Year Ender 2018: छोटी फिल्मों ने किया धमाल, बड़ी फिल्मों का बुरा हाल
इस साल कितनी फ़िल्में प्रदर्शित हुईं. उनमें कितनी सुपर हिट रहीं और कितनी हिट या फ्लॉप. सीक्वेल और बायोपिक का जादू चला या नहीं. और किन कलाकारों ने किया दर्शकों के दिलों पर राज. पढ़ें इस सब का आकलन करता, वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना का यह विशेष लेख.
YEAR ENDER 2018: इस साल कितनी फ़िल्में प्रदर्शित हुईं. उनमें कितनी सुपर हिट रहीं और कितनी हिट या फ्लॉप. सीक्वेल और बायोपिक का जादू चला या नहीं. और किन कलाकारों ने किया दर्शकों के दिलों पर राज. पढ़ें इस सब का आकलन करता, वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना का यह विशेष लेख.
छोटी फिल्मों ने किया धमाल, बड़ी फिल्मों का बुरा हाल यूं साल 2018 सिनेमा के लिए कुछ मायनों में तो अच्छा रहा लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरे फिल्मोउद्योग को इस साल ख़ुशी कम और दुःख ज्यादा मिले. जहाँ तक ख़ुशी की बात है तो इस साल छोटी फिल्मों यानी कम बजट की फिल्मों ने तो बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई करने के साथ समीक्षकों का दिल भी जीता. साथ ही साल के अंत में फिल्म प्रतिनिधि मंडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मीटिंग भी तुरंत रंग लाई, जिसमें सिनेमा पर जीएसटी की दरों में कमी होने से फिल्मों की टिकटें सस्ती हो गयीं जिसका लाभ नए वर्ष में मिलना शुरू हो जाएगा. उम्मीद की जा रही है टिकट दर कम होने से थिएटर में दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी,जिससे फिल्मकारों और थिएटर मालिकों की कमाई में भी इजाफा होगा. इसके अलावा इस साल फिल्म-टीवी की दुनिया में करीब 50 कलाकारों की शादियाँ हुईं जिसमें अधिकतर शादी तो नवम्बर-दिसम्बर के महीने में हुईं.
सिर्फ 8 फ़िल्में ही रहीं सुपर हिट
इस साल कुल लगभग 125 हिंदी फ़िल्में प्रदर्शित हुईं लेकिन इन फिल्मों में सिर्फ 25 फिल्मों को ही सफलता मिली. बाकी फ़िल्में धराशायी हो गयीं. सफलता में भी सुपर हिट होने का सौभाग्य सिर्फ 8 फिल्मों को मिला. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन 8 फिल्मों में 6 फ़िल्में कम बजट की, छोटी फ़िल्में ही हैं. जो यह बताता है कि अब फिल्मों में बड़े सितारों के नाम का सिक्का नहीं अच्छी कहानी –पटकथा वाली बेहतरीन फिल्मों का जादू चल रहा है. अब देखिये न जो 6 फ़िल्में सुपर हिट रहीं उनमें बधाई हो, स्त्री, राज़ी, सोनू के टीटू की स्वीटी, अंधाधुन और बागी-2’ फ़िल्में हैं. जबकि जो बड़े बजट की दो फ़िल्में सुपर हिट रहीं उनमें ‘संजू’ और ‘2.0’ ही हैं.
निर्माता विनीत जैन और निर्देशक अमित शर्मा की, आयुष्मान खुराना और सान्या मल्होत्रा और नीना गुप्ता जैसे कलाकारों वाली ‘बधाई हो’ का बजट करीब 28 करोड़ था लेकिन इस फिल्म ने देश में ही करीब 137 करोड़ रूपये की कमाई करके अपना परचम लहरा दिया. ऐसे ही करीब 23 करोड़ के बजट में बनी निर्माता दिनेश विजन और निर्देशक अमर कौशिक की फिल्म ‘स्त्री’ ने करीब 130 करोड़ रूपये की कमाई करके दिखा दिया कि राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर जैसे कलाकारों के दम पर भी फ़िल्में खूब चल सकती हैं.
वहीं इस साल निर्देशक मेघना गुलज़ार की ‘राज़ी’ और निर्माता भूषण कुमार और निर्देशक लव रंजन की फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ तो इस बार ‘छोटा पैक मोटा पॅकेज’ बनकर उभरीं. करीब 30 करोड़ के बजट में बनी आलिया भट्ट, विक्की कौशल की ‘राज़ी’ ने 123 करोड़ रूपये और 30 करोड़ में बनी कार्तिक आर्यन, नुसरत भरुचा और सनी निजर की ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ ने करीब 109 करोड़ रूपये का कारोबार करके सभी को चौंका दिया. ऐसे ही 30 करोड़ रूपये की लागत से बनी फिल्म ‘अंधाधुन’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर 73 करोड़ रूपये की कमाई कर ली. निर्देशक श्रीराम राघवन की इस फिल्म में आयुष्मान खुराना, तब्बू और राधिका आप्टे हैं. इस साल निर्माता नाडियाडवाला ग्रैंडसन की अहमद खान के निर्देशन में बनी टाइगर श्रॉफ और दिशा पटानी की ‘बागी-2’ ने भी 165 करोड़ रूपये का बिजनेस किया. जबकि इस फिल्म का बजट 43 करोड़ रूपये था.
साल की 10 हिट फ़िल्में सन 2018 की उपर दी गईं 8 सुपर हिट फिल्मों के अलावा 10 फ़िल्में ऐसी रहीं जिन्हें हिट फिल्म की श्रेणी में रखा जा सकता है. इन फिल्मों में पद्मावत, पैड़मेन, रेड, हिचकी, 102 नॉट आउट, परमाणु, वीरे दी वेडिंग, धड़क, सत्यमेव जयते और सुई धागा के नाम आते हैं. साथ ही साल की तीन फिल्मों –गोल्ड, ब्लैक पैंथर और केदारनाथ सेमी हिट फ़िल्में रहीं. उधर देश में साल भर में बॉक्स ऑफिस पर सबसे अधिक आय करने वाली फिल्मों में राजकुमार हिरानी की ‘संजू’ रहीं जो कुल 341 रूपये कमाने में कामयाब हुयी. इसके बाद दूसरे नंबर पर संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’ है जिसने 300 करोड़ रूपये का नेट कलेक्शन किया. जबकि तीसरे नंबर पर ‘2.0’ रही जिसके हिंदी संस्करण ने 188 करोड़ रूपये का विशुद्द कारोबार किया है. वैसे यह फिल्म अपने दक्षिण भाषाओँ के संस्करण के साथ कुल 400 करोड़ एकत्र कर चुकी है.
12 फ़िल्में ही पहुंची 100 करोड़ क्लब में इस साल की फिल्मों के आंकड़ों को ध्यान से देखें तो वे बहुत कुछ कहते हैं. जैसे इस बार एक दर्जन फिल्म 100 करोड़ या उससे अधिक की कमाई करने में कामयाब हुईं. लेकिन 100 करोड़ या उससे अधिक की कमाई करने के बाद भी यशराज फिल्म्स की अमिताभ बच्चन, आमिर खान की ‘ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान’ करीब 146 करोड़ और सलमान खान की ‘रेस-3’ भी 169 करोड़ रूपये इकट्ठे करने के बाद भी सफल फिल्मों की श्रेणी में नहीं पहुँच सकीं.
वहीँ ‘पद्मावत’ कमाई के मामले में 300 करोड़ रूपये कमाकर साल में सर्वाधिक कमाई करने वाली दूसरी फिल्म तो बन गयी. लेकिन उसके बावजूद वह सुपर हिट के पायदान की जगह हिट के पायदान तक ही पहुँच सकी. जबकि तब्बू और आयुष्मान खुराना की ‘अंधाधुन’ लगभग 73 करोड़ रूपये का बिजनेस करके ही सुपर हिट फिल्म में शामिल हो गयी. असल में फिल्म के बजट के हिसाब से ही फिल्म के सुपर हिट, हिट या फ्लॉप होने का आकलन किया जाता है. ‘ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान’ और ‘रेस -3’ भी इसीलिए साल की सफल फिल्मों में अपना नाम दर्ज कराने में नाकाम रहीं कि इन दोनों फिल्मों का बजट ज्यादा था और उस हिसाब से कमाई कम.
सीक्वेल और बायोपिक का जादू ख़ास नहीं चला पिछले दो तीन बरसों से जिस तरह बायोपिक और सीक्वेल फिल्मों का जादू दर्शकों के सिर चढ़ कर बोल रहा था, इस साल वह जादू ख़ास नहीं चला. इस साल कुल 9 सीक्वेल फ़िल्में आयीं जिनमें सिर्फ दो सफल रहीं. एक ‘बागी-2’ और दूसरी ‘2.0’. इनमें एक फिल्म ‘हेट स्टोरी-4’ औसत रही, अन्यथा बाकी सभी सीक्वेल फ़िल्में चल नहीं सकीं. जिनमें यमला पगला दीवाना फिर से, हैप्पी फिर भाग जायेगी, नमस्ते इंग्लेंड, विश्वरूपम-2, साहेब बीवी और गैंगस्टर-3 और रेस -3 जैसी फ़िल्में हैं. जिनमें कुछ ने तो बॉक्स ऑफिस पर पानी तक नहीं माँगा.
जहाँ तक बायोपिक की बात है उसमें उनकी स्थिति सीक्वेल फिल्मों के मुकाबले तो अच्छी रही. क्योंकि इस साल सिर्फ चार बायोपिक फ़िल्में ही प्रदर्शित हुईं. जिनमें एक सुपर हिट रही, संजय दत्त की जिंदगी पर बनी-‘संजू’. जबकि तमिलनाडु के एक सामजिक कार्यकर्ता अरुणाचलम मुरुगानन्थम की जीवनगाथा से प्रेरित, आर बाल्की के निर्देशन में बनी अक्षय कुमार की ‘पैडमेन’ हिट फिल्म रही. लेकिन हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के जीवन पर बनी निर्देशक शाद अली की ‘सूरमा’ एक अच्छी फिल्म होने के बावजूद बिजनेस के मामले में औसत फिल्म रही. साथ ही मशहूर उर्दू लेखक सआदत हसन मंटो की जिंदगी पर बनी नंदिता दास की ‘मंटो’ भी कोई करिश्मा करने में नाकाम रही.
फ्लॉप फिल्मों की लम्बी कतार
उपरोक्त उल्लेखित असफल फिल्मों के अलावा ऐसी फिल्मों की लम्बी कतार है जो बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरीं. जिनमें साल के शुरुआत में आई मुक्केबाज़, 1921 और कालाकांदी से लेकर साल के अंत में आई ‘जीरो’ तक बहुत सी फ़िल्में हैं. शाहरुख़ खान की ‘जीरो’ तो इस कद्र फ्लॉप हो गयी है कि फिल्म के लिए 100 करोड़ एकत्र करना भी मुश्किल हो गया है. सलमान खान की ‘रेस-3’ और आमिर खान की ‘ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान’ के फ्लॉप होने से यह साल सबसे बुरा तो खान सितारों की तिकड़ी के लिए रहा. इन फिल्मों के साथ फन्ने खान, पटाखा, भैय्याजी सुपरहिट, मोहल्ला अस्सी, पिहू, हेलिकॉप्टर ईला, लैला मजनू, भावेश जोशी सुपरहीरो, बायोस्कोप वाला, मित्रों, मुल्क, दिल जंगली, जाने क्यूँ दें यारो, वेलकम टू न्यूयॉर्क, नोट पे चोट, अय्यारी, लव पर स्क्वेर फुट, शादी तेरी हम बजायेंगे बैंड, दास देव और फ्राई डे तो सुपर फ्लॉप रहीं.
नए सितारों ने दिल जीता
सही देखा जाए तो इस साल आयुष्मान खुराना, विकी कौशल, कार्तिक आर्यन और राजकुमार राव जैसे नए फिल्म सितारों ने दर्शकों का खूब दिल जीता. इनके अलावा इस साल रणबीर कपूर को ‘संजू’ से लम्बे अरसे बाद सफलता मिली. अक्षय कुमार, अजय देवगन भी ठीक रहे. पर लगता है साल के जाते जाते रणवीर सिंह भी इस खेल में बाज़ी अपने नाम कर सकते हैं. रणवीर सिंह जनवरी में आई अपनी फिल्म ‘पद्मावत’ से तो हर लिहाज से सफल रहे ही अब साल की अंतिम फिल्म ‘सिम्बा’ में भी रणवीर ने जिस तरह खुलकर-जमकर अभिनय किया है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है यह फिल्म अच्छा कारोबार कर सकती है. ‘जीरो’ की असफलता का लाभ भी ‘सिम्बा’ को मिल सकता है.
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