hindi News
Janhit with Chitra Tripathi: 'तीन मूर्ति', एक संदेश...परेशान होंगे ममता-अखिलेश? | Akhilesh Yadav
Bharat Ki Baat: PDA पर आज मोदी vs अखिलेश हुआ! | Akhilesh Yadav | CM Yogi | UP Election 2027
Sandeep Chaudhary: अब क्रिसमस पर घमासान...ये है 'नया हिंदुस्तान'! | Christmas Protest | Assam

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अरुणाचल पर चीन का दावा, पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकियां... पेंटागन की रिपोर्ट ने कैसे बढ़ाई भारत की टेंशन?
अरुणाचल पर चीन का दावा, PAK से नजदीकियां... पेंटागन की रिपोर्ट ने कैसे बढ़ाई भारत की टेंशन?
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
महाराष्ट्र नगर निगम चुनाव: कांग्रेस-उद्धव गुट को लेकर बड़ी खबर, इस पार्टी के लिए भी बढ़ाए 'हाथ'
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; आसिम मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज!
PAK आर्मी के हाथ में होगी पूरे देश की लगाम, PIA पर भी किया कब्जा; मुनीर का मुंह ताकेंगे शहबाज
New Year 2026: साल 2026 में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाएंगी ये फिल्में, 'किंग' से 'रामायण' तक होंगी रिलीज
2026 में बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाएंगी ये फिल्में, 'किंग' से 'रामायण' तक होंगी रिलीज
ओटीटी पर हैं फ्यूचर बताने वाली ये 5 फिल्में, इनमें से एक तो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी
ओटीटी पर हैं फ्यूचर बताने वाली ये 5 फिल्में, इनमें से एक तो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी
'ये बुलडोजर एक्शन धार्मिक नहीं', कंबोडिया में भगवान विष्णु की प्रतिमा गिराने पर भारत ने जताई थी चिंता, अब थाईलैंड ने दी सफाई
'बुलडोजर एक्शन धार्मिक नहीं', भगवान विष्णु की प्रतिमा गिराने पर भारत ने जताई चिंता, थाईलैंड की सफाई
Child Death Rate: 5 साल उम्र होने तक किस धर्म के बच्चे ज्यादा गंवाते हैं जान, इनमें कितने हिंदू और कितने मुसलमान?
5 साल उम्र होने तक किस धर्म के बच्चे ज्यादा गंवाते हैं जान, इनमें कितने हिंदू और कितने मुसलमान?
क्या होता है फिशिंग क्राइम, जिसका सीबीआई ने किया भंडाफोड़? जानें यह कैसे करता है काम
क्या होता है फिशिंग क्राइम, जिसका सीबीआई ने किया भंडाफोड़? जानें यह कैसे करता है काम
Embed widget