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Indian Economy: Moody's ने अपनी रिपोर्ट में कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध का नहीं पड़ेगा भारत के इकोनॉमिक रिकवरी पर असर
Indian Economy Update: मूडीज के मुताबिक कोरोना महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने शानदार तरीके से रिकवरी दिखाई है और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते भारत के इकोनॉमिक रिकवरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
![Indian Economy: Moody's ने अपनी रिपोर्ट में कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध का नहीं पड़ेगा भारत के इकोनॉमिक रिकवरी पर असर Moody's Says Russia Ukraine Conflict will Not Derail India's Economic Recovery From Covid-19 Pandemic Indian Economy: Moody's ने अपनी रिपोर्ट में कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध का नहीं पड़ेगा भारत के इकोनॉमिक रिकवरी पर असर](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/7/2018/11/30204003/gdp02.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Moody's On Indian Economy: रूस - यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ( Russia- Ukraine Conflict) के चलते भारत ( India) के आर्थिक विकास ( Economic Growth) की गाड़ी पटरी से नहीं उतरेगी. ये कहना है कि ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडी इंवेस्टर सर्विस ( Moody's Investor Service) का जिसने अपने नोट में ये बातें कही है. मूडीज ( Moody's) के मुताबिक कोरोना महामारी ( Covid-19 Pandemic) के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy) ने शानदार तरीके से रिकवरी दिखाई है और रूस यूक्रेन युद्ध ( Russia- Ukraine War) के चलते भारत के इकोनॉमिक रिकवरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
कम हो रहा युद्ध का असर
मूडीज ने अपने नोट में कहा कि युद्ध के कुछ महीनों के बीत जाने के बाद जो असर का भय ता वो अब कम होता जा रहा है. अपने रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि 2022-23 में भारत का जीडीपी 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो जी-20 देशों में सबसे ज्यादा है.
मूडीज को भरोसा 8.2 फीसदी रहेगा GDP
मूडीज ( Moody's) ने जहां 2022-23 में 8.2 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जता रहा है वहीं दूसरी तरफ आरबीआई ने रूस यूक्रेन युद्ध और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में आए उबाल के चलते अप्रैल में इस वित्त वर्ष में 7.2 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया है. मूडी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध के वैश्विक प्रभावों के चलते महंगाई में बढ़ोतरी होगी वहीं भारत में ब्याज दरें भी बढ़ेंगी और सप्लाई की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है. मूडी के मुताबिक खाने पीने की चीजों की ऊंची कीमतों के चलते देश में महंगाई बढ़ेगी वहीं महंगे ईंधन का व्यापक असर देखने को मिल सकता है. मूडी का मानना है कि मौजूदा क्राइसिस का भारत के बैंकों पर असर नहीं पड़ेगा. भारतीय बैंक कोरोना महामारी के पहले के दौर से ज्यादा अब मजबूत हैं.
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