एक्सप्लोरर

राजनीतिक दलों का उद्देश्य राम मंदिर बनाना नहीं, राम मंदिर का मुद्दा जिलाए रखना है!

शिवसेना की कवायद का राष्ट्रीय स्तर पर कोई महत्व नजर नहीं आता है. महाराष्ट्र से बाहर गंभीर और प्रभावी राजनीति करना फिलहाल उसके एजेंडा में भी नहीं है. लेकिन राष्ट्रीय स्तर के चुनाव यानी लोकसभा के चुनावों के लिए उसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा चाहिए ही चाहिए.

अयोध्या में विवादास्पद ढांचा ढहाने के 26 वर्षों बाद यह पहला मौका है जब राम जन्मभूमि किले में तब्दील है. इन हालात के पीछे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना समेत तकरीबन वही संगठन हैं जो 6 दिसंबर, 1992 से पहले लोगों को को अयोध्या लेकर गए थे. एक ओर जहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कार्यक्रम आयोजित किया तो दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद ने धर्मसभा में हुंकार भरी. रिपोर्ट मिल रही है कि अल्पसंख्यक समुदाय के कई परिवार अयोध्या से बाहर जा चुके हैं और लाखों की संख्या में साधु-संत, शिवसैनिक और हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या नगरी में मौजूद हैं. चेहरे बदले हुए हैं, लेकिन उद्देश्य नहीं बदले हैं. किसी गफलत में मत रहिए- राजनीतिक दलों का उद्देश्य मंदिर बनाना नहीं, राम मंदिर का मुद्दा जिलाए रखना है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का अयोध्या कूच एक नई परिघटना है. 1992 में उनके पिताश्री और तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे मुंबई से ही हुंकार भर रहे थे और विवादास्पद ढांचा ढहाने का श्रेय उन्होंने शिवसैनिकों को दिया था. अयोध्या में शिवसेना के वर्तमान कार्यक्रम का सूत्र-संचालन कर रहे वरिष्ठ शिवसेना नेता संजय राउत ने ऐलानिया कहा है कि जब हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है और जब राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक में बीजेपी की सरकार है तो वह मंदिर बनाने की तारीख की घोषणा करके अध्यादेश क्यों नहीं लाती? शिवसेना का मुखपत्र ‘सामना’ अपने एक संपादकीय में लिखता है- "हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व का समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?'' राउत का कहना है कि शिवसेना चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है.

मोहन भागवत बोले- राम मंदिर पर कानून लाए सरकार, इंसाफ में देरी अन्याय के बराबर है

शिवसेना के आक्रामक रुख से स्पष्ट है कि राम मंदिर तो एक बहाना है, असल में उसे बीजेपी को अपने तीरों का निशाना बनाना है. उद्धव ठाकरे को इस बात का पूरा अहसास हो गया है कि बालासाहेब ठाकरे, अटल जी और आडवाणी जी का दौर पूरी तरह गुजर चुका है तथा मोदी-शाह के नेतृत्व वाली बीजेपी महाराष्ट्र में अब उनसे दब कर नहीं रह सकती, उल्टे उसके हिंदुत्व और मराठी अस्मिता के हथियार से राज्य में शिवसेना की जड़ें खोद सकती है. इसलिए अस्तित्व बचाए रखने के लिए उद्धव बीजेपी के अमोघ अस्त्र राम मंदिर और अयोध्या का मुद्दा लपकने की कोशिश कर रहे हैं.

इस बात की भनक आरएसएस और बीजेपी को पहले ही लग चुकी थी. विजयादशमी के मौके पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नवंबर में अयोध्या जाने का ऐलान करने से पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर दी थी और उद्धव ठाकरे की रणनीति पर पानी फेर दिया था. बौखलाए शिवसेना प्रमुख ने संघ प्रमुख को ही निशाने पर ले लिया. बात बढ़ती देख कर आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व हिंदू परिषद ने 25 नवंबर को धर्म संसद का ऐलान कर दिया और पूरे देश से लाखों कार्यकर्ताओं को अयोध्या पहुंचने का आवाहन किया. विहिप के नेताओं ने कहा भी कि आखिर ये समझ के बाहर है कि जब उनका कार्यक्रम पहले से तय था तो शिवसेना के लोगों ने 25 नवंबर का दिन ‘चलो अयोध्या’ के लिए क्यों चुना? मुंबई में जितनी तेजी से उद्धव ठाकरे अयोध्या आने के पहले बयान दे रहे थे और कार्यक्रम बना रहे थे उतनी ही तेजी से विहिप और बीजेपी भी उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में सक्रिय हो रही थी. धर्मसंसद की तारीख को देखते हुए आखिरकार उद्धव ठाकरे एक दिन पहले ही यानी 24 नवंबर को अयोध्या पहुंच गए. यानी बीजेपी डाल-डाल तो शिवसेना पात-पात!

शिवसेना की इस कवायद का राष्ट्रीय स्तर पर कोई महत्व नजर नहीं आता. महाराष्ट्र से बाहर गंभीर और प्रभावी राजनीति करना फिलहाल उसके एजेंडा में भी नहीं है. लेकिन राष्ट्रीय स्तर के चुनाव यानी लोकसभा के चुनावों के लिए उसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा चाहिए ही चाहिए. बीजेपी महाराष्ट्र में बार-बार गठबंधन के संकेत दे रही है लेकिन उद्धव ठाकरे ‘पहले मंदिर फिर सरकार’ की मांग करते हुए अपने पुट्ठे पर हाथ नहीं रखने दे रहे हैं. अयोध्या से महाराष्ट्र को खुद के बीजेपी से बड़ा हिंदुत्ववादी होने का संदेश देना उसका एकमात्र मकसद है. लेकिन आरएसएस के इशारे पर हो रही धर्मसंसद की पूरी कवायद के पीछे सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई भी एक वजह हो सकती है ताकि जनवरी में जब शीर्ष अदालत अगली तारीख तय करने के लिए बैठे तो उसको आस्था के प्रश्न पर गरमाते माहौल का अहसास दिलाया जा सके. बसपा सुप्रीमो मायावती ने तो आरोप मढ़ दिया है कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की घोर असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा नए सिरे से उछाला जा रहा है और यह बीजेपी का एक राजनीतिक स्टंट है, शिवसेना, वीएचपी इसका एक हिस्सा मात्र हैं.

राजनीति करने नहीं आया अयोध्या, चुनाव प्रचार में नहीं होना चाहिए मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल: ठाकरे

मायावती की इस टिप्पणी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि योगी सरकार द्वारा फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या किए जाने तथा विहिप द्वारा धर्मसंसद आयोजित करवाने की टाइमिंग प्रमुख हिंदीभाषी राज्यों के विधानसभा चुनावों से मेल खाती है. 2019 के आम चुनाव से पहले मतों का ध्रुवीकरण इस कवायद का मुख्य लक्ष्य हो सकता है. फायरब्रांड बीजेपी नेताओं के ज्वलनशील बयान आने शुरू हो गए हैं. सांसद साक्षी महाराज ने उन्नाव की एक रैली में बाबरी की तर्ज पर जामा मस्जिद ढहाने का आवाहन कर दिया और दावा किया कि उसकी नीव में भी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां दबी हैं! उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने ललकारा है कि जिस तरह 1992 में संविधान को ताक पर रखकर बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, आवश्यकता पड़ी तो संविधान को ताक पर रखकर राम मंदिर भी बना दिया जाएगा. विहिप नेता साध्वी प्राची ने अगले महीने की छह तारीख को ही राम मंदिर का शिलान्यास करने की बात कही है.

प्रश्न उठता है कि सबका साथ, सबका विकास का नारा देकर चलने वाली बीजेपी क्या अगला आम चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ेगी? अगर ऐसा हुआ तो उसके चौतरफा विकास के दावे की कलई अपने आप खुल जाएगी. यह देखी-भाली राजनीति है कि हर बार चुनाव से ऐन पहले ही हिंदूवादी संगठनों और राजनैतिक दलों को भगवान राम याद आते हैं. पिछले दो दिनों से अयोध्या में विहिप कार्यकर्ता और कुछ बीजेपी विधायक 92 दोहराने की खुली धमकियां देते फिर रहे हैं! योगी सरकार ने भले ही इस धर्मनगरी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी है लेकिन फिलहाल वहां जो विस्फोटक हालात हैं, उनको उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेहद ख़तरनाक बताते हुए फौज तैनात करने की मांग की है. अबकी प्रभु श्री राम भली करें!

(विजयशंकर चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार) लेखक से ट्विटर पर जुड़ने के लिए क्लिक करें- https://twitter.com/VijayshankarC और फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें- https://www.facebook.com/vijayshankar.chaturvedi

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NEET UG 2024: 'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
Ishq Vishq Rebound Screening: शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें की तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें 'इश्क विश्क रीबाउंड' स्क्रीनिंग की तस्वीरें
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
metaverse

वीडियोज

NEET-NET Paper Leak: नेट हो या नीट..छात्रों की मांग पेपर लीक ना हो रिपीट | ABP NewsArvind Kejriwal Gets Bail: अरविंद केजरीवाल को मिली बेल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी जमानत | BreakingSuspense: Assam में फिर से बारिश से हाहाकार..दांव पर लगी 2 लाख जिंदगियां | ABP NewsHeatwave Alert: श्मशान में लाशों की कतार..कोरोना के बाद गर्मी से हो रही इतनी मौतें | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NEET UG 2024: 'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
'मैं लेता हूं नैतिक जिम्मेदारी,' NEET पेपर लीक पर मची रार तो शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात
Ishq Vishq Rebound Screening: शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें की तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में गजब की दिखीं पश्मीना रोशन, रेड आउटफिट में जचीं पलक तिवारी! देखें 'इश्क विश्क रीबाउंड' स्क्रीनिंग की तस्वीरें
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
नीट पेपर लीक मामले में EOU की एक टीम दिल्ली रवाना, क्या कुछ होगा?
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
मक्का में आसमान से बरस रही आग, भीषण गर्मी के कारण अब तक 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की गई जान
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
राजस्थान में चिंकारा हिरणों का गोली मारकर किया शिकार, पशु-प्रेमियों में भारी रोष
Guess Who: जहां पिता करते थे टेबल साफ...स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग, पहचाना?
जहां पिता करते थे टेबल साफ,स्टार बनने के बाद बेटे ने खरीद डाली तीनों बिल्डिंग
90's की 'सोन परी' याद हैं? बच्चों क्या बड़ों में भी था इनका क्रेज, जानें आज कहां हैं और क्या कर रही?
90's की 'सोन परी' याद हैं? जानें आज कहां हैं और क्या कर रहीं?
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
CM अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद पूरी होगी ये प्रक्रिया, तब जेल से आएंगे बाहर
Embed widget