Electricity Crisis: गर्मी के मौसम से पहले हरकत में सरकार, ऊर्जा मंत्री ने बिजली कंपनियों से कहा - सुनिश्चित करें, गर्मियों में ना हो बिजली कटौती
Electricity Crisis In India: बीते साल भी गर्मी के मौसम में रिकॉर्ड बिजली की मांग देखी गई थी. और इस वर्ष उससे ज्यादा मांग देखने को मिल सकती है.
Electricity Demand: गर्मी के मौसम के आने से पहले ही तापमान में बढ़ोतरी के चलते आने वाले महीनों में बिजली कटौती की आंशका जताई जा रही है. ऐसे में लोगों को राहत दिलाने और बिजली कटौती को रोकने के लिए ऊर्जा मंत्रालय हरकत में आ गया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह बिजली कंपनियों से हर हाल में ये सुनिश्चित करने को कहा है कि गर्मियों के मौसम में बिजली कटौती का लोगों को सामना ना करना पड़े. उन्होंने सभी स्टेकहोल्डरों से बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने रेलवे, कोयला और ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों से साथ एक अहम समीक्षा बैठक की है. इस बैठक में उन्होंने आने वाले गर्मी के मौसम खासतौर से अप्रैल और मई 2023 में देश में बिजली उत्पादन और सप्लाई के हालात को लेकर समीक्षा की है. ऊर्जा मंत्रालय ने इस बैठक को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सभी स्टेकहोल्डरों से हालात पर करीब से नजर बनाये रखने और आने वाले महीनों में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पहले से कदम उठाने को कहा है. आर के सिंह ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोयले के आवंटन के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाने को कहा है. प्राधिकरण का अनुमान है कि इस वर्ष बिजली की सर्वाधिक मांग अप्रैल में 229 गीगावॉट रह सकती है.
गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली सप्लाई बनाये रखने के लिए बिजली कंपनियों से कोल-बेस्ट पावर प्लांट में पहले ही मेंटेनेंस का कार्य करने को कहा है जिससे संकट वाले काल में मेंटेनेंस की आवश्यकता ना पड़े. सेक्शन -11 के तहत सभी इंपोर्ट आधारित कोल-बेस्ट पावर प्लांट से 16 मार्च 2023 से अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन करने को कहा गया है. थर्मल पावर प्लांट पर कोयले की सप्लाई बढ़ाई जाएगी. बैठक में रेलवे बोर्ड के सदस्य ने कोयले के ट्रांसपोर्ट के लिए पर्याप्त संख्या में रैक उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है. रेल मंत्रालय ने कोल इंडिया और जीएसएस के अलग अलग सब्सिडियरी को 418 रैक उपलब्ध कराने को लेकर सहमति दे दी है. साथ ही रैक की संख्या बढ़ाई जाएगी जिससे पर्याप्त कोल स्टॉक पावर प्लांट में रखा जा सके.
पीक-डिमांड के दौरान गैस-बेस्ड पावर से आपूर्ति की जाएगी. ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी से अप्रैल-मई के दौरान 5000 मेगावाट वाले गैस-बेस्ड पावर प्लांट को चालू रखने को कहा गया है. इसके अतिरिक्त दूसरी गैस-बेस्ड पावर कंपनियां अलग से 4000 मेगावाट बिजली सप्लाई सुनिश्चित करेंगी. गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (GAIL) गैस सप्लाई बनाये रखने को भरोसा दिया है. सभी हाइड्रो पावर प्लांट को रीजनल और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर्स के साथ मिलकर उपलब्धता बनाये रखने के लिए कार्य करने को कहा गया है. नए कोल-बेस्ड पावर प्लांट से 2920 मेगावाट की बिजली का उत्पादन इस महीने के आखिर तक चालू हो जाएगा. मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद बरौनी के दो यूनिट (2X110MW) बिजली संकट में समय में उपलब्ध कराई जाएगी.
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