एक्सप्लोरर

ब्लॉग: शिवराज सिंह चौहान का अनशन: दहशत, प्रायश्चित या प्रहसन?

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की उग्रता शांत करने का प्रण लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान फाइव स्टार अनशन पर बैठे, भोपाल के दशहरा मैदान पर इसके लिए किए गए राजशाही इंतजाम में जनता के करोड़ों रुपए फूंक दिए और अगले ही दिन उठ भी गए! कांग्रेस इसे उनकी नौटंकी बता रही है. लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि किसानों की उग्रता अब भी शांत नहीं हुई है और शिवराज ने स्वयं का केजरीवाल कर लिया! दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कनॉट प्लेस में एक विदेशी महिला से हुए गैंगरेप के विरोध में जब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था तब सोशल मीडिया में उनका ख़ूब मज़ाक उड़ा था. शिवराज के अनशन का भी लोगों ने जमकर मजा लिया.

शिवराज लगभग साढ़े 12 सालों से एमपी के सीएम हैं, राज्य की पूरी सरकारी मशीनरी उनकी उंगलियों के इशारे पर नाचती है तो फिर यह अनशन किसके खिलाफ हुआ? किन्हीं फ़ेबिन ऑग्सिटीन ने ट्विटर पर तंज़ कसा- "शिवराज सिंह अनशन पर बैठ रहे हैं, शिवराज सिंह का इस्तीफ़ा मांगने के लिए." पुरानी बस्ती नामक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया- “सर मोदी जी शिवराज को बता दें कि एमपी में भाजपा की सरकार है और वे वहां के मुख्यमंत्री हैं!” श्रीनिवास अय्यर ने लिखा, "अगर वो वाक़ई उपवास कर रहे हैं तो निर्जला उपवास करें ताकि मृत किसानों की आत्मा को शांति मिले!"

अनशन का भावनात्मक ब्रह्मास्त्र नहीं चला

दरअसल किसानों का आंदोलन तोड़ने के लिए जब साम-दाम-दंड-भेद कुछ काम न आया तो शिवराज ने अनशन का भावनात्मक ब्रह्मास्त्र चलाया. 1 जून को आंदोलन शुरू करने का दावा करने वाले आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) से 5 जून को ही ऐलान करवा दिया गया था कि सीएम ने 13 में से 10 मांगें मान ली हैं और आंदोलन समाप्त हो गया है. लेकिन अन्य किसान संगठनों का कहना था कि सरकार ने प्रमुख मांगें तो मानी ही नहीं! इनमें एक तो किसानों पर चढ़ चुके करीब 39000 करोड़ रुपए का कर्ज़ माफ करने की मांग ही थी. अगले ही दिन आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया जिसके नतीजे में मंदसौर के पीपल्या मंडी में पुलिस फायरिंग हुई और 5 किसान मारे गए.

पहले तो शिवराज सरकार ने माना ही नहीं कि आंदोलन करने वाले लोग किसान थे. फिर इस बात से इंकार किया गया कि फायरिंग एमपी पुलिस ने की. शिवराज के सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल का बयान आया- “किसानों को बोनस नहीं देंगे. प्रदेश के किसान साधन संपन्न हैं.' फिर जले पर नमक छिड़कते हुए उनके कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने फरमाया- “जब हम किसानों से ब्याज ही नहीं लेते तो कैसी कर्ज़माफी?' लेकिन इन हथकंडों से बात न बनते देख शिवराज अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर जा बैठे और वादा किया कि राज्य में शांति बहाली होने तक वह पानी के अलावा कुछ ग्रहण नहीं करेंगे लेकिन 27 घंटों के अंदर ही नारियल पानी ग्रहण कर लिया.

किसानों पर गोली चली, सरकार चलती बसी

इतिहास गवाह है कि जिसके भी राज में किसानों पर गोली चली है, उसकी सरकार वर्षों के लिए चली गई. अक्तूबर 1988 में सीएम एनडी तिवारी के राज में मेरठ में पुलिस फायरिंग हुई और 5 किसान मारे गए थे. 1989 में चुनाव हुआ तो तब की गई कांग्रेस सरकार आज तक यूपी में नहीं लौट पाई. 12 जनवरी, 1998 को एमपी के बैतूल जिले की मुलताई तहसील के अंदर हुई पुलिस फायरिंग में 24 किसान मारे गए थे. उस समय सीएम की कुर्सी संभालने वाले दिग्विजय सिंह आज तक नहीं संभल पा रहे हैं. 2007 में नंदीग्राम कांड हुआ जिसमें 14 किसान शहीद हो गए थे. सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य 2011 में ममता बनर्जी से ऐसा चुनाव हारे कि लेफ्ट को पश्चिम बंगाल में आज तक ज़मीन ढूंढ़े नहीं मिल रही. अगस्त 2010 में अलीगढ़ के टप्पल में 3 और 2011 में गौतमबुद्धनगर के भट्टा पारसौल में पुलिस फायरिंग ने 2 किसानों की जान ले ली थी. 2012 के चुनाव में मायावती सीएम की कुर्सी से ऐसे गायब हुईं, जैसे कि गधे के सिर से सींग! 2012 में ही महाराष्ट्र के सांगली में गन्ना किसानों के आंदोलन पर पुलिस की गोली चली थी. 2014 में चुनाव हुए तो कांग्रेस-एनसीपी की सरकार लुप्त हो गई.

इसी खूंखार इतिहास के मद्देनज़र सीएम शिवराज अंदर से बुरी तरह दहले हुए हैं. एमपी में 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं और विरोधी राजनीति उन्हें चारों ओर से घेर लेना चाहती है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलिस को चकमा देते हुए मंदसौर में घुसकर मृतक किसानों के परिवार वालों से मुलाकात की. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आईएएनएस से कहा- “अब वह केजरीवाल जैसे अपने इस ड्रामे पर करोड़ों रुपए उड़ाएंगे.” युवा कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ललकारा- “उपवास नहीं कार्रवाई करिए. मंदसौर के पीड़ित परिवार न्याय का इंतजार कर रहे हैं. बहुत हुई नौटंकी, अब राजधर्म निभाइए.” पूर्व सीएम दिग्विजय़ सिंह भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने ट्वीट किया- "उपवास की बजाए पुलिस को नियंत्रित करें, किसानों पर लगाए गए झूठे मुक़दमे वापस लें और किसानों की मांगें मंज़ूर करें." सीपीएम राज्य सचिव बादल सरोज का आरोप है- “यह कुछ और नहीं बल्कि प्रहसन व हिप्पोक्रेसी है.” आप पार्टी के एमपी प्रभारी गोपाल राय ने हमला किया- “मंदसौर की पुलिस फायरिंग भाजपा की किसान-विरोधी मानसिकता की द्योतक है.”

क्यों फंस गए शिवराज?

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सिखाया था कि अनशन, उपवास और प्रायश्चित सत्याग्रह के ऐसे अंग हैं जो व्यक्ति के मन में शुचिता लाते हैं. अगर ‘अन्नदाता’ की मौत ने शिवराज के मन में सचमुच अपराध बोध की भावना जगाई होती तो किसानों की उग्रता समझाने-बुझाने और उपवास के बिना भी मंद पड़ सकती थी, क्योंकि शिवराज की छवि किसान विरोधी नहीं रही है. जब वह सीएम बने थे तब एमपी की मात्र 7.50 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी लेकिन आज 40 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि सिंचित है. वह नर्मदा का पानी पूरे मालवा तक ले जाने में सफल रहे. उनकी सरकार ने -10% पर किसानों को कर्ज़ दिया. ओला-पाला और अतिवृष्टि के वक्त किसानों में अरबों रुपए का मुआवजा बांटा. दशक भर पहले जिस मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर नकारात्मक थी, वह अपना उत्पादन दोगुना करके देश में ‘धान का नया कटोरा’ बन गया. इस वर्ष प्रदेश की कृषि विकास दर देश में सर्वाधिक 25% रहने का अनुमान है. राज्य को लगातार पांचवीं बार देश का प्रतिष्ठित कृषि-कर्मण पुरस्कार भी मिला है.

लेकिन जिन किसानों के दम पर एमपी ने ये शिखर छुए हैं उन्हीं पर हुई निर्मम पुलिस गोलीबारी ने शिवराज की तमाम कृषि-कामयाबी को मिट्टी में मिला दिया है. इसके भयावह परिणाम का अनुमान शिवराज को है. इसीलिए अनशन-अनशन खेलना प्रायश्चित से कहीं ज़्यादा उनकी दहशत बखान करता है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अरविंद केजरीवाल तुम्हारे लिए एक बुरी खबर है...' जानें अमित शाह ने ऐसा क्यों कहा
'अरविंद केजरीवाल तुम्हारे लिए एक बुरी खबर है...' जानें अमित शाह ने ऐसा क्यों कहा
UP Politics: सपा को चुनाव के बीच दोहरा झटका, 2 दिन में दो पार्टियों ने छोड़ा साथ
सपा को चुनाव के बीच दोहरा झटका, 2 दिन में दो पार्टियों ने छोड़ा साथ
Team India Coach: ये दो विदेशी खिलाड़ी टीम इंडिया का कोच बनने के दावेदार, एक वर्ल्ड चैंपियन तो दूसरा है धोनी का गुरु
ये दो विदेशी खिलाड़ी टीम इंडिया का कोच बनने के दावेदार, एक वर्ल्ड चैंपियन तो दूसरा है धोनी का गुरु
एक अफवाह ने बर्बाद कर दिया करियर, डायरेक्टर संग गुपचुप रचाई शादी, बनीं दूसरी बीवी, पहचाना कौन?
डायरेक्टर संग गुपचुप रचाई शादी, बनीं दूसरी बीवी, पहचाना कौन?
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Prakash Ambedkar Interview: NDA के खिलाफ लड़ाई... MVA में टूट क्यों हुई ? Loksabha Election 2024Delhi News: Swati Maliwal के साथ हुई बदसलूकी को लेकर विपक्ष पर बरसी BJP | ABP News | AAP |Prakash Ambedkar Interview: OBC + दलित + मुसलमान.. बीजेपी को हराने का आंबेडकर प्लान? Loksabha ElectionPrakash Ambedkar Interview: प्रकाश आंबेडकर से दिबांग के तीखे सवाल! | Loksabha Election 2024

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अरविंद केजरीवाल तुम्हारे लिए एक बुरी खबर है...' जानें अमित शाह ने ऐसा क्यों कहा
'अरविंद केजरीवाल तुम्हारे लिए एक बुरी खबर है...' जानें अमित शाह ने ऐसा क्यों कहा
UP Politics: सपा को चुनाव के बीच दोहरा झटका, 2 दिन में दो पार्टियों ने छोड़ा साथ
सपा को चुनाव के बीच दोहरा झटका, 2 दिन में दो पार्टियों ने छोड़ा साथ
Team India Coach: ये दो विदेशी खिलाड़ी टीम इंडिया का कोच बनने के दावेदार, एक वर्ल्ड चैंपियन तो दूसरा है धोनी का गुरु
ये दो विदेशी खिलाड़ी टीम इंडिया का कोच बनने के दावेदार, एक वर्ल्ड चैंपियन तो दूसरा है धोनी का गुरु
एक अफवाह ने बर्बाद कर दिया करियर, डायरेक्टर संग गुपचुप रचाई शादी, बनीं दूसरी बीवी, पहचाना कौन?
डायरेक्टर संग गुपचुप रचाई शादी, बनीं दूसरी बीवी, पहचाना कौन?
Mumbai Metro: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! शाम छह बजे से इन दो स्टेशनों के बीच नहीं चलेगी मुंबई मेट्रो, जानिए कारण
यात्रीगण कृपया ध्यान दें! शाम छह बजे से इन दो स्टेशनों के बीच नहीं चलेगी मुंबई मेट्रो, जानिए कारण
MG Hector Turbo Petrol: 7 का माइलेज, ₹20 लाख की कार; चलाने में आएगा इतना खर्चा, खरीदने से पहले जानिए डिटेल
7 का माइलेज, ₹20 लाख की कार; चलाने में आएगा इतना खर्चा, खरीदने से पहले जानिए डिटेल
सपा और कांग्रेस जीत गए तो लगेगा जजिया कर? CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा दावा
सपा और कांग्रेस जीत गए तो लगेगा जजिया कर? CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा दावा
Lok Sabha Election 2024: 'रायबरेली से राहुल गांधी जीते तो...' बीजेपी नेता हार्दिक पटेल ने किया चौंकाने वाला दावा
'रायबरेली से राहुल गांधी जीते तो...' हार्दिक पटेल का चौंकाने वाला दावा
Embed widget