शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ होगा श्रीराम लागू का अंतिम संस्कार
श्रीराम लागू का अंतिम संस्कार पहले गुरुवार को होना था. लेकिन बेटे से अमेरिका से इंडिया पहुंचने में देरी की वजह से अंतिम संस्कार को एक दिन के लिए टाल दिया गया है.
पुणे: जाने माने अभिनेता श्रीराम लागू का अंतिम संस्कार शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. रंगमंच के जाने माने अदाकार एवं 92 वर्षीय लागू का मंगलवार शाम पुणे स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने पुणे के कलेक्टर नवल किशोर राम और पुलिस आयुक्त डॉ. के. वेंकटशेम को राजकीय सम्मान की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. पहले उनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को होना था. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि चूंकि दिवंगत अभिनेता के बेटे आनंद लागू अमेरिका में हैं और बृहस्पतिवार तक यहां पहुंच नहीं पाएंगे इसलिए उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा. उन्होंने बताया, ''लोगों के अंतिम दर्शन के लिए लागू का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह यहां बालगंधर्व सभागार में रखा जाएगा.''
1927 में महाराष्ट्र के सतारा में जन्मे और पेशे से प्रशिक्षित ईएनटी (कान, नाक, गला विशेषज्ञ) सर्जन श्रीराम लागू ने राज्य में रंगमंच के विकास में अहम भूमिका निभाई. वह अपने प्रगतिशील एवं तार्किक विचारों के लिए जाने जाते रहे.
डॉक्टरी छोड़कर पूर्ण रूप से अभिनय के क्षेत्र में उतरे लागू ने वी शांताराम की फिल्म 'पिंजरा' (1972) से सिनेमा जगत में व्यावसायिक सफलता की शुरुआत की. अभिनेता के तौर पर मराठी नाटकों जैसे 'नटसम्राट' और 'हिमालयाची साउली' जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से उन्होंने लोकप्रियता बटोरी.
उन्होंने हिंदी फिल्म 'एक दिन अचानक', 'घरौंदा', 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'लावारिस' जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं. रिचर्ड एटेनबरो की फिल्म 'गांधी' में उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले की भूमिका निभाई थी.